झाँसी : कार्य बहिष्कार शुरू, प्रदेश में गहराया बिजली संकट
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लि. के विघटन व निजीकरण के प्रस्ताव के विरोध में आज 36 वें दिन माताटीला हाईडिल काॅलोनी स्तिथ कार्यालय मुख्य अभियंता (वि.) झाँसी के प्रांगण में विरोध सभा जारी रही...
- विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के आह्वान पर आंदोलन के अगले चरण में
जिसमें झाँसी जनपद के विद्युत विभाग के समस्त अधिकारियों, अवर अभियंता एवं कर्मचारियों द्वारा सहभाग किया गया। आम जनमानस की समस्याओं को देखते हुए 765/400 के.वी. उपकेंद्र पर पाली में कार्यरत कर्मिकों को छोड़ कर सभी कर्मिकों के द्वारा आंदोलन में अपनी एकता का प्रदर्शन किया गया। पूरे देश में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के सहयोग में हर राज्य में NCCOEEE के आह्वान पर विरोध सभाएँ की गयी।
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आज पूरे प्रदेश में आंदोलन शुरू होते ही जगह जगह विद्युत व्यवस्था चरमराने लगी, अनपरा तापीय परियोजना में 1630 मेगावाट की इकाइयाँ ट्रिप हो गयी, जिसके चलते विद्युत व्यवस्था चरमरा गई। जिला प्रशासन द्वारा लेखपालों, अन्य विभागों के अभियंताओं व कर्मचारियों की ड्यूटी विद्युत आपूर्ति सुचारू रखने हेतु उपकेंद्रों पर लगाई गयी।
उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के द्वारा मा. अपर मुख्य सचिव राजस्व को लिखित में यह कहते हुए कि ”लेखपालों को विद्युत उपकरणों के संचालन, रख-रखाव व विद्युत प्रवाह सम्बन्धी कोई जानकारी नहीं है, ऐसी स्तिथि में पावर हाउस, विद्युत संचार व्यवस्था की क्षति होने के साथ ही जनहानि व कर्मचारियों के जीवन को भी गम्भीर खतरा उत्पन्न हो सकता है। अतः महोदय से निवेदन है कि लेखपालों को विद्युत पावर हाउस ड्यूटी से अवमुक्त करने हेतु सम्बंधित को निर्देशित करने की कृपा करें“।
इसी प्रकार लोक निर्माण विभाग, भा.कि.यू. व अन्य विभागों के संगठनों द्वारा भी बिजली कर्मिकों के निजीकरण के विरोध में कार्य बहिष्कार का समर्थन किया गया है।
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सभा को सम्बोधित करते हुए इ० विनोद जायसवाल, अधि.अभि. ने कहा कि सरकार इस समय हमारे ऊपर जबरदस्ती हड़ताल थोपने का कार्य कर रही है, जबकि हमारा नोटिस अपनी सिर्फ एक जायज माँग निजीकरण को रोकने के लिए सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक कार्यबहिष्कार का है।
जिन वरिष्ठ अधिकारियों की जिला प्रशासनध्ऊर्जा प्रबंधन द्वारा ड्यूटी कंट्रोल रूम इत्यादि में लगायी गयी, उनके द्वारा तत्काल पत्र के माध्यम से उक्त ड्यूटीयों का प्रतिकार किया गया, उनके जज्बे को शत शत नमन। निश्चित तौर पर उनके इस कदम द्वारा नौजवान साथियों व पूरी टीम में मनोबल उच्चतम स्तर पर पहुँचा है व आंदोलन को मजबूती मिली है।
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इ. अनुभव कुमार, अधि.अभि. ने सभा को सम्बोधित करते हुए बताया कि पूर्व में भी निजीकरण के किए गए सभी प्रयोग विफल रहे हैं, चाहे वो आगरा का उदाहरण हो या नोयडा का। निजीकरण किये गए शहरों में जरूरत निजीकरण करने की नहीं है, जरूरत है व्यवस्थाओं व नीतियों में सुधार करने की है। सरकार द्वारा महँगीं दरों पर बिजली खरीद कर प्राइवेट कम्पनियों को कम दामों पर बिजली दी जा रही है, ये कैसी नीति है घाटा तो स्वतः ही हो जाएगा।
