क्या होता है गधा मेला जिसमे सलमान, अक्षय, करीना, के नाम पर बेचें जाते हैं गधे

हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी चित्रकूट में मंदाकिनी नदी के किनारे गधों का ऐतिहासिक मेला लगा। इस मेले में कई हजार गधे...

क्या होता है गधा मेला जिसमे सलमान, अक्षय, करीना, के नाम पर बेचें जाते हैं गधे
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हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी चित्रकूट में मंदाकिनी नदी के किनारे गधों का ऐतिहासिक मेला लगा। इस मेले में कई हजार गधे पहुंचे। जिन्हें खरीदने के लिए भी भारी भीड़ देखने को मिली। मेले में अक्षय, करीना, कटरीना, सलमान समेत विभिन्न  बॉलीवुड सितारों के नाम पर गधे बेचे गए। मेले में लगभग दो करोड़ का व्यवसाय होने का अनुमान लगाया जा रहा है।

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चित्रकूट में धनतेरस से दूज तक दीपदान उत्सव मनाया जाता है। दीपावली के दूसरे दिन ‘गधा-मेला’ लगता है। मेला आयोजन समिति के अध्यक्ष मुन्नालाल त्रिपाठी ने बताया कि हर साल मंदाकिनी किनारे लगने वाले इस खास मेले में 5 हजार गधे इकट्ठा होते हैं। यहां जिनती भीड़ इनके खरीददारों की होती है, उससे दोगुना लोग इन्हें देखने आते हैं। मेले की व्यवस्था का जिम्मा नगर पंचायत उठाती है। मेला एमपी-यूपी बॉर्डर पर लगता है। इसका फायदा दोनों राज्यों को मिलता है। मंदाकिनी पुल से बाईं तरफ मैदान पर मेला लगता है।

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गधों के, गधेडो की माने तो इस बार व्यापारकम हुआ है।  आधुनिक मशीनरी और वाहनों के चलते कम ही बिक्री हो रही है। इनका कहना है कि हम यहां प्रतिवर्ष आते हैं।  मेले के बहाने भगवान के दर्शन हो जाते हैं परिक्रमा हो जाती है दीपदान कर लेते है और व्यवसाय भी कर लेते हैं। हम लोग कई पीढ़ियों से यहां पर प्रत्येक वर्ष मेले में शामिल होने के लिए आ रहे हैं। गधेडो का कहना है कि जिला प्रशासन अगर गंभीरता दिखाएं  तो इस मेले को बड़े स्वरूप में आयोजित किया जा सकता है। फिलहाल कोई व्यवस्था नहीं की जाती है। गधेरों के पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं है। गधे की व्यवस्था के नाम से रशीद काटी जाती है। गधों की बिक्री के लिए चार राज्यों से व्यापारी आते हैं। बोलियां लगाकर बेचे जाते हैं खच्चर। 30 रुपए प्रति खूंटा जानवर के बांधने के लिए लिया जाता है।

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बिहार के पशु व्यापारी मुश्ताक अहमद बताते हैं कि 15 साल से मेले में जानवरों को बेचते रहे हैं। औरंगजेब ने इसी मेले से अपनी सेना के बेड़े में गधों और खच्चरों को शामिल किया था। मुश्ताक मेले में आठ पशुओं को लेकर आए हैं। इनमें सबसे महंगा गधा सलमान है, जिसकी कीमत 1.5 लाख है। मंदाकिनी तट पर हर साल लगने वाले इस मेले में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और बिहार के पशु व्यापारी शामिल होते हैं। वहीं, इन जानवरों के खरीददार देशभर से आते हैं। यहां पहुंचे व्यापारियों ने बताया कि यहां गधों की पहचान फिल्मी कलाकारों के नाम से होती है। मेले में आने वाले व्यापारियों का मानना है कि बॉलीवुड कलाकारों का नाम देने से गधों की बिक्री बढ़ जाती है।

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