रामोत्सव संग बुंदेलखंड गौरव महोत्सव का चढ़ेगा रंग

 राम मंदिर के भव्य उत्सव के साथ ही सरकार ने सैलानियों को वीरता के महोत्सव में सराबोर करने की पूरी तैयारी कर ली है। मजबूत दीवारें, बुलंद दरवाजे और अभेद्य किले जिसकी पहचान हैं...

रामोत्सव संग बुंदेलखंड गौरव महोत्सव का चढ़ेगा रंग

 राम मंदिर के भव्य उत्सव के साथ ही सरकार ने सैलानियों को वीरता के महोत्सव में सराबोर करने की पूरी तैयारी कर ली है। मजबूत दीवारें, बुलंद दरवाजे और अभेद्य किले जिसकी पहचान हैं। ऐसी भूमि जिसने वीरता के आयाम गढ़े। वह मिट्टी जिसने शोणित की ऐसी धार बहाई कि उसकी कहानी यूरोपियन युद्ध लड़ने जा रहे सैनिकों तक को सुनाई गई। जिसने राजाओं को कामयाबी की बुलंदी छूते और हमलावरों को धूल चाटते देखा। मध्य भारत का वह हिस्सा जो अपनी ऐतिहासिक इमारतों, सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक खूबसूरती के किस्से गर्व से सुना रहा है। बुंदेला राजाओं की ऐसी ही अनेकों वीरगाथाएं और प्राकृति के मनमोहक रूप से देश और दुनिया के लोगों को रूबरू कराने जा रहा है बुंदेलखंड गौरव महोत्सव। 

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उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित यह महोत्सव 23 जनवरी से 18 फरवरी तक पर्यटकों को विशेष अनुभव प्रदान करेगा। इस महोत्सव का हिस्सा बनने वालों को हैरिटेज वॉक के दौरान बुंदेलखंड के किलों का गौरवशाली इतिहास जानने का अवसर मिलेगा। इतना ही नहीं हॉट एयर बलून के माध्यम से कोहरे की चादर में लिपटे शहर का विहंगम दृश्य भी देखने को मिलेगा। वॉटर स्पोर्ट्स की चाहत रखने वालों के लिए बोट राइडिंग से लेकर कयाकिंग तक की व्यवस्था की गई है।
इन तारीख में अयोजित होगा महोत्सव
झांसी:  23 से 25 जनवरी
ललितपुर : 28 से 29 जनवरी
जालौन : 1 से 2 फरवरी
हमीरपुर : 5 से 6 फरवरी
महोबा : 9 से 10 फरवरी
चित्रकूट : 13-14 फरवरी
बांदा: 16 से 18 फरवरी

इतिहास के गलियारों की सैर कराएगी हैरिटेज वॉक
महोत्सव में मुख्य आकर्षण का केंद्र हैरिटेज वॉक होगी। बुंदेलखंड की वीरता का जिक्र आल्हा-ऊदल की वीर गाथाओं के बिना भला कैसे पूरा हो सकता है। जिनके बारे में कहा जाता है कि यूरोपियन युद्ध लड़ने जा रहे सैनिकों में जोश भरने के लिए उन्हें आल्हा-ऊदल की कहानी सुनाई गई थी। बुंदेलखंड की ऐसी अनेकों वीर गाथाएं पर्यटकों को गौरव महोत्सव की इस वॉक में सुनने को मिलेंगी। इसकी शुरुआत वीरता और स्वाभिमान की धरती झांसी से होगी। यहां लोगों को बुंदेला राजा उदित सिंह द्वारा बनवाए गए बरुआसागर किले का इतिहास और उससे जुड़ी जानकारी मिलेगी। इसे रानी लक्ष्मीबाई के समर पैलेस के नाम से जाना जाता था। ललितपुर में पर्यटकों को देवगढ़ स्थित दशावतार मन्दिर के बारे में जानकारी मिलेगी। गुप्त काल में बना  देवगढ़ स्थित यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है, जहां उनके दस अवतार के दर्शन कर सकते हैं। इतना ही नहीं ललितपुर स्थित तालबेहट का किला जिसे राजा मर्दन सिंह ने बनवाया था। उन्होंने 1857 की क्रांति में रानी लक्ष्मीबाई का साथ दिया था। जालौन जिले में होने वाली हैरिटेज वॉक में 1857 की क्रांति का गवाह काल्पी का किला, चंबल घाटियों में गहराई पर स्थित रामपुरा फोर्ट और यमुना नदी के तट पर बसा जगम्मनपुर के किले का इतिहास जानने को मिलेगा। हमीरपुर में आयोजित होने वाली हैरिटेज वॉक सरीला किला और राम जानकी मंदिर का इतिहास और उसकी वास्तुकला के बारे में जानने का मौका मिलेगा। महोबा में हैरिटेज वॉक में रहेलिया सूर्य मंदिर का इतिहास पता चलेगा, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह कोर्णार्क के सूर्य मंदिर से भी प्राचीन है। इसके अलावा खखरा मठ और जैन गुफाएं भी घूम सकते हैं। वहीं चित्रकूट में गणेश बाग और मड़फा का किला घूम सकते हैं जिसके बारे में कहा जाता है कि वह ऋषि-मुनियों का प्रिय तपोवन रहा है। अखिर में बांदा स्थित कलिंजर किले का इतिहास भी वॉक के माध्यम से जान सकते हैं, जहां का नीलकंठ मंदिर प्रसिद्ध है। पर्यटन विभाग यहां पर शानदार टेंट सिटी का भी आयोजन करा रहा है।

