बांदाःइस मांग को लेकर महिलाओं ने डण्डा लेकर शुरू किया सत्याग्रह

चित्रकूट मंडल मुख्यालय और बांदा विधानसभा क्षेत्र से मात्र 15 किलोमीटर दूर राजाराम का पुरवा में संपर्क मार्ग नहीं है। इसके लिए ग्रामीण कई बार ...

बांदाःइस मांग को लेकर महिलाओं ने डण्डा लेकर शुरू किया सत्याग्रह

चित्रकूट मंडल मुख्यालय और बांदा विधानसभा क्षेत्र से मात्र 15 किलोमीटर दूर राजाराम का पुरवा में संपर्क मार्ग नहीं है। इसके लिए ग्रामीण कई बार अफसरों के कार्यालयों में दस्तक दे चुके हैं। फिर भी उनकी मांग पूरी नहीं हुई। जिससे दुखी होकर गांव की महिलाओं ने डण्डा लेकर सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया है। इनका समर्थन करते हुए चिंगारी संगठन ने चेतावनी दी है अगर मांग जल्दी नहीं पूरी की गई तो 40 गांव में एक साथ सत्याग्रह शुरू होगा। 

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राजाराम का पुरवा जनपद मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर बांदा विधानसभा क्षेत्र का गांव है। इस गांव तक पहुंचने के लिए फिलहाल कोई मार्ग नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि हमें आज भी गांव से पगडंडियों या दूसरे लोगों की जमीन से निकल कर जाना पड़ता है। संपर्क मार्ग न होने के कारण गांव का एक भी बच्चा स्कूल नहीं जा पा रहा है। स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मरीज को चारपाई में लिटा कर ले जाया जाता है। हम लंबे समय से संपर्क मार्ग की मांग कर रहे हैं। किंतु किसी ने आज तक हमारी तरफ नजर उठाकर भी नहीं देखा है। हमने 6 जून 2023 को जिला अधिकारी को पत्र भेजकर संपर्क मार्ग बनवाने की मांग की थी, किंतु प्रशासनिक स्तर पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसलिए पूर्व में जिला प्रशासन को भेजे गए पत्र के अनुसार आज गांव की हम सभी महिलाओं ने गांव में ही सत्याग्रह प्रारंभ कर दिया है।

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सत्याग्रह में बैठी गांव की वंदना ने कहा कि हम कुछबंधिया समुदाय के लोग हैं हमारे साथ आज भी भेदभाव किया जा रहा है। हमने प्रशासन से मात्र 300 मीटर संपर्क मार्ग की मांग की थी, किंतु हमारे प्रार्थना पत्र को रद्दी की टोकरी में डाल दिया गया है। हमने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बताए मार्ग पर चलकर सत्याग्रह का निर्णय लिया है। जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाएंगी तब तक सत्याग्रह चलता रहेगा। सत्याग्रह में शामिल होने वाली अर्चना देवी (बान बाबा का पुरवा) ने कहा कि बान बाबा के पुरवा में 6 माह से हैंडपंप खराब है। हैंडपंप ठीक कराने के लिए कई बार प्रार्थना पत्र दे चुके हैं किंतु किसी ने सुध नहीं ली। चिंगारी संगठन की संयोजिका मोबीना न कहा कि हर व्यक्ति को सम्मान व गरिमा की जिंदगी जीने का अधिकार है। सामाजिक सुरक्षा की योजनाएं हर हाल में पात्र लोगों तक पहुंचाई जानी चाहिए। यहां के लोगों ने केवल एक ही मांग की थी कि गांव तक संपर्क मार्ग बनवा दिया जाए। किंतु जिम्मेदार अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने यह भी नहीं किया। चिंगारी संगठन सत्याग्रह का समर्थन करता है यदि यहां के लोगों की समस्याओं का तत्काल समाधान नहीं किया गया तो चिंगारी संगठन के सदस्य अपने अपने गांव में जिनकी संख्या 40 है सत्याग्रह प्रारंभ करेंगे।

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वही श्यामकली ने इस गांव की सामान्य जानकारी देते हुए बताया कि इस गांव में 49 परिवार हैं, जिनमें कुल 14 परिवारों के जॉब कार्ड बने हैं। पिछले 5 साल से किसी को काम नहीं मिला है, जबकि 44 परिवार भूमिहीन है और सभी मजदूरी करते हैं। 46 परिवार साहूकार के कर्जदार हैं कर्ज की ब्याज लगातार बढ़ रही है। यहां मजबूरी में लोग 10 रुपये की दर से ब्याज का पैसा लेते हैं। कुल 25 लोगों के ही राशन कार्ड बने हैं। आवास के लिए सभी पात्र हैं फिर भी कुल 13 परिवारों को ही आवास दिए गए हैं।

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