हमीरपुर : गेहूं न बिकने से परेशान किसानों ने मंडी गेट पर ताला डाल किया धरना प्रदर्शन

गेहूं खरीद की समय सीमा निकल जाने के बाद भी किसानों का गेहूं न खरीदे जाने पर बुधवार को गुस्साए किसानों ने सुमेरपुर मंडी समिति..

हमीरपुर : गेहूं न बिकने से परेशान किसानों ने मंडी गेट पर ताला डाल किया धरना प्रदर्शन
गेहूं न बिकने से परेशान किसानों ने धरना प्रदर्शन किया

गेहूं खरीद की समय सीमा निकल जाने के बाद भी किसानों का गेहूं न खरीदे जाने पर बुधवार को गुस्साए किसानों ने सुमेरपुर मंडी समिति में ताला डालकर धरना प्रदर्शन किया। मौके पर पहुंचे एसडीएम और सीओ सदर ने किसानों की बात शासन तक पहुंचाने की बात कहकर किसानों को शांत कराया। तब कहीं चार घंटे बाद मंडी गेट का ताला खुल सका।

यह भी पढ़ें -  बांदा की जिला पंचायत सदस्य धार्मिक स्थल पर मिलीं

गौरतलब है कि, किसानों के गेहूं खरीदने के लिए पहले 15 जून की तिथि निर्धारित थी किंतु बाद में कुछ 01 सप्ताह बढ़ाकर 22 जून कर दिया गया था, 22 जून गुजर जाने के बाद भी टोकन प्राप्त किए सैकड़ों किसानों का गेहूं न खरीदे जाने से नाराज होकर बुधवार को सैकड़ों किसानों ने सुमेरपुर मंडी समिति में ताला डालकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। किसानों का कहना था कि जिन किसानों को टोकन मिल चुके है उनका भी गेहूं नहीं खरीदा गया है। 

कमीशन बाजी के चक्कर में किसानों की जगह मंडी के गल्ला व्यापारियों का गेहूं खरीद कर किसानों के साथ धोखाधड़ी की गई है। जब उन्हें टोकन दिया गया है तो उनका गेहूं खरीदा जाना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं किया गया है। मंडी समिति की मिलीभगत से गेहूं खरीद के नाम पर किसानों के साथ धोखा किया गया है। किसानों का कहना था कि जब तक उनका गेहूं नहीं खरीदा जाता है। तब तक वह गेट का ताला नहीं खोलेगें। मौके पर पहुंची पुलिस ने किसानों को शांत करने का प्रयास किया।

यह भी पढ़ें -  हमीरपुर : ट्रक की टक्कर से रिटायर्ड दरोगा समेत दो युवकों की मौत

लेकिन किसान नहीं माने इसके बाद एसडीएम सदर संजय मीणा तथा सीओ सदर अनुराग सिंह मौके पर पहुंचे और किसानों को समझा-बुझाकर शांत किया और उनके नाम सहित उनकी शिकायत शासन को भेजने और उनका गेहूं बिकने का आश्वासन देने के बाद किसानों ने अपना धरना प्रदर्शन समाप्त किया। लगभग चार घंटे तक चले इस आंदोलन से मंडी में अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। व्यापरियों का व्यापार ठप रहा। मंडी का गेट खुलने के बाद आढ़तियों का कारोबार प्रारंभ हो सका।

इस आंदोलन में बलराम चंदपुरवा, भूपेंद्र सिंह, गहतौली, बाबूराम सिंह भभौरा, राम सिंह टिकरौली, दिग्विजय सिंह सुरौली बुजुर्ग, अनिल, गोरे लाल यादव बड़ा कछार, अजय शर्मा गहतौली, देशराज शर्मा, विनोद पारा, धर्मेंद्र सिंह, पंधरी, मुन्नू यादव बिदोखर, निशांत सिंह, रामस्वरूप गहतौली, नरेंद्र सिंह पंधरी, अनिल बिदोखर, जयराम जलाला, राजेश कुमार बिदोखर, वरदानी लाल सौंखर, कल्लू सिंह बाकी सहित सैकड़ों किसान शामिल रहे। 

यह भी पढ़ें -  बेकाबू कार बंजारों की झोपड़ी में घुसी, चार को रौंदा एक मासूम की मौत

हि.स

What's Your Reaction?

like
2
dislike
0
love
1
funny
0
angry
0
sad
0
wow
1