युवाओं की नवोन्मेषी शैक्षिक प्रगति के लिये वरदान है वर्चुअल लैब

बाँदा आजादी का अमृत महोत्सव वर्ष के उपलक्ष्य में राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बाँदा, आईआईटी कानपुर एवं मैटेरियल एडवांटेज आईआईटी..

युवाओं की नवोन्मेषी शैक्षिक प्रगति के लिये वरदान है वर्चुअल लैब

  • राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बाँदा व आईआईटी कानपुर द्वारा 75 वर्चुअल लैब प्रयोगों का हुआ ऑनलाइन प्रदर्शन 

बाँदा आजादी का अमृत महोत्सव वर्ष के उपलक्ष्य में राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बाँदा, आईआईटी कानपुर एवं मैटेरियल एडवांटेज आईआईटी कानपुर द्वारा आयोजित 75 वर्चुअल लैब प्रयोगों का ऑनलाइन प्रदर्शन कार्यक्रम मंगलवार को हुआ। जिसमें वर्चुअल लैब के माध्यम से छात्रों को विज्ञान संबंधी प्रयोग एवं नवोन्मेष करने के लिये प्रेरित किया गया।

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ऑनलाइन माध्यम में कार्यक्रम को संबोधित करते हुये डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ के कुलपति एवं कार्यक्रम के संरक्षक प्रोफेसर विनीत कंसल ने कहा कि वर्तमान समय में वर्चुअल लैब के माध्यम से लाखों छात्र इस पहल का लाभ ले रहे हैं। प्रधानमंत्री जी द्वारा भी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अन्तर्गत शैक्षिक प्रयोग कराये जाने के लिये वर्चुअल लैब के प्रयोग को बढ़ावा दिये जाने के लिये कहा गया है। वर्चुअल लैब डिजिटल शिक्षा को सहज व उन्नत बना रही है एवं समय व खर्च में भी कमी आ रही है।

उन्होंने वर्चुअल लैब के माध्यम से छात्रों को विज्ञान संबंधी प्रयोग एवं नवोन्मेष करने के लिये प्रेरित किया। उद्घाटन सत्र के आरंभ में कार्यक्रम के सह संयोजक एवं राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बाँदा के अधिष्ठाता परास्नातक एवं रिसर्च डा. आशुतोष तिवारी ने कहा कि तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में छात्रों को अधिक से अधिक वर्चुअल लैब का प्रयोग करने के लिये प्रेरित करना ही कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने जनवरी 2019 में गुजरात यूनिवर्सिटी के बूट कैंप में छात्रों के समूह के साथ भाग लिया और स्टीफन लॉ पर वर्चुअल लैब विकसित की गयी।

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भौतिक विज्ञान में वर्चुअल लैब के विकास के लिये आई.आई.टी. कानपुर द्वारा अनुदानित परियोजना के तहत 10 वर्चुअल प्रयोगशालाओं को विकसित किया गया। भारत का पहला वर्चुअल लैब डेवलपमेंट बूटाथान राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बाँदा द्वारा आईआईटी कानपुर, आईआईटी दिल्ली और आईआईटी बाम्बे के सहयोग से आयोजित किया गया जिसमें लगभग 200 प्रतिभागियों ने 27 टीमों के रूप में भाग लिया और 45 वर्चुअल लैब प्रयोग विकसित किये। 

कार्यक्रम के संयोजक एवं आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर कांतेश बलानी ने कहा कि वर्चुअल लैब आज के समय की महत्वपूर्ण आवश्यकता है। ऑनलाइन क्लास के द्वारा छात्र सैद्धांतिक शिक्षा तो ग्रहण कर पाता है किंतु प्रायोगिक शिक्षा से वंचित रह जाता है। राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बाँदा के निदेशक एवं कार्यक्रम के संयोजक प्रोफेसर एसपी शुक्ल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में वर्चुअल लैब विकास के क्षेत्र में हमारा संस्थान अग्रणी है।

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वर्चुअल लैब सेल द्वारा वर्चुअल लैब प्रदर्शन के लिये वेबिनार श्रंखलायें आयोजित की गईं हैं। वर्तमान में 19 विभिन्न विश्वविद्यालय व कॉलेज नोडल केन्द्र से जुड़े हुये हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के इस दौर में वर्चुअल लैब छात्र-छात्राओं के लिये वरदान साबित हो रहे हैं। 

कार्यक्रम के संरक्षक एवं एकेटीयू लखनऊ के कुलपति प्रोफेसर विनीत कंसल ने कहा कि वर्चुअल लैब के विकास के लिये यह कार्यक्रम सफल साबित होंगे।अंत में मैटेरियल एडवांटेज आईआईटी कानपुर की श्रुति दुबे द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। कार्यक्रम का संचालन हिंदुस्तान कॉलेज मथुरा के सेंथिल सुब्रमण्यम द्वारा किया गया।

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