ऐसी क्या वजह है जो घाटे में जा रहे विभाग को कोई पूँजीपति आकर खरीदे और घाटे का सौदा करेगा। कोई भी व्यापारी कभी भी घाटे के लिए सौदा नहीं करता है, निश्चित रूप से डाल में कुछ काला है। अगर विभाग घाटे में नहीं है तो बेचा क्यूँ जा रहा है। जैसे एल.आई.सी., एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन आदि जो घाटे में थे ही नहीं उनको भी बेचा गया, इससे स्पष्ट होता है कि सरकार की मंशा बेचने की ही है, सुधार की नहीं। हम अपनी आखरिी दम तक इस विभाग का निजीकरण नहीं होने देंगे।
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रा.वि.प.जू.इ.स.उ.प्र. जनपद शाखा झाँसी के जनपद अध्यक्ष इ. सुनील कुमार ने अपने सम्बोधन में कहा कि विद्युत का प्रयोग केवल औद्योगिक ना होकर हर आम जनमानस, गरीब, मजदूर, किसान के जीवन से भी जुड़ा हुआ है और निजीकरण होने की स्तिथि में आम वर्ग के लिए बिजली की दरें इन लोगों की पहुँच से दूर हो जाएगीं।
ये बड़ा ही आश्चर्यजनक व संदेहास्पद विषय है कि विगत 70 वर्षों से बिजली कर्मिकों के खून पसीने से अर्जित परिसम्मपत्तियों के साथ साथ मानव संसाधन को भी केवल निजी हाथों में बेचने की प्रक्रिया को शुरू व खत्म करने की अभूतपूर्व जल्दबाजी दिखाई जा रही है, जबकि प्रदेश की आम जनता, गरीब, किसान, कर्मचारी के हितों को ताक पर रख दिया गया है।
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विरोध सभा में अधिशासी अभियंता रविंद्र बाबू, शैलेंद्र कटियार, राजवीर सिंह, अनुभव कुमार, नेहा सिंह, डी.यादवेंदु, ए.के.माथुर, मनोज राय, अरविंद कुमार, ओम् प्रकाश, नंदलाल, रामलखन, चंद्रपाल लेखधिकारी नवीन सोनी, सहायक अभियंता चंद्रेश तोमर, शोभित दीक्षित, अम्भुज सिंह, शैलेंद्र सिंह, निखिल जिंदल, नागेंद्र सिंह, पीयूष, चारु यादव, सुनील, धर्मेंद्र, धर्मवीर, कन्हैया लाल, सीमा वर्मा, दिनेश मौर्य, धर्मवीर सिंह, सौरभ निगम, योगेश त्रिपाठी, आलोक प्रकाश, मनोज सोनी, संत कुमार वर्मा, अनिल सागर, अवर अभियंता संजीव प्रभाकर, सुनील कुमार, जगजीत सिंह, रोहित, एम.एम.सिद्दीकी, अखिलेश त्रिपाठी, सुमन, वर्षा, मनीष, अमित सक्सैना, पुष्पेंद्र, दीपा, राम नरेश, माहेश्वरी, पूजा, नेहा, शालिनी, रामकुमार, उमेश एवं कर्मचारीगण कार्यालय सहायक सुमन्त चतुर्वेदी, निशित वास्तव, अजीत, कुलदीप, रणजीत, रवि निरंजन, रवि तिवारी, जितेन्द्र कुमार, वरुण चतुर्वेदी, कृष्णा गोपाल, शिखर, उमेश, शमीम, रामअवतार, प्रमोद, आशीष, दीपक यादव, सतीश कुमार, कालका, नीलम, ज्योति, हेमलता, नंदिनी, फौजिया, दीपिका यादव, एकता, दीप्ति राजपूत, दिलीप, बलदेव, नवाब, निहाल, सूरज, धर्मेंद्र, दिलीप, प्रह्लाद, सुरेंद्र साहू, ज्ञान प्रसाद, अनिल पाल, अभय, अभिषेक ओझा, अविनाश सेंगर, अरविंद साहू, साहिद अली, तरुण, रवि यादव, अजय गुप्ता, जितेंद्र यादव, कमल सिंह, शरद, सोमनाथ, राजेंद्र सिंह, दिनेश प्रजापति आदि समस्त कार्मिक उपस्तिथ रहे। सभा की अध्यक्षता विनोद जयसवाल ने की व संचालन संजीव कुमार प्रभाकर ने किया।