राजस्थानी कला से बुंदेली महिलाएं बनेंगी हुनरमंद
ग्रामीण महिलाओं को बांधनी कला (वस्त्रों की रंगाई) का प्रशिक्षण कनवारा गांव में दिया गया। बांधनी कला राजस्थान की..
ग्रामीण महिलाओं को बांधनी कला (वस्त्रों की रंगाई) का प्रशिक्षण कनवारा गांव में दिया गया। बांधनी कला राजस्थान की प्रसिद्ध कलाओं में से एक है। इसमें कपड़ों पर कई प्रकार के पैटर्न बनाने के लिए कपड़े को धागे से विभिन्न विधियों द्वारा बांधकर रंगा जाता है।
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इससे आकर्षक साडिय़ां, दुप्पटे, चादर, कुशन कवर, मेज पोश, सूट, शर्ट इत्यादि बनाए जाते हैं। बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय द्वारा संचालित किसान प्रगति योजना व गृह विज्ञान महाविद्यालय में संचालित महिला अध्ययन केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यशाला में बंधेज द्वारा वस्त्रों की परिसज्जा का आयोजन किया गया।
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कार्यशाला में 45 महिलाओं और किशोरियों ने प्रतिभाग किया। किसान प्रगति योजना अध्यक्ष डॉ. दीप्ति भार्गव, सहायक प्राध्यापक डॉ. दीक्षा गौतम ने बॉधनी कला पर प्रशिक्षण दिया। किसान प्रगति योजना कुलपति डॉ. यूएस गौतम के मार्गदर्शन में चलाई जा रही है।
इसका उद्देश्य गांवों का विकास, कृषि एवं कृषिगत उद्यमों का विकास तथा महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य के साथ आर्थिक स्वावलंबन है। कार्यक्रम में महिला एवं पुरुष किसानों को गाजरघास प्रबंधन की जानकारी भी दी गई।
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