गरौठा से दो बार विधायक रहे दीपनारायण सिंह , निवाड़ी विधानसभा में ठोंक सकतें है ताल 

मध्य प्रदेश विधानसभा के चुनाव में दीपनारायण सिंह (दीपक यादव) ने निवाड़ी विधानसभा क्षेत्र से उतरने के संकेत दिए हैं। इसके साथ ही क्षेत्र की सियासत गरमा गई है। पूर्व में भी दीपनारायण...

Aug 3, 2023 - 04:28
Aug 3, 2023 - 04:47
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गरौठा से दो बार  विधायक रहे  दीपनारायण सिंह , निवाड़ी विधानसभा में ठोंक सकतें है ताल 

बुंदेलखंड में चुनावी संग्राम
छतरपुर,

मध्य प्रदेश विधानसभा के चुनाव में दीपनारायण सिंह (दीपक यादव) ने निवाड़ी विधानसभा क्षेत्र से उतरने के संकेत दिए हैं। इसके साथ ही क्षेत्र की सियासत गरमा गई है। पूर्व में भी दीपनारायण की पत्नी मीरा इस सीट से विधायक रह चुकी हैं। सपा के कद्दावर नेता के निवाड़ी सीट से चुनाव लड़ने की चर्चाएं तेज होने के साथ ही भाजपा, कांग्रेस और बसपा ने यहां नए सिरे से रणनीति बनाना शुरू कर दी है।

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झांसी से सटी मध्य प्रदेश की निवाड़ी विधानसभा का हमेशा से ही अलग मिजाज रहा है। मध्य प्रदेश के अंतिम छोर पर स्थित इस सीट से चुने गए पं. लालाराम बाजपेयी, पं. लक्ष्मीनारायण नायक, गौरीशंकर शुक्ला, श्यामलाल साहू, रामरतन चतुर्वेदी, विक्रम सिंह यादव व बृजेन्द्र सिंह राठौर का प्रदेश की राजनीति में खासा दखल रहा है। कई बार यहां की जनता दलगत राजनीति से ऊपर उठकर अपनी व्यक्तिगत पसंद को तरजीह दे चुकी है। इसी के चलते बृजेंद्र सिंह राठौर दो बार यहां से निर्दलीय विधायक रह चुके हैं।

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निवाड़ी विधानसभा क्षेत्र पर पूरे प्रदेश की निगाहें जमी हुई हैं। पिछले चुनाव में यहां से भाजपा के अनिल जैन ने जीत हासिल की थी। लेकिन, इस बार भाजपा से आधा दर्जन से अधिक उम्मीदवार टिकट की कतार में खड़े हुए हैं। कमोबेश कांग्रेस में भी यही स्थिति बनी हुई है। इसी बीच उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी से गरौठा विधानसभा से दो बार विधायक चुके दीपनारायण सिंह (दीपक यादव) ने निवाड़ी से चुनाव लड़ने का संकेत दिया है। वह या उनकी पत्नी निवाड़ी की पूर्व विधायक मीरा यादव इस सीट पर सपा के टिकट पर चुनाव लड़ने जा रही हैं।

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इसके साथ ही क्षेत्रीय राजनीति में हलचल पैदा हो गई है। हालांकि, इसकी चर्चाएं पहले से ही हावी थीं। आठ महीने जेल में रहने के बाद बाहर आते ही दीपनारायण ने निवाड़ी में अपनी सक्रियता बढ़ा दी थी। लेकिन, अब खुलकर उन्होंने मैदान में उतरने की ठानी है। निवाड़ी में दीपनारायण की मजबूत पकड़ को देखते हुए भाजपा और कांग्रेस ने नए सिरे से अपनी सियासी गोटियां फिट करना शुरू कर दी हैं। खासतौर पद प्रत्याशी चयन को लेकर दोनों दलों में गतिरोध बढ़ा हुआ है।
-पंकज पाराशर

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