बुन्देलखण्ड : 67 सालों में पहली बार गैर बीजेपी दलों के ढह गए थे मजबूत किले
बुन्देलखंड में संसदीय क्षेत्र के सभी विधानसभा सीटों पर पिछले बार आम चुनाव में बम्फर वोटों की बारिश में गैर बीजेपी दलों के मजबूत किले..
- संसदीय क्षेत्र के सभी सीटों पर खिला था कमल
बुन्देलखंड में संसदीय क्षेत्र के सभी विधानसभा सीटों पर पिछले बार आम चुनाव में बम्फर वोटों की बारिश में गैर बीजेपी दलों के मजबूत किले ढह गए थे। आजादी के 67 सालों बाद पहली मर्तबा संसदीय क्षेत्र की सभी सीटों पर बीजेपी ने कमल खिलाया था। सर्वाधिक मतों से यहां की सीट पर जीत का परचम फहराकर बीजेपी के उम्मीदवार ने 42 सालों का रिकार्ड ही तोड़ा था।
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बुन्देलखंड में हमीरपुर, महोबा, तिंदवारी सीट पर अटल बिहारी बाजपेई की जनसंघ पार्टी के बाद बीजेपी ऐसी दूसरी पार्टी है जिसने न सिर्फ यहां लगातार दूसरी बार बम्फर वोटों से कमल खिलाया था बल्कि सर्वाधिक बावन फीसदी से अधिक वोट हासिल करके 42 सालों के रिकार्ड को ही तोड़ा था। यहां के स्वामी ब्राम्हानंद महाराज पहली बार भारतीय जनसंघ पार्टी से चुनाव मैदान में आए थे तब उन्हें 54.1 फीसदी वोट मिले थे।
इस संसदीय सीट के लिए सत्रह बार आम चुनाव कराए गए लेकिन बीजेपी उम्मीदवार ने 2.48 लाख से अधिक वोटों के अंतर से जीत दर्ज कराई थी। इतने वोटों के अंतर से यहां किसी ने भी जीत दर्ज नहीं कराई थी। अबकी बार आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी को घेरने के लिए सभी प्रमुख दल रणनीति बना तो रहे है लेकिन कौन दल बीजेपी का चुनावी दंगल में सामना कर पाएगा यह कह पाना अभी मुश्किल है।
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- आम चुनाव में बीजेपी ने तोड़ा था कांग्रेस का रिकार्ड
वर्ष 1952 से अब तक संसदीय क्षेत्र में हुए आम चुनावों पर नजर डाले तो कांग्रेस ने यहां की सीट पर छह बार जीत दर्ज कराकर दबदबा कायम किया था लेकिन कांग्रेस के इस रिकार्ड को वर्ष 2019 के आम चुनाव में बीजेपी ने तोड़ दिया था। वर्ष 1952 में कांग्रेस को 32.7 फीसदी वोट मिले थे वहीं 1957 में 28.6, वर्ष 1962 में 47.9 फीसदी, वर्ष 1971 में 52.0, वर्ष 1980 में 44.2, वर्ष 1984 में कांग्रेस के खाते में 52.6 फीसदी वोट आए थे।
इसके बाद कांग्रेस के आम चुनावों में बुरे दिन शुरू हो गए। यहां पिछले आम चुनाव में बीजेपी ने 42 सालों का रिकार्ड तोड़ते हुए 52.77 फीसदी वोट हासिल कर दोबारा कमल खिलाया था। वर्ष 2014 में बीजेपी को यहां की सीट पर जीत दर्ज कराते हुए 47.045 फीसदी वोट हासिल किए थे। बता दे कि वर्ष 1967 में भारतीय जनसंघ पार्टी के प्रत्याशी ने सर्वाधिक 54.1 फीसदी वोट हासिल कर जीत का परचम फहराया था।
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- बुन्देलखंड क्षेत्र में तेजी से बढ़ा बीजेपी के वोटों का ग्राफ
आम चुनावों के नतीजों से यह बात साफ हो गई है कि वर्ष 2014 की तुलना में पिछले बार बीजेपी की लहर में गैर बीजेपी दल चुनावी महासमर में धड़ाम हो गए थे। बांदा-चित्रकूट सीट पर भितरघात के कारण बीजेपी ने यहां की सीट पर 58,938 वोटों के अंतर से कमल खिलाया था। बीजेपी के खाते में 4,18,988 वोट आए थे वहीं झांसी-ललितपुर सीट बीजेपी के खाते में आई थी। 3,63,730 वोटों के अंतर से यहां कमल खिला था।
हमीरपुर महोबा तिंदवारी सीट बीजेपी ने दोबारा जीती थी। 2,48,652 वोटों के अंतर से बीएसपी को बीजेपी प्रत्याशी ने चुनावी दंगल में धूल चटाई थी। जबकि जालौन गरौठा सीट में बीजेपी का कमल खिला था। बीजेपी प्रत्याशी ने पिछले आम चुनाव में मोदी लहर के कारण 1,58,377 वोटों के अंतर से बीएसपी को तगड़ा झटका दिया था। बुन्देलखंड की चारों सीटों पर बीजेपी का चुनावों में अब लगातार वोटों का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है।
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