मप्र में हर समस्‍या समाधान के लिए डायल-112, मुख्‍यमंत्री डॉ मोहन यादव करेंगे शुभारंभ

अब पुलिस (100), स्वास्थ्य/एम्बुलेंस (108), अग्निशमन (101), महिला हेल्पलाइन (1090), साइबर क्राइम (1930), रेल मदद (139), हाईवे एक्सिडेंट रिस्पॉन्स (1099), प्राकृतिक आपदा (1079) और महिला एवं चाइल्ड हेल्पलाइन (181, 1098) जैसी —सभी सेवाएं एक ही नंबर 112 से उपलब्ध होंगी।

Aug 13, 2025 - 20:47
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मप्र में हर समस्‍या समाधान के लिए डायल-112, मुख्‍यमंत्री डॉ मोहन यादव करेंगे शुभारंभ

भोपाल। मध्‍यप्रदेश पुलिस द्वारा प्रदेश की नवीन आपातकालीन सेवा डायल 112 का शुभारंभ मुख्‍यमंत्री डॉ मोहन यादव एवं पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाणा की उपस्थिति में 14 अगस्‍त अपराह्न 12:20 बजे कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्‍ट्रीय कन्‍वेंशन सेंटर भोपाल में किया जाएगा।

इस संबंध में अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक रेडियो/दूरसंचार संजीव शमी ने बताया कि जन-सुरक्षा की दिशा में ऐतिहासिक बदलाव लाते हुए, मध्यप्रदेश ने डायल-100 की गौरवशाली विरासत को आगे बढ़ाते हुए डायल-112 को एकीकृत, स्मार्ट और बहु-एजेंसी आपातकालीन प्रतिक्रिया सेवा के रूप में स्थापित किया जा रहा है। बढ़ती आवश्यकताओं और बहु-एजेंसी समन्वय को देखते हुए, डायल-112 सेवा शुरू की जा रही है।

अब पुलिस (100), स्वास्थ्य/एम्बुलेंस (108), अग्निशमन (101), महिला हेल्पलाइन (1090), साइबर क्राइम (1930), रेल मदद (139), हाईवे एक्सिडेंट रिस्पॉन्स (1099), प्राकृतिक आपदा (1079) और महिला एवं चाइल्ड हेल्पलाइन (181, 1098) जैसी —सभी सेवाएं एक ही नंबर 112 से उपलब्ध होंगी।

तेज़ी से बदलते तकनीकी परिदृश्य और सेवा गुणवत्ता की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, डायल-112 को अधिक कुशल, बुद्धिमान और नागरिक-जागरूक प्रणाली के रूप में पुनः डिज़ाइन किया गया। नई तकनीकों-डेटा एनालिटिक्स, रीयल-टाइम लोकेशन ट्रैकिंग और IoT-के साथ डायल-112 अब सिर्फ प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि खतरे का पूर्वानुमान कर नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी सक्षम है।

बता दें कि मध्यप्रदेश में 1 नवम्बर 2015 को शुरू हुई डायल-100 भारत की पहली केंद्रीकृत, राज्य-व्यापी पुलिस आपातकालीन प्रतिक्रिया सेवा थी। इसने शहरी और ग्रामीण-दोनों क्षेत्रों में त्वरित, तकनीक-सक्षम सहायता उपलब्ध कराते हुए जन-सुरक्षा में नया मानक स्थापित किया।

इस प्रणाली का संचालन भोपाल स्थित अत्याधुनिक सेंट्रल कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से किया गया। नागरिक टोल-फ्री नंबर 100 पर कॉल करते थे, जहां प्रशिक्षित कॉल-टेकर कंप्यूटर-सहायता प्राप्त डिस्पैच सॉफ़्टवेयर के माध्यम से निकटतम उपलब्ध डायल-100 (FRV) की पहचान कर तुरंत रवाना करते थे। इसमें 1,000 जीपीएस-सक्षम चार-पहिया FRV और 150 दो-पहिया इकाइयाँ शामिल थीं, जिन्हें मोबाइल फोन और मोबाइल डेटा टर्मिनल (MDT) से लैस किया गया था। डायल-100 कॉल सेंटर में आपात स्थिति में कॉलर की लोकेशन ट्रेस करने के लिए लोकेशन बेस्ड सिस्टम (LBS) स्थापित है।

पुलिस के ये इमरजेंसी वाहन अतिशीघ्र सहायता स्थल तक पहुंचते हैं, जिससे न्याय को जन-जन के द्वार तक पहुंचाने का संकल्प डायल-100/112 के माध्यम से सार्थक हो रहा है।

डायल-100 द्वारा आपातकालीन सहायता में रिकॉर्ड उपलब्धियां (विगत दस वर्षों में ) डायल-100 सेवा के आरंभ होने से लेकर जून-2025 तक कुल 8,99,04,390 कॉल प्राप्त हुये, जिनमें से 2,07,91,177 कार्यवाही लायक कॉल थे तथा उपरोक्त में से 1,97,02,536 पर डायल 100 द्वारा इवैंट तैयार किए जाकर जनता को मदद पहुंचाई गयी।

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हिन्दुस्थान समाचार

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