मिलेट्स उत्पादन और प्राकृतिक खेती से करें मानव स्वास्थ्य व पर्यावरण की रक्षा: सीडीओ
कृषि विभाग के तत्वावधान में दो दिवसीय मिलेट्स महोत्सव, मिलेट्स रेसिपी एवं उपभोक्ता जागरूकता कार्यक्रम...
दो दिवसीय मिलेट्स महोत्सव का आगाज
चित्रकूट। कृषि विभाग के तत्वावधान में दो दिवसीय मिलेट्स महोत्सव, मिलेट्स रेसिपी एवं उपभोक्ता जागरूकता कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रीय रामायण मेला परिसर में हुई।
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कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मुख्य विकास अधिकारी अमृतपाल कौर ने किसानों का आह्वान किया कि जनपद में परंपरागत फसल ज्वार, बाजरा, सावां, कोदो, रागी आदि की खेती कर अधिक लाभ प्राप्त करें। मिलेट्स या मोटे अनाज जिनमें ज्यादा खाद, पानी और अधिक देखभाल की जरूरत नहीं पड़ती। कम क्षेत्रफल में अधिक लाभ देते हैं। बाजार में मोटे अनाज की कीमत धान, गेहूँ से काफी अधिक है। उन्होंने किसानों से कहा कि प्राकृतिक खेती कर मानव स्वास्थ्य, अपनी मिट्टी और पर्यावरण की सुरक्षा करते हुए गुणवत्तायुक्त खाद्यान्न उत्पादन कर कम लागत में अधिक लाभ प्राप्त करें। किसान संगठित होकर कृषक उत्पादन संगठन बनाकर निवेश का विपणन व किसानों द्वारा पैदा किए गए उत्पादों को ऊँची कीमत पर बेच सकते हैं। जिले में इस समय 19 एफपीओ बने हुए हैं जिनसे जुड़कर किसान लाभ उठा सकते हैं। मुख्य विकास अधिकारी ने उपस्थित जनसमुदाय से अपील किया कि दैनिक जीवन में प्लास्टिक का प्रयोग न करें, क्योंकि प्लास्टिक से पर्यावरण प्रदूषण के साथ ही मानव व पशु स्वास्थ्य भी खराब होता है। उप कृषि निदेशक राज कुमार ने किसानों का आह्वान किया कि धान गेहूँ जैसी फसलों से हटकर दलहनी, तिलहनी फसलों व श्री अन्न की खेती अधिकाधिक क्षेत्र में करें। ताकि कम लागत में अधिक लाभ मिल सके। ज्वार, बाजरा व मिलेटस आदि की खरीद के लिए जिले में क्रय केन्द्र भी खोले जाते हैं। जहां किसान स्वयं के द्वारा उत्पादित उपज को निर्धारित मूल्य पर बेच सकते हैं। उन्होंने कार्यक्रम की उपयोगिता व कृषि विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया।
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महोत्सव के दौरान जिला कृषि अधिकारी आरपी शुक्ल ने किसानों से कहा कि सभी किसान कृषि, उद्यान, पशु पालन, मत्स्य आदि विभागों से संचालित योजनाओं का लाभ उठाएं। सभी किसानों से विषमुक्त खेती की ओर मुड़ने की अपील करते हुए जिला कृषि अधिकारी ने कहा कि कृषि रक्षा रसायनों व रासायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध इस्तेमाल से मनुष्य में कैंसर, हृदयाघात जैसी घातक बीमारियां हो रही हैं। वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों द्वारा संस्तुत की गई मात्रा में ही उर्वरकों तथा कृषि रक्षा रसायनों का प्रयोग करें।
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महोत्सव में उप पशु मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ मनोज कुमार, भूमि संरक्षण अधिकारी कर्वी देवेन्द्र सिंह निरंजन, भूमि संरक्षण अधिकारी तुलसी राम, कृषि विज्ञान केन्द्र गनीवां के केन्द्र प्रभारी वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ केएस शुक्ला, गृह वैज्ञानिक डॉ ममता त्रिपाठी, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ विजय गौतम ने नवीनतम कृषि तकनीकी के बारे में किसानों को विस्तार से बताया। कार्यक्रम का संचालन कृषि विभाग की विषय वस्तु विशेषज्ञ प्रीति राज ने किया। इस अवसर पर जिला उद्यान अधिकारी डॉ प्रतिभा पांडेय, जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी डॉ अविनाश झा, कृषि, पशुपालन, उद्यान, मत्स्य व अन्य राजकीय विभाग के अधिकारी, कर्मचारी, कृषक उत्पादक संगठन के प्रतिनिधि, विभिन्न कृषि निवेश कंपनियों व विक्रेताओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे।