बांदा का कौन है तीसरा शख्स, जिसका मन की बात में पीएम ने किया उल्लेख
सूखे बुंदेलखंड में गांव को पानीदार बनाना बेहद दुष्कर कार्य है। फिर भी जिले के कई किसान और समाजसेवी गांव का पानी गांव में व खेत का पानी खेत के...
सूखे बुंदेलखंड में गांव को पानीदार बनाना बेहद दुष्कर कार्य है। फिर भी जिले के कई किसान और समाजसेवी गांव का पानी गांव में व खेत का पानी खेत के फार्मूले को अपनाते हुए इस मुहिम में जुटे हुए हैं। जिसमें उन्हें सफलता भी मिल रही है। जल संरक्षण के इस अभियान को अंजाम देने वाले पुरोधाओं को प्रधानमंत्री न न सिर्फ शाबाशी दे रहे हैं बल्कि दूसरों के लिए प्रेरणादायक बता रहे हैं। जिले के तुलसीराम यादव तीसरे शख्स हैं जिनका प्रधानमंत्री ने 102 वें एपिसोड श्मन की बात में उल्लेख करते हुए इनकी न सिर्फ सराहना की है बल्कि उनसे प्रेरणा लेने की बात कहीं है।
यह भी पढ़ें-शिवरंजनी तिवारी ’प्राणनाथ‘ से नही कह सकी मन की बात,बागेश्वर बाबा से बिना मिले लौटना पडा
जल संरक्षण की यह मुहिम जिले के जखनी ग्राम से शुरू हुई थी। समाजसेवी उमा शंकर पांडे के कठिन परिश्रम से जखनी गांव जल ग्राम घोषित हुआ। इस गांव का भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उल्लेख किया था और इसी वर्ष उमा शंकर पांडे के जल संरक्षण के लिए किए गए कार्यों को देखते हुए पद्मश्री से सम्मानित किया गया। इसी तरह 2021 में बबेरू तहसील के अधांव गांव में रामबाबू तिवारी ने गांव का पानी गांव में व खेत का पानी खेत में रोकने को नजीर मानकर इसे गांव वालों को भी समझाया। जिससे यह गांव भी जल संरक्षण के मामले में अव्वल साबित हुआ। प्रधानमंत्री ने इसके लिए रामबाबू तिवारी का नाम लेते हुए उनकी सराहना की थी।
अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांदा के ब्लॉक बड़ोखर खुर्द के गांव लुकतरा और लुकतरा के प्रधान तुलसीराम यादव की तारीफ अपने मन की बात कार्यक्रम के 102वें एपिसोड में की है।
यह भी पढ़ें-इस 5 वर्षीय बच्चे ने खोला बाबा की हत्या का राज,हत्यारे का नाम सुन सब रह गए दंग
मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने बांदा का जिक्र करते हुए लुकतरा के ग्राम प्रधान तुलसीराम यादव द्वारा किए गए. जल संरक्षण के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्हें दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत बताया है। दरअसल लुकतरा गांव कुछ साल पहले तक जल संकट से बुरी तरह प्रभावित था। गांव के चंद तालाब पूरी तरह से सूख चुके थे और गांव में पानी की जबरदस्त किल्लत थी। लेकिन ग्राम प्रधान बनने के बाद ग्राम प्रधान तुलसीराम यादव ने इस जल संकट को खत्म करने का प्रण लिया और सरकार की सभी जल संकट खत्म करने के लिए की जा रही योजनाओं को गांव की धरती पर तत्परता से लागू किया। गांव के अंदर और चारों तरफ 40 तालाब खुदवाकर उसकी कनेक्टिविटी नहरों से करा दी। इसके साथ ही “खेत का पानी खेत में और गांव का पानी गांव में” के स्लोगन को पूरी तरह चरितार्थ करते हुए गांव का सिस्टम ऐसा बनाया कि बारिश में पूरे गांव का पानी इधर-उधर बर्बाद न बहकर सीधे तालाबों में जाता है। यही वजह है कि बांदा के गांव लुकतरा और उसके ग्राम प्रधान तुलसीराम यादव की चर्चा पीएम मोदी ने मन की बात करते हुए उन्होंने दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत बताया है। उधर, पीएम द्वारा कार्यों की सराहना किए जाने पर प्रधान काफी गदगद हैं। उन्होंने कहा कि अब वह पानी बचाने के लिए दोगुने जोश के साथ गांव और गांव के बाहर काम करेंगे।