कांटैक्ट ट्रेसिंग में सहयोग न करने वालों पर महामारी एक्ट के तहत होगा मुकदमा
कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने की तमाम कोशिशों के बीच स्वास्थ्य विभाग ने अब कोरोना उपचाराधीन होने के बाद कांटैक्ट ट्रेसिंग में सहयोग नहीं करने वालों के विरुद्ध भी कार्रवाई को लेकर कमर कस ली है...
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- 5654 लोगों की कांटैक्ट ट्रेसिंग से हुई पहचान
कोरोना पॉजिटिव मरीजों को गलत पता नोट कराने या सही लोकेशन न देने पर महामारी एक्ट के तहत मुकदमे का सामना करना पड़ सकता है। कई बार कोरोना पॉजिटिव मरीजों के ढुलमुल रवैए से कांटैक्ट ट्रेसिंग प्रभावित होती है, जिससे संक्रमण की रफ्तार में बढ़ोत्तरी होती है। जनपद में अब तक 5654 लोगों की कांटैक्ट ट्रेसिंग की गई है। यह जानकारी मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एनडी शर्मा ने दी।
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उन्होने बताया कि इस वक्त जनपद में प्रतिदिन बड़ी संख्या में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी है। कोरोना की जांच कराने वाले लोग कई वजहों से अपना पता और मोबाइल नंबर गलत दर्ज करवा देते हैं। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद ऐसे लोगों की कांटेक्ट ट्रेसिंग में व्यवधान उत्पन्न होता और उपचाराधीनों के संपर्क में आने वाले लोगों के बीच घूमते-फिरते रहते हैं, जिससे संक्रमण बढ़ जाता है। लिहाजा स्वास्थ्य विभाग ने कांटैक्ट ट्रेसिंग में सहयोग नहीं करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की तैयारी कर ली है।
मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एनडी शर्मा ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव ऐसे मरीज, जिनकी कांटेक्ट ट्रेसिंग नहीं हो सकी है, उन्हें खुद आगे आकर इसमें सहयोग करना चाहिए। सुबह 10 से शाम 4 बजे तक जिला अस्पताल कोरोना जांच करवा लें। इसके अलावा जिलाधिकारी कार्यालय में कोविड कमांड सेंटर बनाया गया है। यहां 24 घंटे हेल्प लाइन चल रही है। फोन नंबर 05281-254901, 254902, 297940, 297939 व 255659 पर अपने वर्तमान पते की सूचना देनी होगी ताकि उनके संपर्क में आने वालों की कांटेक्ट ट्रेसिंग की जा सके। ऐसा नहीं करने वाले कोरोना पॉजिटिव मरीजों के ऊपर महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।
यह है कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग
किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले लोगों की निगरानी प्रक्रिया को कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग कहा जाता है। कोरोना वायरस से संक्रमित किसी व्यक्ति के सम्पर्क में आने से ये संक्रमण दूसरों को आसानी से हो सकता है।
संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने वाले लोगों के संक्रमित होने का अधिक खतरा होता है। इसलिए जो लोग संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हों उन्हें 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन में रखा जाता है। कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों पर ध्यान रखना महत्वपूर्ण है, ताकि उनकी देखभाल की जा सके और जरूरत पड़ने पर जल्दी से उपचार किया जा सके।
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