सपा ने प्रदर्शन कर पंचायत चुनाव में हुई धांधली एवं हिंसा की जांच कराने की मांग की
समाजवादी पार्टी ने आज पंचायत चुनाव में लोकतंत्र की हत्या के अतिरिक्त बढ़ती महंगाई, बिगड़ती कानून व्यवस्था...
समाजवादी पार्टी ने आज पंचायत चुनाव में लोकतंत्र की हत्या के अतिरिक्त बढ़ती महंगाई, बिगड़ती कानून व्यवस्था, नौजवानों की बेरोजगारी, किसानों के ऊपर थोपे जा रहे काले कृषि कानून, महिलाओं से दुर्व्यवहार स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं पर फर्जी केस लगाने और प्रशासन द्वारा सत्ता के दुरुपयोग के मुददे को लेकर प्रदर्शन किया और महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित किया।
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ज्ञापन में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में त्रितरीय पंचायत चुनावों के अंतर्गत जिला पंचायत अध्यक्ष एवं ब्लाक प्रमुखों के चुनाव में जो गुण्डागर्दी और लोकतंत्र की हत्या भाजपा राज में हुई है, उसकी कोई कल्पना नहीं थी।
8 जुलाई 2021 को प्रमुख पद के नामांकन के समय विपक्ष के प्रत्याशी प्रस्तावकों समर्थकों, महिलाओं के साथ शर्मनाक घटना व अभद्रता और पूर्व स्पीकर माता प्रसाद पाण्डेय के साथ धक्कामुक्की और उन्हें चोट पहुंचाने की कोशिश, इन घटनाओं से जाहिर है कि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव की बात बेमानी हो गई है।
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जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुखों के चुनावों में 3 जुलाई, 10 जुलाई 2021 को सत्ता पक्ष के प्रत्याशियों को जिताने के लिए के साक्षर जिला पंचायत क्षेत्र पंचायत सदस्यों के साथ जबरन हेल्पर लगाकर वोट डलवाए गए। जिसमे जिला प्रशासन के अधिकारियों की भी भूमिका रही। मतदान से पूर्व जिला पंचायत क्षेत्र पंचायत सदस्यों को हराया धमकाया गया तथा जबरन प्रलोभन देकर भाजपा के पक्ष में मत देने को बाध्य किया गया।
.06 जुलाई 2021 को ब्लाक प्रमुख के निर्वाचन के लिए नामांकन की अंतिम तिथि थी। नामांकन के दौरान प्रशासन सत्ता पक्ष का कार्यकर्ता बन कर काम करने लगा और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों समर्थकों पर हमला के साथ नागांकन पर्चे फाड़ने के कृत्य किये गये। सैकड़ों ब्लाकों में नामांकन करने नहीं दिया गया है। 10 जुलाई 2021 को मतदान के दिन भी भाजपा छल-बल से जीतने में लगी रही और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों, उनके समर्थकों को मारा-पीटा गया।
पंचायत चुनावों के दौरान समाजवादी पार्टी व विपक्ष के नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ हुई हिंसा से लोकतत्र शर्मसार और कलकित हुआ। उत्तर प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव में डबल इंजन की सरकार द्वारा की गई प्रायोजित हिंसा ने भारत के संविधान को नजर अन्दाज करते हुए हिटलर और मुसोलिनी की तानाशाही से कई कदम आगे निकल चुकी है।महामहिम राष्ट्रपति से मांग की गई है कि इन गम्भीर घटनाओं का संज्ञान लें।
लोकतंत्र को बचाने के लिए निष्पक्ष एवं स्वतंत्र चुनाव हो। इसके लिए पुनः नामांकन प्रक्रिया कराने का आदेश कराये ,जिससे भारत के संविधान में दिए गए लोकतांत्रिक व्यवस्था की रक्षा की जा सके।
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जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत अध्यक्षों के चुनाव में हुई धांधली एवं हिंसा जांच कराई जाए। जांच में पाए गए दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाई की और पुनः मतदान कराया जाए।प्रदर्शन में राजेश दिवेदी राम किशोर कुशल,अनिल प्रधान,भोलाराम यादव, नवल किशोर सिंह पटेल, शोभरी,राजा भईया पाल नेवाज शरी,कल्लू, भयंकर, अरुण लवकुशवाहा, सिद्धार्थ पांडे, गजेन्द्र मौर्य,कुलदीप कुमार मौर्य, संकटमोचन यादव, चन्द्रमोहन अनुरागी, अवधेश,अंगद यादव, उत्तम कुमार,रंजीत यादव देउधा,मिथलेश यादव उत्तमपुर समसुल अली सुभाष सिंह इत्यदि पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता शामिल रहे।