सुरक्षित प्रसव के सिखाए जाएंगे गुर, 21 दिवसीय प्रशिक्षण में पांच दिन चलेगी थ्योरी

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से स्किल बर्थ अटेंडेंट (एसबीए) का 21 दिवसीय प्रशिक्षण..

Jan 24, 2022 - 07:23
Jan 24, 2022 - 07:25
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सुरक्षित प्रसव के सिखाए जाएंगे गुर, 21 दिवसीय प्रशिक्षण में पांच दिन चलेगी थ्योरी
  • मातृ-शिशु मृत्यु दर को न्यूनतम स्तर पर ले जाना है : सीएमओ

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से स्किल बर्थ अटेंडेंट (एसबीए) का 21 दिवसीय प्रशिक्षण शुरू किया गया है। पांच दिनों तक थ्योरी चलेगी, इसके बाद 16 दिनों तक प्रशिक्षणार्थियों को एफआरयू (फर्स्ट रिफरल यूनिट) में प्रसव के दौरान उत्पन्न होने वाली जटिलताओं से निपटने के विषय में विस्तृत रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा।

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प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. ए के रावत ने कहा कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य मातृ-शिशु मृत्यु दर को न्यूनतम स्तर पर ले जाना है। आज जनपद की स्थिति इस मामले में बेहतर हुई है, मगर सुधार की गुंजाइश अभी भी है।

उन्होंने कहा कि प्रसव के लिए आने वाली प्रसूताओं के साथ अच्छा बर्ताव करें। लिंगानुपात में कमी की वजह से अपराध भी बढ़ते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए सुरक्षित तरीके से प्रसव कार्य को निभाएं। गर्भवती को प्रसव पूर्व जांचों के लिए प्रेरित करें, उन्हें उसके फायदे बताए जाएं।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. पी के सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में चुनौतियां बहुत हैं। प्रसव कार्य से जुड़े स्वास्थ्य कर्मियों को सजग होकर अपनी जिम्मेदारी को निभाना है ताकि मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके। लिंग परीक्षण और भ्रूण हत्या कानूनन अपराध है, इस बारे में लोगों को जागरूक करें । बेवजह अल्ट्रासाउंड की प्रवृत्ति से भी बचना है।

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प्रशिक्षण के पहले दिन जिला महिला अस्पताल की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. आशा सचान ने उपस्थित स्टाफ नर्सों और आयुष मेडिकल अफसरों को प्रसव के दौरान उत्पन्न होने वाली जटिलताओं की जानकारी दी और इससे बचाव के तरीके बताए। गर्भावस्था से लेकर प्रसव तक आने वाली गंभीर स्थितियों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी।

जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता दीपक यादव ने बताया कि प्रशिक्षण कुल 21 दिन तक चलेगा। पहले पांच दिन थ्योरी होगी और इसके बाद 16 दिनों तक प्रशिक्षणार्थियों को चार-चार के बैच में एफआरयू (फर्स्ट रिफरल यूनिट) में प्रसव के दौरान उत्पन्न होने वाली जटिलताओं के विषय प्रशिक्षित किया जाएगा।

आज के प्रशिक्षण में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक सुरेंद्र साहू, जिला क्वालिटी इम्प्रूवमेंट मेंटर आकांक्षा यादव, नर्स सेंटर कोमल शुक्ला आदि मौजूद रहीं ।

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हि.स

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