Unlock 2.0 - शर्तों के साथ मंदिरों के खुले कपाट, गूंज उठे मंत्रोच्चारण
वैश्विक महामारी कोरोना के चलते देशभर में मंदिरों को बंद कर दिया गया था। 75 दिन बाद आज श्रद्धालुओं के लिए मंदिर खोलें गए लेकिन पहले दिन बहुत सीमित संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर मंदिर में पूजा अर्चना की। इस दौरान पिछले दो महीने से सूने पड़े मंदिरों में मंत्रोच्चारण गूंज उठे।
सरकार द्वारा मंदिरों के द्वार खोलने के आदेश मिलते ही रविवार को ही साफ सफाई शुरू हो गई थी और आज तड़के 5 बजे मंदिरों के पट दर्शनार्थियों के लिए शर्तों के साथ खोल दिया गया। शहर के प्रसिद्ध महेश्वरी देवी मंदिर में सवेरे से गिने-चुने ही दर्शनार्थी पहुंचे। यहां मुख्य द्वार में ही एक कार्यकर्ता द्वारा दर्शनार्थियों के हाथों को सैनेटाइज करने की व्यवस्था की गई ।
मंदिर खुलते ही मंदिर के बाहर फुल माला और प्रसाद की दुकानें भी खुली रही। 2 माह से दुकानें बंद होने से , इनकी रोजी रोटी भी बंद थी आज दुकानें खुलने से उनके चेहरे में मुस्कान देखी गई। मंदिरों में दर्शनार्थियों को प्रतिमाओं पर जलाभिषेक करने व मूर्तियों को स्पर्श करने पर पाबंदी लगाई गई है।
शहर के प्रसिद्ध बामदेवेश्वर मंदिर में काफी तादाद में श्रद्धालु पहुंचे ।जिन्होंने गुफा के अंदर विराजमान भगवान भोलेनाथ के दर्शन किए और पूजा अर्चना की। इन भक्तों में उनकी संख्या ज्यादा थी जो पहले नियमित मंदिर जाते थे। मंदिरों के पट खुलने पर श्रद्धालुओं ने खुशी जाहिर की है।
शहर के प्रमुख मंदिरों में महेश्वरी देवी और बामदेवेशवर के अलावा अलीगंज में काली देवी कचहरी में संकट मोचन मंदिर सहित सभी मंदिरों को दर्शनार्थियों के लिए खोल दिया गया है, साथ ही मंदिर को सुबह शाम दो बार सैनिटाइज करने के निर्देश हैं और किसी भी मंदिरों में एक साथ पांच से अधिक दर्शनार्थियों को जाने की अनुमति नहीं है।