डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय में शिक्षक दिवस पर गरिमामय कार्यक्रम

डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के भूगर्भ शास्त्र विभाग में गुरुवार को शिक्षक दिवस के अवसर पर एक गरिमामय कार्यक्रम...

Sep 11, 2025 - 16:57
Sep 11, 2025 - 16:58
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डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय में शिक्षक दिवस पर गरिमामय कार्यक्रम

ईमानदारी, परिश्रम और अनुशासन से ही सफलता संभव – प्रो. ए. के. सिंह

सागर (म.प्र.)। डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के भूगर्भ शास्त्र विभाग में गुरुवार को शिक्षक दिवस के अवसर पर एक गरिमामय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। इसके पश्चात विभाग के सभी शिक्षकों ने मिलकर केक काटा। शोध छात्रों ने पुष्पगुच्छ एवं उपहार भेंटकर अपने शिक्षकों का सम्मान किया।

विभागाध्यक्ष प्रो. ए. के. सिंह ने स्वागत भाषण में कहा कि शिक्षक दिवस गुरु-शिष्य परंपरा को आगे बढ़ाने और इस विरासत को आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाने का अवसर है। उन्होंने कहा कि ईमानदारी, कठिन परिश्रम, अनुशासन और विनम्रता ही जीवन में सफलता के मूल मंत्र हैं। प्रतिस्पर्धा के इस दौर में वही विद्यार्थी आगे बढ़ेंगे, जो इन गुणों को आत्मसात करेंगे।

प्रो. डी. सी. मेश्राम ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षक सदैव विद्यार्थियों के साथ हैं। वे निसंकोच अपने सवाल पूछें और प्रगति की दिशा में आगे बढ़ें।
डॉ. वी. पी. मालवीय ने कहा कि छात्र और शिक्षक का बंधन तभी सार्थक होता है जब संवाद और सहभागिता बनी रहे। शिक्षा एकतरफा प्रक्रिया नहीं है, बल्कि इसमें पारस्परिक सम्मान आवश्यक है।
डॉ. जी. के. सिंह ने कहा कि व्यक्तित्व निर्माण रोजमर्रा की छोटी-छोटी सीखों से होता है। कक्षा को कभी न छोड़ें, क्योंकि कक्षा ही चरित्र निर्माण की आधारशिला है।
डॉ. राजीव खाल्खो ने कहा कि छात्रों का उत्साह और प्रतिक्रिया शिक्षकों को प्रेरणा देती है।
डॉ. सेल्वा कुमार ने विद्यार्थियों को डॉ. राधाकृष्णन और डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम जैसे महान व्यक्तित्वों से प्रेरणा लेने का संदेश दिया।
डॉ. एन. के. पटेल ने कहा कि सीखने की प्रक्रिया दोतरफा होती है। यदि शिक्षक और छात्र दोनों मिलकर सीखते रहेंगे तो विभाग नई ऊँचाइयाँ हासिल करेगा।

इस अवसर पर प्रो. आर. के. रावत, डॉ. के. के. प्रजापति और डॉ. अदिति शर्मा ने भी विद्यार्थियों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं। कार्यक्रम में छात्रों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं और शिक्षकों के प्रति आभार प्रकट किया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन के साथ समारोह का समापन हुआ।

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