बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे
सात जिले से गुजरने वाला बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे 294 किमी. लम्बा होगा। यह चित्रकूट के भरतकूट से होकर जालौन, औरैया होते हुए आगरा -लखनऊ एक्सप्रेस वे से जुड़ेगा। यह इटावा से लगभग 16 किमी. पहले कुदरैल गांव से एक्सप्रेस वे पर जुड़ जाएगा। इसे बनाने के लिए 3400 हेक्टेयर जमीन अर्जित की जा रही है। एक्सप्रेस वे कुदरैल से जुड़कर सीधे दिल्ली से कनेक्ट हो जाएगा।
सात जनपदों से होकर गुजरेगा बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे
एक्सप्रेस वे बुन्देलखण्ड के चित्रकूट, हमीरपुर, जालौन, महोबा और बाँदा सहित सात जनपदों से होकर गुजरेगा। इसके बन जाने से निश्चित ही बुन्देलखण्ड वासियों की किस्मत बदल जाएगी। इन सभी जनपदों से होकर गुजरी यह परियोजना उन किसानों के लिए भी लाभकारी साबित हुई, जिनकी जमीनें अधिग्रहित हुई है। सभी किसानों को चार गुना अधिक जमीन की कीमत दी गई है। सरकार का दावा है कि जिन जनपदों से होकर यह एक्सप्रेस वे गुजरेगा, वहाँ के लगभग 60 हजार युवाओं को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। अगर ऐसा हुआ तो रोजगार के लिए भटक रहे युवाओं के अच्छे दिन की कल्पना की जा सकती है।
बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे का सेटेलाइट मानचित्र
‘बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे’ प्रदेश की पहली महत्वपूर्ण परियोजना है, जो हाइब्रिड एन्युइटी मॉडल पर बनेगी। इस मॉडल का फायदा यह है, कि सरकार को परियोजना के निर्माण के स्तर पर लागत की 40 फीसदी धनराशि अदा करनी है। शेष धनराशि विकास कर्ता को लोन या इक्विटी के जरिये अदा करना पड़ता है। इस मॉडल के तहत एक्सप्रेस वे बन जाने पर विकासकर्ता को टोल वसूलने के अधिकार नही होता है। यह अधिकार सरकार या उसकी एजेंसी को होता है।
बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे
- लागत- 14,89,09 करोड़
- जनपद- 07
- प्रभावित गांव- 182
- प्रस्तावित क्षेत्रफल- 3643.6431 एकड़
- किसानों की संख्या- 20,461
- बैनामों की संख्या- 10,344
- किसानों को भुगतान की प्रस्तावित राशि- 18 अरब 43 करोड़ 68 लाख 84 हजार 635 रुपये
- स्टांप शुल्क- 98 करोड़ 79 लाख 30 हजार 153 रुपये
- निबंधन शुल्क- 14 करोड़ 71 लाख 15 हजार 468 रुपये
- कुल धनराशि- 19 अरब 57 करोड़ 19 लाख 30 हजार 256 रुपये
- अधिग्रहीत/क्रय भूमि- 3462.1579 हेक्टेयर
‘एक्सप्रेसवे’ बुन्देलखण्ड के 90 गांवों से होकर गुजरेगा -
चित्रकूट
- कर्वी तहसील के 8 गांव- त्योंझा,करारी, धौरहीमाफी, अकबरपुर, टिटिहरा, मऊ,भीषमपुरा व पहरा शामिल है।
बाँदा
- बाँदा तहसील के 16 गांव- मोहनपुरवा, चिलेहटा, दोहा, जारी, महोखर, जमालपुर, मवई बुजुर्ग, चहितारा, पिपरी और कनवारा शामिल है।
- अतर्रा तहसील - चैसठबल्लान, बिसंडा रूरल, पवई, उमरेहण्डा शामिल हैं।
- बबेरू तहसील - पिस्टा गांव शामिल है।
महोबा
- महोबा तहसील में- ग्योढ़ी, कौहारी तथा चरखारी का खरेला एवं पुन्निया (बराय) शामिल है। मौदहा तहसील में - रीवन, इचैली, गुढा, औरा, गुसियारी, अकौना, बिहुकी खुर्द, खण्डेह, गहरौली।
हमीरपुर
- राठ तहसील में- जखेड़ी, औराखेड़ा, बहपुर, नेरना।
- सरीला तहसील में - वीरा, कछवा कला, खुर्जरी, सिंगरावन और राठ के इंगुई व चिल्ली शामिल है।
जालौन
- जनपद जालौन में सर्वाधिक 40 गांवो से होकर एक्सप्रेसवे गुजरेगा। इनमें बरहा जालौन, हरदोई गूजर, कपासी, गोरा, भूपका, पारेन, मुस्तकिल, किरवाहा, कंचनपुर, इटवाकनार, रनवां, ओरेखी, सोनरा, उमरगढ़, डेहरी तोबा, रुद्रापुरा, जालौन, सलेमपुर, लहरउवा, लहर जालौन, रामपुरा, जालौन, लाडपुर, दिवारा चाकी तथा कुरेपुरा, कनार, मऊ, मुहाना पुरवा, व्यासपुरा, बघौली, काबिलपुरा, नरछा खरुसा, कैथेरी और टीमरोगांव शामिल है, जहां से एक्सप्रेसवे गुजर रहा है।