झाँसी : बांके बिहारी जी दुख दूर करो मेरा : पं. नितिन चतुर्वेदी
जब उत्तरा के गर्भ पर ब्रह्मास्त्र चला, तो उसने प्रभु को याद करते हुए कहा कि...
द्वितीय दिवस की कथा सुनकर झूमे भक्त
झांसी। जब उत्तरा के गर्भ पर ब्रह्मास्त्र चला, तो उसने प्रभु को याद करते हुए कहा कि हे नारायन आप मेरे पुत्र को बचाने मत आओ, पर आपने कहा है कि मेरा भक्त कभी संकट में नहीं रह सकता। आपको अपने उस वचन की रक्षा करने को आना पड़ेगा। प्रभु उत्तरा के वचन सुनकर गदगद हो उठे और उन्होंने अंगूठे के समान अपना आकार बना लिया और उत्तरा के मुख के रास्ते उसके उदर में प्रवेश किया।
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श्री गौड़ बाबा सिद्धाश्रम प्रेम नगर पर चल रहे श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ कथा के दूसरे दिवस मंगलवार को कथा वाचन करते हुए युवराज पं. नितिन चतुर्वेदी ने कथा श्रवण कराई। उन्होंने कहा कि उत्तरा गर्भ में पहुंचकर प्रभु ने सुदर्शन चक्र से ब्रह्मास्त्र के तेज का समाप्त कर अपने भक्त की जान बचाई। कथा के पूर्व गौड़ बाबा किया गया और उसके बाद भागवत पूजन यजमान प्रदीप पाण्डेय, साधना पाण्डेय व राम कुशवाहा ने किया।
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इस मौके पर केशवदास दौदेरिया, अनिल रिछारिया, प्रवीन शास्त्री, आलोक पिपरैया, हरिओम तिवारी, श्रीमती मांडवी चतुर्वेदी, रिषि चतुर्वेदी, संस्कार शुक्ला, मानु पांडेय, अंजू सक्सेना, श्रीमती कमलेश मिश्रा, आरती राजौरिया, लक्ष्मी सोलंकी, अंजू सक्सेना, अनीता, गोमती, रामजानकी पाठक, गणेश खरे, सुधा खरे, रवि कुशवाहा, राजकुमारी आदि मौजूद रहे।
संचालन पं. सियारामशरण चतुर्वेदी ने किया। अंत में श्री गौड़ बाबा सिद्धाश्रम के आचार्य पं. विनोद चतुर्वेदी महंत ने आभार व्यक्त किया।