बुंदेलों की बदहाली दूर कर खुशहाली के साथ कई बड़े बदलाव लायेगा बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से सिर्फ वाहनों को रफ्तार नहीं मिलेगी बल्कि जीवन की गाड़ी भी तेजी से दौड़ेगी। एक्सप्रेसवे बनने से बुंदेलखंड विकास..

Aug 24, 2021 - 05:17
Aug 26, 2021 - 06:37
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बुंदेलों की बदहाली दूर कर खुशहाली के साथ कई बड़े बदलाव लायेगा बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे ( Bundelkhand Expressway )

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से सिर्फ वाहनों को रफ्तार नहीं मिलेगी बल्कि जीवन की गाड़ी भी तेजी से दौड़ेगी। एक्सप्रेसवे बनने से बुंदेलखंड विकास की मुख्यधारा में होगा। क्षेत्र में निवेश करने को उद्यमी आकर्षित होंगे। दोनों किनारों पर औद्योगिक गलियारा बनेगा।

अब तक पिछड़े रहे बुंदेलखंड में बेरोजगारी की समस्या भी खत्म होगी। युवा अपने बड़े बुजुर्गों को छोड़कर महानगरों को पलायन नहीं करेंगे।एक्सप्रेस-वे के किनारे होटल, रेस्टोरेंट और पेट्रोल पंप आदि संचालित होने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

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बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे निर्माण पूरा होते ही देश की राजधानी दिल्ली, लखनऊ, आगरा, अलीगढ़, मथुरा-वृंदावन, नोएडा-ग्रेटर नोएडा से यहां के चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर, महोबा, जालौन के साथ औरैया-इटावा सीधे जुड़ जाएंगे। साथ ही उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, कौशांबी, फतेहपुर, कानपुर देहात, घाटमपुर और मध्य प्रदेश के झांसी, ललितपुर, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवां आदि जिलों को परोक्ष रूप से फायदा होगा।

दिल्ली की यात्रा महज पांच से छह घंटे में पूरी होगी। भविष्य में गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे, प्रयागराज एक्सप्रेस-वे के पूर्वाचल एक्सप्रेसवे से जुड़ने पर पूरे प्रदेश में एक्सप्रेस रफ्तार और सुगम सफर का ख्वाब पूरा होगा। बुंदेलों की बदहाली दूर कर खुशहाली के साथ कई बड़े बदलाव होंगे। 

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बुंदेलखंड के जिलों के 138, इटावा व औरैया के 44 गांवों में विकास बेहद तेजी से दौड़ेगा। महानगरों से जुड़ने से रोजगार के नए अवसर मिलेंगे, जबकि पर्यटन भी बढ़ेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 10 अगस्त को महोबा में कहा था कि नवंबर 2021 तक एक्सप्रेस-वे का काम पूरा कर लिया जाएगा।

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे ( Bundelkhand Expressway )

आने वाला समय बुंदेलखंड के लिए सुखद होगा। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के निर्माण से क्षेत्र में पर्यटन व औद्योगिक विकास की राह खुलेगी। एक्सप्रेस-वे सरकार के रक्षा औद्योगिक गलियारे (डिफेंस कारीडोर) को भी आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा। तो बुंदेलखंड के चित्रकूट, बांदा, महोबा, झांसी के पर्यटन स्थलों को नई ऊर्जा मिलेगी। देशी और विदेशी सैलानियों का आमद बढ़ेगी। एक्सप्रेस-वे के किनारे होटल, रेस्टोरेंट और पेट्रोल पंप आदि संचालित होने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। किसान अपनी उपज आसानी से दूसरे महानगरों में जाकर बेच सकेंगे।

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  • इंडस्ट्री लगाने में होगी राह आसान 

बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे चालू होने से दिल्ली तक के उद्योगपतियों को यहां इंडस्ट्री लगाने में आसानी होगी। वे पांच घंटे में यहां पहुंच जाएंगे। इसके अलावा देश के अन्य कोने से भी लोग इंडस्ट्री लगाने के लिए आएंगे। उन्हें जमीन अब एक्सप्रेस-वे के किनारे प्राप्त हो जाएगी।

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  • डिफेंस कारिडोर को मिलेगी गति 

देश में दो डिफेंस कारिडोर बनने हैं। एक कारिडोर उत्तर प्रदेश और दूसरा चेन्नई से बेंगलुरू के बीच बनाया जाना है। प्रदेश में यह कारिडोर अलीगढ़, आगरा, झांसी, चित्रकूट, कानपुर व लखनऊ में बनेगा, जिसके लिए जमीन का अधिग्रहण हो चुका है। चित्रकूट में भी इसके लिए सौ एकड से अधिक जमीन पहाड़ी के बक्टा में ली गई है।

डिफेंस कारिडोर ( Defense Corridor )

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के शुरू होने से इसको भी गति मिलेगी  बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे निर्माण से हमीरपुर जिले का सुमेरपुर कस्बा स्थित औद्योगिक क्षेत्र उद्योग स्थापित करने को लेकर और सुलभ होगा। यहां रेलवे लाइन उपलब्धता के बाद दिल्ली, आगरा, नोयडा व ग्रेटर नोयडा आदि औद्योगिक क्षेत्रों में आवागमन एक्सप्रेस-वे से और आसान होगा। 

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  • औद्योगिक पार्क से किसानों को मिलेगा लाभ

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के दोनों ओर एक-एक औद्योगिक पार्क बनाया जाएगा। इन पार्कों में क्षेत्रीय जरूरतों के हिसाब से उद्योग लगाए जाने की योजना है। इससे किसानों को सीधे लाभ मिल सके। औद्योगिक विकास का किसानों को सर्वाधिक फायदा पहुंचेगा। औद्योगिक पार्क में इस तरह के उत्पाद तैयार कराए जाने को प्राथमिकता रहेगी जो यहां के किसान अपनी फसलों के रूप में करते हैं। धान और आलू की पैदावार इस क्षेत्र में अधिक है। इसलिए इन फसलों के प्रसंस्करण से संबंधित उद्योग लगाने की योजना बनाई जा रही है।

जानकारों का कहना है कि कृषि विकास में भी एक्सप्रेस वे सहायक होगा। यह इलाका दलहनी, तिलहनी फसलों की पैदावार का प्रमुख गढ़ है। यहां की दालें देश के विभिन्न हिस्सों तक जाती हैं। पैदावार की अच्छी कीमत के लिए अच्छा बाजार मिलना चाहिए। यहां बहुत से किसानों सामने यह भी एक समस्या है, लेकिन एक्सप्रेस वे शुरू होने के बाद यह समस्या भी मिट जाएगी।

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