हमीरपुर : अपनों ने ठुकराया तो बेटी को मिला आठ माओं की ममता की छांव
मोहित द्विवेदी @ हमीरपुर
हमीरपुर में जन्म देने वाली मां की ठुकराई हुई नवजात बच्ची को एसएनसीयू वार्ड के नर्सिंग स्टाफ के रूप में एक नहीं बल्कि आठ आठ माताओं का प्यार मिल रहा है। बच्ची को गंभीर हालत में चार माह पूर्व वार्ड में भर्ती कराया गया था। जो आज बेहतर है। बच्ची को बाल संरक्षण गृह भेजे जाने की कार्रवाई शुरू की गई है।
वीवो- जनपद हमीरपुर के मौदहा कस्बा में पिछले 12 फरवरी की शाम मुख्य मार्ग की झाड़ियों के किनारे एक लावारिस बच्ची को गंभीर हालत में बरामद कर पुलिस ने एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया था। एसएनसीयू की टीम ने बच्ची की जान बचाने में दिन.रात एक कर दिया।
बच्ची की जान तो बच गई, मगर कोई वारिस न होने से बच्ची की परवरिश को लेकर संकट खड़ा हो गया। बाल संरक्षण समिति की स्थानीय इकाई को सूचना दी गई। लेकिन जब तक औपचारिकता पूरी होती तब तक लॉकडाउन लग गया। आज बच्ची चार माह की हो चुकी है। पूरी तरह से स्वस्थ इस बच्ची पर आज एक नहीं बल्कि आठ.आठ माताओं का साया है। जो उसकी हर पल देखभाल कर रही है।
समय के साथ बढ़ता गया स्टाफ का लगाव
वार्ड की नर्सिंग स्टाफ की इंचार्ज सोनिका, शारदा सोनी, नेहा, शालिनी, भाग्यश्री, सीता, वंदना, अंजू बताती हैं कि इस बच्ची का सभी ने मिलकर नाम राधिका रखा है। जिस तरह से घर पर दुधमुंहे बच्चों की देखभाल की जाती है। ठीक उसी तरह पूरा स्टाफ राधिका की देखभाल करता है। राधिका को झुलाने के लिए वार्ड में एक झूले का भी इंतजाम किया गया है।
भर्ती के समय हाइपोथर्मिया की शिकार थी राधिका
एसएनसीयू के डा सुमित सचान बताते हैं कि इस बच्ची को जब वार्ड में भर्ती कराया गया था। तब वह हाइपोथर्मिया की शिकार थी। उसके बचने की संभावनाएं कम थी। उपचार के बाद दूसरे दिन इसे पीलिया की शिकायत हो गई। स्थिति गंभीर होने लगी थी। लेकिन पूरी टीम ने बच्ची को बचाने में दिन.रात एक कर दिया। धीरे.धीरे बच्ची स्वस्थ होने लगी।