चित्रकूट के 3 गांव के आदिवासियों को 3 दिन के अंदर गांव खाली करने की नोटिस
जनपद चित्रकूट के मानिकपुर ब्लाक अंतर्गत ऊंचाडीह, सकरौंहाऔर रानीपुर के आदिवासी..
जनपद चित्रकूट के मानिकपुर ब्लाक अंतर्गत ऊंचाडीह,सकरौंहाऔर रानीपुर के आदिवासी बनवासियों ने मंगलवार को चित्रकूट धाम मंडल के आयुक्त कार्यालय में प्रदर्शन कर मांग की है कि उन्हें बेघर होने से बचाया जाए। वन्यजीव प्रतिपालक विभाग मानिकपुर द्वारा नोटिस दी गई है कि 3 दिन के अंदर जमीन खाली कर दो वरना बलपूर्वक सभी को हटा दिया जाएगा।
यह भी पढ़ें - अमन हत्याकांड में आया नया मोड़, बेटे की अस्थियां लेकर माता पिता ने शुरू किया अनशन
प्रदर्शनकारी बनवासी आदिवासियों ने बताया कि आजादी के बाद पहली बार बन आश्रित आदिवासी दलित एवं अन्य परंपरागत वन समुदायों के अधिकारों को कानून बनाकर मान्यता दी गई है लेकिन राजनीतिक इच्छाशक्ति न होने के कारण वनधिकार कानून का लाभ पाने से सभी समुदाय वंचित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि विकासखंड मानिकपुर की ग्राम पंचायत ऊंचाडीह का आदिवासी गांव मुरकटा में सामंतशाहों ने षड्यंत्र रच कर हमारी जमीन छीन ली है। जो जमीन बची है वह भी कंकरीली, पथरीली है कृषि योग्य नहीं है इसलिए हमने ग्राम समाज की भूमि को साफ कर खेती योग बनाकर उसमें खेती शुरू कर दी।
लेकिन सामंत शाहों को यह सब नागवार गुजरा है। इन्होंने झूठी शिकायतें कर कर फर्जी केस लगवा कर पुलिस से हमारा उत्पीड़न शुरू करा दिया है। उन्होंने बताया कि हम सभी वनवासियों ने उपखंडीय समिति के अध्यक्ष के समक्ष अपना दावा भी वनाधिकार के तहत प्रस्तुत किया था इसके बाद भी हमें बेघर करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। आदिवासियों ने मांग की है की पुलिस उत्पीड़न को रोककर हमें वनाधिकार के तहत लाभ प्रदान किया जाए।साथ ही वनवासियों को सेंचुरी विभाग के उत्पीड़न से भी बचाया जाए।
यह भी पढ़ें - वह देखते रहेंगे मुंगेरीलाल के सपने, प्रधानमंत्री 25 को करेंगे जेवर एयरपोर्ट का शिलान्यास
यह भी पढ़ें - सोशल मीडिया के बाद सड़कों पर छा गयी प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी की फोटो