थम नहीं रहा ट्रेनों से प्रवासी मजदूरों का आना, 25 दिनों में 33 हजार आए
बाँदा,
देश के विभिन्न शहरों मुंबई, सूरत, अहमदाबाद, दिल्ली में काम करने वाले मजदूर लॉक डाउन के कारण श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनों में लगातार वापस आ रहे हैं। अगर केवल बुन्देलखण्ड के बांदा जनपद की बात करें तो यहां 22 दिनों में 25 ट्रेनें आई हैं जिसमें अब तक 33000 मजदूर वापस आ चुका है। इन मजदूरों में प्रदेश के गैर जनपदों के भी श्रमिक शामिल है। इन मजदूरों के अपने घर वापसी के कारण अब कोरोनावायरस का प्रकोप गांव में भी बढ़ने लगा है।
लॉक डाउन के कारण महानगरों में काम करने वाले मजदूरों के पास जमा पूंजी खत्म हो गई, फैक्ट्रियां बंद होने से वह बेरोजगार हो गए, उनके सामने रोजी-रोटी की समस्या पैदा हो गई। दूसरी ओर कोरोना महामारी का जानलेवा प्रकोप जिससे भयभीत मजदूरों का अपने घरों में वापसी का सिलसिला जारी है। हालांकि उनके अपने पैतृक गांव में वापसी से ग्रामीण इलाकों में भी कोरोना की एंट्री हो गई है। अब ज्यादातर कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या गांव में ही बढ़ रही है।
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संक्रमित महानगरों से वापसी
महाराष्ट्र में इस समय सबसे ज्यादा संक्रमित शहरों में मुंबई है, इस शहर से ट्रेनों से आ रहे श्रमिकों की संख्या ज्यादा है। इसी तरह गुजरात में अहमदाबाद और सूरत भी संक्रमित शहरों में शामिल हैं। उधर दिल्ली में भी संक्रमित मरीजों की संख्या होने से यहां आने वाले भी श्रमिक संक्रमित पाए जा रहे है। यही वजह है कि उनके आने से एक बार फिर ग्रामीण इलाकों में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं।
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अब तक आई श्रमिक एक्सप्रेस
बांदा जनपद में सबसे पहले 7 मई को 12 सौ श्रमिक सूरत गुजरात आये थे। 13 को बड़ोदरा से 1540, 14 मई को सूरत से आई ट्रेन मे 1691, 15 मई को सूरत गुजरात से 1783, इसी दिन मुंबई से 1275, इसी दिन तीसरी ट्रेन अहमदाबाद से आई 1901, 16 को सूरत से आई ट्रेन में 1700 इसी दिन सूरत से ही आई दूसरी ट्रेन में 1709, 17 मई को अहमदाबाद से आई ट्रेन में 1226 इसी दिन तीसरी स्पेशल ट्रेन अहमदाबाद से आई जिसमें 650 यात्री थे। इसी दिन तीसरी ट्रेन भीलवाड़ा राजस्थान से आई जिसमें 132 यात्री थे 17 को ही सूरत गुजरात से आई ट्रेन में 1683, 18 को आई सूरत से ट्रेन में 1709, 19 को सूरत से आई ट्रेन में 1805 ,19 को ही दूसरी ट्रेन में 1754, 21 को सूरत से आई ट्रेन में 1635, 21 को सूरत से आई ट्रेन में 1653, 22 मई को गाजियाबाद से बांदा आई ट्रेन में 69, 22 को ही गोवा से ट्रेन आई जिसमें 165 यात्री बांदा के थे। 23 मई को लुधियाना से आई टेन जिसमें 1077 यात्री थे। 23 को ही दूसरी ट्रेन राजकोट से आई जिसमें 161 यात्री थे इसी तरह वापी से आई ट्रेन 292 यात्री थे। वापी से आई दूसरी ट्रेन में 1655 यात्री थे। 28 मई को मुंबई से आई ट्रेन में 2262 यात्री सवार थे। वापी से आई दूसरी श्रमिक स्पेशल ट्रेन में 1636 श्रमिक सवार थे। इस तरह लगभग 25 दिनों में 33000 यात्री आ चुके हैं। इनमें गैर जनपदों के यात्री भी थे जिन्हें बसों के जरिए उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाया गया।
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स्टेशन मास्टर को तहसीलदार संभालते हैं मोर्चा
श्रमिक के स्पेशल ट्रेनों के आने पर प्लेटफार्म पर स्टेशन मास्टर श्री कृष्ण कुशवाहा मोर्चा संभालते हैं जबकि श्रमिकों को गंतव्य स्थान पहुंचाने में सदी सदर तहसीलदार अवधेश कुमार निगम महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।