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हॉट एयर बलून और योग से होगी शुरुआत
अलग-अलग तारीख पर सभी सात जनपदों में आयोजित होने वाले गौरव महोत्सव की शुरुआत ग्रीन फायरक्रेकर शो के साथ होगी। इसके बाद लोग नि:शुल्क हॉट एयर बलून की सैर और योग कर सकेंगे। इतना ही नहीं विभाग द्वारा वेलनेस टूरिज्म को ध्यान में रखते हुए योग की भी व्यवस्था की गई है। महोत्सव में शामिल होने वाले लोग योग एक्सपर्ट्स की देखरेख में न सिर्फ योग कर सकेंगे बल्कि उनसे विभिन्न आसान सीख सकेंगे। इसके अलावा संगीत कार्यक्रम होगा।

वॉटर स्पोर्ट्स में संभावनाएं बढ़ाता बुंदेलखंड
युवाओं में वॉटर स्पोर्ट्स की दिलचस्पी को देखते हुए पर्यटन विभाग ने बुंदेलखंड गौरव महोत्सव में इसकी विशेष व्यवस्था की गई है। महोत्सव में शामिल होने वाले लोगों को बोट राइड से लेकर रिंगों राइड, ड्रैगन राइड, बनाना राइड और कायकिंग जैसे वॉटर स्पोर्ट्स का अनुभव लेने का अवसर मिलेगा। झांसी में बेतवा नदी के तट पर यह नॉटघाट पर, ललितपुर में सुमेरा झील पर हमीरपुर में मौदहा बांध पर, महोबा में कीरत सागर झील पर और बांदा में नवाब टैंक पर पर्यटक वॉटर स्पोर्ट्स का आनंद ले सकेंगे। इतना ही नहीं भविष्य में वॉटर स्पोर्ट्स को विस्तार देने के लिए पैरासेलिंग को शामिल करने की संभावना है। वॉटर स्पोर्ट्स के अलावा म्यूजिकल इवेंट्स भी महोत्सव की भव्यता को बढ़ाएंगे। इस क्रम में झांसी के दीन दयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम, ललितपुर में श्री कल्याण सिंह ऑडिटोरियम, जालौन में टाउन हॉल ऑडिटोरियम, हमीरपुर में पुलिस लाइन ग्राउंड, महोबा में मुक्ताकाशी मंच, कीरतसागर, चित्रकूट में रामायण मेला मैदान और बांदा में मेला ग्राउंड कलिंजर फोर्ट में म्यूजिकल इवेंट्स का आयोजन होगा। 

राजस्थान जैसी भव्यता वाली टेंट सिटी
बुंदेलखंड महोत्सव में कलिंजर फोर्ट टेंट सिटी सबके आर्कषण का केंद्र होगी। पर्यटन विभाग ने पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए कलिंजर फोर्ट टेंट सिटी बनेगी, जहां पर 5 स्टार होटल जैसी सुविधाएं मिलेंगी। यह आयोजन आखिरी चरण में बांदा जिले में स्थित एतिहासिक कलिंजर फोर्ट में होगा। कलिंजर आने वाले पर्यटकों के लिए यह पहला अनुभव होगा जब वो यहाँ की सुंदर वादियों में लक्ज़री टेंट में रहने का आनंद ले सकेंगे। इनमें एसी और डिलक्‍स कैटिगरी के टेंट उपलब्‍ध होंगे। जिसमें चाय नाश्‍ते से लेकर लंच और डिनर तक की सुविधा भी मिलेगी। यहां पर्यटक बुकिंग कराने के बाद आराम से रुक सकते हैं। आधुनिक व लक्जरी टेंट सिटी बुंदेलखंड के पर्यटन को नया आयाम देगी। आधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण इस सिटी में 75 टेंट लगेंगे। इसके प्रत्येक लक्ज़री टेंट करीब 525 फीट के होंगे, जिसमें बेडरूम, टॉयलेट और सिटिंग एरिया में सोफा व टेबल की भी सुविधा मिलेगी

मिलेगा पर्यटन को बढावा – पर्यटन मंत्री
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने कहा कि बुन्देलखण्ड गौरव महोत्सव में  विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से पर्यटकों एवं सैलानियों को बुन्देलखण्ड के लगभग सभी जनपदों में मौजूद ऐतिहासिक, धार्मिक एवं पौराणिक महत्व के स्थलों के बारे में जानकारी दी जायेगी। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय स्तर पर रोजगार के साधन भी सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड के पिछड़ेपन को दूर करने में पर्यटन की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी, क्योंकि एक पर्यटक कम से कम 06 लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करता है।
 

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