हमीरपुर : नवरात्रि पर्व के तीसरे दिन मां चन्द्रघंटा की मची धूम
कोरोना संक्रमण काल में यहां नवरात्रि पर्व के तीसरे दिन मां चन्द्रघंटा की पूजा की धूम मची हुयी है...
- बड़ी देवी मंदिर में महिलाओं ने सुबह से ही पूजा अर्चना को डेरा जमाया
सुबह से ही मंदिर में विधि विधान से पूजा अर्चना का दौर जारी है। कहते है मां चन्द्रघंटा की पूजा करने से सुख, सौभाग्य और शांति मिलती है।
यह भी पढ़ें - बिना ओटीपी के अब नही मिलेगा गैस सिलेंडर, 1 नवंबर से लागू हो रहा है ये नया नियम
हमीरपुर शहर के प्रमुख देवी मंदिरों में सोमवार को पूजा के लिये महिलाओं का तांता लग गया। सामाजिक दूरी भी आस्था के आगे तार-तार हो गयी है। चौरादेवी मंदिर में जहां पुजारी और स्थानीय पुलिस कोरोना गाइड लाइन का पालन कराने में जुटी है वहीं एतिहासिक गौरादेवी मंदिर, काली देवी मंदिर तथा मौदहा कस्बे के मराठीपुरा मुहाल में स्थित प्राचीन बड़ी देवी मंदिर में मां चन्द्रघंटा की पूजा के लिये श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा रही है। इस मंदिर का इतिहास भी करीब तीन सौ साल पुराना है। यह मंदिर पूरे क्षेत्र में प्रसिद्ध है। जिसका अन्य मंदिर से अलग ही महत्व है।
यह भी पढ़ें - योगी ने राज्य की ग्राम पंचायतों को दिया ये बड़ा तोहफा
शारदीय नवरात्रि पर्व पर बड़ी देवी मंदिर को खूब सजाया गया है। मंदिर के मुख्य गेट से अन्दर जाने पर देवी मां का दरबार मिलता है। इसके अंदर कई मंदिर स्थापित है। इसके ठीक सामने देवी मां का मुख्य मंदिर है। मंदिर में धार्मिक अनुष्ठान होते रहते हैं। कोरोना संक्रमण काल में यहां महिलायें बड़ी देवी मंदिर की विशेष प्रकार की पूजा करने पहुंची है। महिलाओं के मां के जयकारा करने से मंदिर भी गूंजा उठा है। यहां के समाजसेवी रमाशंकर गुप्ता ने बताया कि यह मंदिर प्राचीन है जो पूरे क्षेत्र में लोगों की आस्था का प्रतीक है। इस मंदिर में बड़ी देवी मां की प्रतिमा भी नयनाभिराम है।
यह भी पढ़ें - जबलपुर-हरिद्वार वाया बांदा फेस्टिवल एक्सप्रेस ट्रैक पर दौड़ने को तैयार, जानिये कब से
मौदहा क्षेत्र के महंत रतन ब्रह्मचारी ने बताया कि कस्बे में इस देवी मंदिर के इतिहास के बारे में आज तक किसी को नहीं पता है कि इसे किसने बनवाया था। लेकिन मां की प्रतिमा को देखकर यह कहा जा सकता है कि यह मंदिर कम से कम तीन सौ साल पुराना है। हालांकि कोरोना संक्रमण के कारण नवरात्रि पर्व की पहले जैसे रंगत नहीं है। इधर हमीरपुर शहर में गौरादेवी मंदिर में सुबह से ही पूजा और अर्चना का दौर जारी है। जमीन से करीब तीस फीट की ऊंचाई में टीले में स्थित ये मंदिर पूरे शहर के लोगों के लिये आस्था का प्रतीक है। आज महिलाओं ने मंदिर पहुंचकर विधि विधान से पूजा अर्चना कर मां को चुनरी चढ़ायी है।
देवी पंडालों में कोरोना संक्रमण के कारण पसरा सन्नाटा
हमीरपुर नगर में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर देवी पंडाल सजाये गये है लेकिन कोरोना के कारण पंडालों में सन्नाटा देखा जा रहा है। यहां पंडालों में आयोजन समिति के लोग ही पूजा अर्चना कर रहे हैं। उधर मौदहा कस्बे में कोरोना संक्रमण के कारण एक भी स्थानों पर देवी पंडाल नहीं सजाये गये है। जबकि ग्रामीण इलाकों में देवी पंडालों में चहलपहल देखी जा रही है।
यह भी पढ़ें - हजरत निजामुद्दीन से मानिकपुर यूपी संपर्क क्रांति एक्सप्रेस शुरू, जानिए कब से
हिन्दुस्थान समाचार