डिफेंस कॉरिडोर- 4 जिलों में 1346 हेक्टेयर भूमि पर काम शुरू
देश का डिफेंस कॉरिडोर देश को रक्षा उत्पादों और उपकरणों के निर्माण में आत्मनिर्भर बनाएगा। प्रदेश सरकार की ओर से लखनऊ कानपुर, झांसी, चित्रकूट, अलीगढ़..
बुंदेलखंड के झांसी और चित्रकूट की बदलेगी तस्वीर
देश का डिफेंस कॉरिडोर देश को रक्षा उत्पादों और उपकरणों के निर्माण में आत्मनिर्भर बनाएगा। प्रदेश सरकार की ओर से लखनऊ कानपुर, झांसी, चित्रकूट, अलीगढ़ और आगरा में स्थापित किए जा रहे कार्य दौर में 50,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश होगा और 2 लाख से ज्यादा लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। इससे बुंदेलखंड का आर्थिक पिछड़ापन दूर होगा।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनवरी 2018 में लखनऊ में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट में प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर बनाने की घोषणा की थी। उसके बाद प्रदेश सरकार ने डिफेंस कॉरिडोर की स्थापना का काम शुरू किया। पहले चरण में झांसी, कानपुर, अलीगढ़ और चित्रकूट में करीब 1455 हेक्टेयर भूमि को चिन्हित किया गया।
इसमें से 1346 हेक्टेयर भूमि की खरीद और अधिग्रहण की कार्रवाई पूरी हो गई है। इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के लिए सैन्य उपकरण तोप के गोले कारतूस फाइटर विमान वरुण वार्ड रूम और रूम जून जून बनाने वाली इकाइयां लगेगी। इसके लिए पहले चरण में झांसी जनपद में गरौठा तहसील के गांव एरच, गेंदा कबूला ,झबरा नेकारा, कठरी में 871 हेक्टेयर जमीन ली जानी थी इसमें से 447 हेक्टेयर जमीन ली जा चुकी है।
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औद्योगिक निवेश और विकास के साथ-साथ होगा रोजगार का सृजन
उत्तर प्रदेश में डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग काॅरिडोर की स्थापना लखनऊ, कानपुर, आगरा, झांसी, चित्रकूट और अलीगढ़ जनपदों में की जा रही है। राज्य सरकार ने इन जनपदों के सम्पूर्ण भौगोलिक क्षेत्र को डिफेन्स काॅरिडोर में समाहित किया है।
उत्तर प्रदेश सरकार बीते वर्षों से ही घरेलू रक्षा विनिर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए बड़े और कड़े कदम लगातार उठा रही है। उत्तर प्रदेश में डिफेंस काॅरिडोर की स्थापना 6 जनपदों के 5,072 हेक्टेयर क्षेत्रफल में की जा रही है। इस काॅरीडोर का सबसे अधिक लाभ बुंदेलखण्ड को होगा।
झांसी में 3,025 हेक्टेयर, कानपुर में 1,000 हेक्टेयर, चित्रकूट में 500 हेक्टेयर और आगरा में 300 हेक्टेयर भूमि पर काॅरिडोर के नोड्स स्थापित किये जा रहे हैं। इसके अलावा इस डिफेंस काॅरीडोर का विशेष हिस्सा लखनऊ और अलीगढ़ जनपदों में भी स्थापित होगा।
प्रदेश के अपर मुख्य सचिव एवं यूपीडा के कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी का कहना है कि रक्षा गलियारे के 6 नोड में अलीगढ़ पहला नोड है, जिसकी 100 फीसदी भूमि अधिग्रहीत करके उद्यमियों को आवंटित कर दी गई है।
बुंदेलखंड के झांसी व चित्रकूट से लेकर पश्चिम के अलीगढ़ तक बन रहे रक्षा गलियारे में अब तक छोटे और मझोले उद्योगों ने 400 करोड़ रुपए का निवेश किया है। रक्षा गलियारे के तहत अलीगढ़ में 30 निवेशकों को सौ फीसदी जमीन का आवंटन भी कर दिया गया और साथ ही काम शुरू हो गया है।
रक्षा गलियारे के तहत अलीगढ़ में 45.82 हेक्टेयर जमीन पर डिफेंस पार्क बन रहा है। इस पार्क में सेंटर ऑफ एक्सिलेंस, डिफेंस फूड रिसर्च ऐंड मैन्युफैक्चरिंग प्लांट, डिफेंस इनोवेशन हब, डिफेंस एडमिनिस्ट्रेटिव हब स्थापित किए जा रहे हैं। यहां शुरुआत में प्रत्यक्ष रूप से 2 लाख से अधिक रोजगार के मौके पैदा होंगे।
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यूपी के अलीगढ़ डिफेंस पार्क में त्रिवेणी इंजीनियरिंग ऐंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड और ओशो कॉर्प ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड 200-200 करोड़ रुपए का निवेश कर रही है।
एंकर रिसर्च लैब एलएलबी 100 करोड़ रुपए, पी2 लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड 90 करोड़ रुपए, एलन ऐंड एलवॉन प्राइवेट लिमिटेड, 30.75 करोड़ रुपए, नित्या क्रिएशन 12 करोड़ रुपए, सिंडीकेट इनोवेशन इंटरनैशन लिमिटेड 150 करोड़ रुपए, पीबीएम इंसुलेशन प्राइवेट लिमिटेड 3.69 करोड़ रुपये, मेसर्स अनु ओवरसीज 20 करोड़ रुपये, दीप एक्सप्लो इक्विपमेंट प्राइवेट लिमिटेड 10.35 करोड़ रुपये के निवेश के साथ अपनी इकाई लगा रही हैं।
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