लाॅकडाउन खत्म, शिक्षक चलो स्कूल की ओर
वैश्विक महामारी कोविड-19 के प्रकोप को देखते हुए देशभर में लॉक डाउन होते ही सभी शिक्षण संस्थान भी बंद कर दिए गए थे, तब से लगातार स्कूल कॉलेज बंद है हालांकि धीरे धीरे ऑनलाइन क्लासेज शुरू हो रहे हैं, वही सरकार ने परिषदीय विद्यालयों में शिक्षण कार्य के बजाय शैक्षणिक कार्यों में जुट जाने के निर्देश दिए हैं।
इस संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बांदा ने परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत प्रधानाध्यापक प्रभारी प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापकों को तत्काल विद्यालयों में पहुंचने के निर्देश दिए है साथ ही विद्यालय में गतिमान कायाकल्प के अंतर्गत ग्राम सचिव ग्राम प्रधान से समन्वय स्थापित कर 18 बिंदुओं पर स्थापना सुविधाओं से संतृप्त करने को कहा है। इसी तरह गत वर्ष विद्यालय प्रबंध समितियों के खातों में प्रेषित की गई निर्माण कार्यों की धनराशि, कंपोजिट ग्रांट न्याय पंचायत स्तर वाले विद्यालय फर्नीचर, खेलकूद सामग्री के लिए उपलब्ध कराई गई राशि से संबंधित कार्य जल्द से जल्द पूर्ण कराकर उपभोग प्रमाण पत्र देने को कहा गया है।
वही मध्याह्न भोजन योजना अंतर्गत प्रेरणा पोर्टल में नामांकित छात्र छात्राओं का खाद्यान्न एवं परिवर्तन लागत की प्रतिपूर्ति हेतु परिवर्तन लागत की धनराशि विद्यार्थियों के अभिभावकों के खातों में प्रेषित किए जाने के लिए प्रधान अध्यापकों द्वारा प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय में नामांकित प्रत्येक विद्यार्थियों के अभिभावकों का नाम, बैंक खाता, बैंक का नाम,आईएफएससी कोड, उनका मोबाइल नंबर आधार नंबर एकत्रित करने को कहा गया है। साथ ही अभिभावकों के बैंक विवरण प्राप्त करते समय उनके मोबाइल नंबर पर दीक्षा ऐप एवं आरोग्य डाउनलोड कराया जाए।
बेसिक शिक्षा अधिकारी हरिश्चन्द्र नाथ ने अध्यापकों से शारदा कार्यक्रम के अंतर्गत आउट ऑफ स्कूल बच्चों का चिन्हीकरण, पंजीकरण एवं नामांकन ऑनलाइन कराते हुए 1 जुलाई 20 तक रिपोर्ट देने को कहा है। अध्यापकों से यह भी कहा गया है कि 5 से 14 वर्ष के आउट ऑफ स्कूल बच्चों का चिन्हीकरण करते समय दिव्यांग बच्चों का विशेष ध्यान रखा जाए किसी भी कीमत में छूटने ना पाए।
सभी शिक्षक दीक्षा एप को डाउनलोड करते हुए रजिस्ट्रेशन करेंगे और टीचर ट्रेनिंग कोर्स पूरा करेंगे। शिक्षकों से कहा गया है कि प्रत्येक विद्यालय का व्हाट्सएप ग्रुप अनिवार्य रूप से बनाकर ऑनलाइन क्लास का संचालन कराया जाए। विद्यालय वार बनाए गए व्हाट्सप्प ग्रुप को विकासखंड वार एआरपी एवं जनपद स्तर पर यस आर जी ग्रुप से जोड़ा जाए ताकि एस आर जी और एआरपी ग्रुप में प्राप्त होने वाली शिक्षण सामग्री को विद्यालयों के ग्रुप में भेजा जा सके।