कोरोना मरीज की मौत हो जाने पर मेडिकल कॉलेज में हंगामा, दोनों पक्षों से मारपीट का आरोप 

राजकीय मेडिकल कॉलेज में कोरोना पॉजिटिव एक महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने डॉक्टरों पर..

कोरोना मरीज की मौत हो जाने पर मेडिकल कॉलेज में हंगामा, दोनों पक्षों से मारपीट का आरोप 

राजकीय मेडिकल कॉलेज में कोरोना पॉजिटिव एक महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। वही मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने परिजनों द्वारा चिकित्सकों के साथ मारपीट का आरोप लगाया है। इसी तरह परिजनों ने चिकित्सालय स्टॉफ पर बंधक बनाकर मारने पीटने का आरोप लगाया है।

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इस संबंध में सुनील कुमार सोनी पुत्र संतोष कुमार सोनी निवासी इंदिरा नगर ने कोतवाली में दी गई तहरीर में आरोप लगाया है कि मैंने अपनी मां श्रीमती कल्पना देवी (52) को कोरोना पाजिटिव आने के बाद इलाज के लिए राजकीय मेडिकल कॉलेज में बुधवार को दोपहर 12 बजे के आसपास ले जाकर भर्ती कराया गया था। लेकिन डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ के लोगों ने इलाज में लापरवाही बरती जबकि मैं उनसे इलाज के लिए आरजू मिन्नत करता रहा, फिर भी उनका ठीक से इलाज नहीं किया गया। बल्कि मेरे आरजू मिन्नत करने पर डॉक्टरों द्वारा गाली गलौज की गई।

मां की हालत नाजुक थी इसलिए हम उनके सारे जुल्म सहते रहे। 28/29 की रात लगभग 1 बजे इलाज के अभाव में मां ने दम तोड़ दिया। जब हम लोगों ने ठीक से चेकअप करने को कहा तो वहां मौजूद डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ ने 15-20 अज्ञात लोगों को बुलवा लिया और हम तीन भाइयों को बंधक बना लिया और उसके बाद मुझे भाई राजेश सोनी व विवेक सोनी को डण्डो व लोहे की राडो से मार-मार कर घायल कर दिया।

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इस संबंध में राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ मुकेश यादव ने बताया कि हम लोग अपनी जान खतरे में डालकर मरीजों को इलाज कर रहे हैं और इलाज के दौरान अगर मरीज की मौत हो जाती है तो उल्टा तीमारदारों द्वारा डॉक्टरों व स्टाफ के साथ मारपीट की जाती है। रात को भी इसी तरह की घटना को अंजाम दिया गया। जिससे डॉक्टर वह महिला चिकित्सक को भी चोटें आई हैं।

इस बात से नाराज होकर डॉक्टरों ने मेरे घर का घेराव किया और कहा कि हमें जब तक सुरक्षा नहीं मिलेगी हम इलाज नहीं करेंगे, मैंने किसी तरह उनको मनाया और इलाज करने के लिए राजी किया। रात में ही आईजी चित्रकूट धाम परीक्षेत्र को सूचित किया। उन्होंने पुलिस कर्मियों को भेजा तब जाकर चिकित्सा स्टाफ ने मरीजों का इलाज शुरू किया। अगर डाक्टर इलाज नहीं करते तो कई मरीजों की मौत हो जाती। उन्होंने बंधक बनाकर मारने पीटने की घटना को सिरे से खारिज किया और कहा कि तीमारदारों ने हीं पैरामेडिकल स्टाफ व चिकित्सकों पर हमला किया था।

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