जांच में खुलासा, बिना अनुमति स्मार्ट बिजली मीटर में लगे हैं चीनी कंपोनेंट
ऊर्जा मंत्रालय के आदेशों की अवहेलना कर मध्यांचल क्षेत्र में लगने वाले प्री-पेड मीटर में पोलारिस मीटर कंपनी द्वारा मीटर...
लखनऊ। ऊर्जा मंत्रालय के आदेशों की अवहेलना कर मध्यांचल क्षेत्र में लगने वाले प्री-पेड मीटर में पोलारिस मीटर कंपनी द्वारा मीटर के 13 कंपोनेंट (पुर्जे) चीन व अन्य देशों के हैं। इसकी रिपोर्ट मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने जांच के बाद पावर कारपोरेशन को भेजी है। इसकी जांच के लिए उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद लंबे समय से लड़ाई लड़ रहा था।
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जांच में यह पाया गया कि कुल 21 प्रमुख कंपोनेंट में 13 काम्पोनेंट चीन या अन्य देश के हैं। इनटैली स्मार्ट की जीटीपी में सात कंपोनेंट में चीन व अन्य देश के नाम लिखा हुआ है। इस पर मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने पावर कारपोरेशन को पत्र लिखकर उससे मार्गदर्शन मांगा है। उत्तर प्रदेश में 25000 करोड़ की लागत से प्रदेश के उपभोक्ताओं के घरों में आने वाले समय में लगने वाले स्मार्ट प्रीपेड मीटर के अंदर के कंपोनेंट को चाइनीज कॉम्पोनेंट अनुमोदित किए जाने का मामला अब और भी गंभीर होता जा रहा है।
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उपभोक्ता परिषद की विद्युत नियामक आयोग में दाखिल याचिका और उठाए गए सवाल के बाद अब लीपापोती करते हुए मध्यांचल विद्युत वितरण निगम प्रबंधन द्वारा मीटर निर्माता कंपनी पोलरिस और इनटैली स्मार्ट को अपनी जी0टी0पी संशोधित करने का निर्देश जारी किया। संशोधित जी0टी0पी के मामले में पावर कॉरपोरेशन से दिशा निर्देश मांगा है। सबसे बड़ा चौंकाने वाला मामला यह है कि मध्यांचल विद्युत वितरण निगम प्रबंधन द्वारा पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक को जो उपभोक्ता परिषद द्वारा सवाल उठाए जाने के बाद विस्तृत रिपोर्ट भेजी है।
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उसमें स्वत माना है कि मध्यांचल विद्युत वितरण निगम में पोलारिस कंपनी और इंटली स्मार्ट को स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का आर्डर दिया गया है और उनके द्वारा जो जी0टी0पी दी गई थी और उसे अनुमोदित किया गया था। उसमें पोलारिस मीटर निर्माता कंपनी के प्रमुख 21 कंपोनेंट में 13 कंपोनेंट में चीनी निर्माता व अन्य देश के नाम लिखा गया है और वही इंटली स्मार्ट की जीटीपी में 7 कंपोनेंट में चीनी निर्मित व अन्य देश के नाम लिखा गया है। उपभोक्ता परिषद का मानना है कि यह काफी गंभीर मामला है। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम द्वारा पावर कॉरपोरेशन की भेजी गई, रिपोर्ट में यह भी लिखा गया है कि भारत सरकार द्वारा तय गाइडलाइन के हिसाब से मीटर के अंदर लगने वाले कंपोनेंट में 60 प्रतिशत कंपोनेंट भारतीय होनी चाहिए यानि लोकल और 1 जून 2025 के बाद या सीमा 70 प्रतिशत होगी।
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उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व सदस्य राज्य सलाहकार समिति अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि यह बहुत गंभीर मामला है। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम द्वारा भारत सरकार ऊर्जा मंत्रालय द्वारा जारी 11 अगस्त 2020 के आदेश का खुला उल्लंघन किया गया, जिसमें स्पष्ट लिखा गया है कि बॉर्डर एरिया से लगे देश से कोई भी इक्विपमेंट या कॉम्पोनेंट खरीदने के पहले भारत सरकार की पूर्व अनुमति लेना जरूरी है। ऐसे में इन मीटर निर्माता कंपनियों ने भारत सरकार की पूर्व अनुमति ली की नहीं ली। इस पर पूरी तरह लीपा पोती की गई है और कोई भी जिक्र नहीं किया गया है।
हिन्दुस्थान समाचार