हमीरपुर : बाढ़ से निपटने को मौदहा बांध निर्माण विभाग ने की तैयारी
यमुना और बेतवा नदियों की बाढ़ से हमीरपुर शहर को सुरक्षा के दायरे में लाए जाने के लिए अब मौदहा बांध निर्माण विभाग ने खास..
यमुना और बेतवा नदियों की बाढ़ से हमीरपुर शहर को सुरक्षा के दायरे में लाए जाने के लिए अब मौदहा बांध निर्माण विभाग ने खास तैयारी की है। इसके लिए दोनों नदियों के तटबंधों की मरम्मत के साथ ही अन्य तकनीकी कार्य तेजी से कराए जा रहे हैं। हमीरपुर शहर यमुना और बेतवा नदियों से चारों ओर से घिरा है। दोनों नदियों के तटबंध पिछले कई दशक पहले नगर बाढ़ सुरक्षा योजना के तहत बनाए गए थे।
लेकिन उसके बाद भी दोनों नदियों के उफनाने से शहर में भारी तबाही होती है। वर्ष 2019 में यहां तीन बार बाढ़ आई थी जिसमें दोनों नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर हो जाने से हमीरपुर शहर के खालेपुरा, जमुना घाट, कालपी चौराहा, हाथी दरवाजा, डिग्गी रमेड़ी, गौरादेवी नई बस्ती सहित आसपास के तमाम इलाकों में बाढ़ का पानी भर गया था।
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सैकड़ों की तादाद में रिहायशी मकान भी ढह गए थे वहीं नदियों के किनारे दर्जनों मकान भी बाढ़ के पानी में गिर गए थे। किसानों की भी बाढ़ के पानी में फसलें बर्बाद हुई थी। हमीरपुर शहर में बाढ़ से तबाही को लेकर प्रशासन को एनडीआरएफ की टीम को भी बुलाना पड़ा था।
अधिशासी अभियंता करन पाल ने बताया कि यमुना और बेतवा नदियों की मरम्मत के कार्य पूर्ण कराने के साथ ही फ्लैग वाल्वों की मरम्मत सफाई कराई गई है। इसके अलावा बालू से भरी दस बोरियां (बैग) एवं बास बल्ली और अन्य सामग्री की व्यवस्था की गई है। 15000 बैग की अतिरिक्त व्यवस्था भी की गई है। अस्थाई नावों का इंतजाम किया गया है। उन्होंने बताया कि बाढ़ कन्ट्रोल रूम में संचालित कर अभियंताओं और कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है।
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- सुरक्षा के दायरे में आएंगे यमुना, बेतवा नदियों के तटबंध
श्री पाल ने बताया कि यमुना नदी के तटबंध में पिछले वर्षों आई बाढ़ से दरारें आ गई थी जिसे लेकर सुरक्षात्मक कार्य कराए जा रहे है। सीसी बंधे (तटबंध) में मिट्टी के कार्य कराकर इसे चौड़ा कराया जा रहा है। बोल्डर पत्थरों से पिचिंग बनाने के कार्य भी तेजी से कराए गए है।
कल्पवृक्ष से लेकर पतालेश्वर मंदिर तक 235 मीटर की लम्बाई में तकनीकी कार्य पूरे हो गए है। अधिशाषी अभियंता ने बताया कि बेतवा नदी के तटबंध में भी तकनीकी कार्य कराए गए है। आठ करोड़ की धनराशि खर्च कर इन दोनो नदियों के तटबंधों को सुरक्षा के दायरे में लाए गए है।
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- पंप केनाल को बाढ़ से बचाने के लिए निर्माण कार्य शुरू
कुरारा क्षेत्र के बिलौटा गांव के मजरा में यमुना नदी किनारे पंप केनाल संचालित है, जो बाढ़ की कटान से हर साल प्रभावित होता है। पिछली बार यमुना नदी के उफनाने से पंप केनाल को भारी नुकसान हुआ था। कुछ भवन भी ढह गए थे। पंप केनाल और मजरा को सुरक्षा के दायरे में लाने के लिए तटबंध में स्पर के निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं।
मौदहा बांध के अधिशासी अभियंता ने बताया कि अभी तक 40 फीसदी कार्य हो चुके हैं। इसके अलावा 790.48 लाख की लागत से पटिया और कोतूपुर को बाढ़ की कटान से बचाने के लिए तकनीकी कार्य कराये गए हैं।
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हि.स