गुलाबी गैंग कमांडर संपत पाल को नहीं मिला टिकट, कांग्रेस से दे दिया इस्तीफा
महिला अधिकारों के लिए संघर्ष करने करके देश और दुनिया में अलग पहचान बना चुकी गुलाबी गैंग की कमांडर संपत पाल ने..
बांदा, महिला अधिकारों के लिए संघर्ष करने करके देश और दुनिया में अलग पहचान बना चुकी गुलाबी गैंग की कमांडर संपत पाल ने शुक्रवार को कांग्रेस का टिकट न मिलने पर इस्तीफा दे दिया है और कहा है कि इस समय कांग्रेस पार्टी दलालों के चंगुल में हैं,जिससे पार्टी का बेड़ा गर्क हो रहा है। महिलाओं के अधिकारों के लिए ग्रामीण महिलाओं का समूह बनाकर गुलाबी गैंग का नाम देने वाली संपत पाल कई बार विवादों में घिर कर सुर्खियों में रही है।
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बांदा जनपद के बदौसा गांव की रहने वाली संपत पाल को कांग्रेस में शामिल होने के बाद पार्टी ने 2012 में मऊ मानिकपुर चित्रकूट विधानसभा से चुनाव में प्रत्याशी बनाया था लेकिन तब लगभग 23 हजार मत पाकर वह चौथे स्थान पर पहुंच गई थी। इसके बाद 2017 में कांग्रेस ने पुनः संपत पाल को इसी सीट से चुनाव मैदान में उतारा।
उस समय कांग्रेस का समाजवादी पार्टी से गठबंधन था जिससे संपत पाल को 40524 वोट मिले थे और समाजवादी पार्टी के आरके सिंह पटेल से चुनाव हार गई थी। आर के सिंह पटेल के भाजपा में शामिल होने और उसके बाद सांसद चुने जाने के बाद यह सीट वर्ष 2019 में रिक्त हो गई। जिस पर उपचुनाव हुआ था। उपचुनाव में कांग्रेस ने रंजना बराती लाल पांडे को उम्मीदवार बनाया था। रंजना बराती लाल पांडे को मात्र 8235 वोट मिले थे।
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टिकट कटने से आहत संपत पाल ने कहा कि जिसे मात्र 8000 वोट मिले उसे पार्टी ने प्रत्याशी बना दिया जबकि दोनों बार मुझे रंजना बाराती लाल पांडे से अधिक मत मिले थे। वह कहती हैं की रंजना के बजाय किसी और को टिकट दे दिया जाता तो मुझे कोई एतराज नहीं होता।
उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी इस समय दलालों के चंगुल में फंस चुकी है जिसके कारण पार्टी के लिए समर्पित कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की जा रही है। जिससे दिनोंदिन पार्टी का बेड़ा गर्क हो रहा है। उन्होंने बताया कि पार्टी ने मुझे महिला मोर्चा का प्रदेश का महासचिव और मेरी बेटी को जिला अध्यक्ष बनाया था। बेटी और मैंने अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है।
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