संपर्क क्रांति में सफर कर रहे बांदा के यात्री ने तोड़ा दम, 600 किमी तक नहीं मिली कोई मदद

चेन्नई में टाइल्स लगाने का काम करने वाले बांदा के बबेरू निवासी रामजीत अपनी साढू के साथ वापस आने के लिए चेन्नई से चलकर हजरत निजामुद्दीन ...

संपर्क क्रांति में सफर कर रहे बांदा के यात्री ने तोड़ा दम, 600 किमी तक नहीं मिली कोई मदद

चेन्नई में टाइल्स लगाने का काम करने वाले बांदा के बबेरू निवासी रामजीत अपनी साढू के साथ वापस आने के लिए चेन्नई से चलकर हजरत निजामुद्दीन जा रही तमिलनाडु संपर्क क्रांति एक्सप्रेस से सफर कर रहा था। तभी रास्ते में उसकी तबीयत बिगड़ गई साढू ने मदद के लिए रेलवे हेल्पलाइन नंबर पर फोन किया, लेकिन फोन नहीं लगा। अन्य यात्रियों ने ट्रेन को रुकवा कर लाश उतारने की भी रेलवे स्टेशनों में गुहार लगाई लेकिन उन्हें किसी तरह की मदद नहीं मिली जिससे 600 किलोमीटर तक सभी यात्रियों को लाश के साथ सफर करना पड़ा।

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बांदा के बबेरू निवासी रामजीत पुत्र भैयालाल अपने साढ़ू गोवर्धन के साथ रविवार को चेन्नई से तमिलनाडु संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में जनरल कोच में सवार होकर झांसी आ रहा था। ट्रेन रविवार रात को 2.44 बजे नागपुर पहुंची। यहां ट्रेन का 15 मिनट का ठहराव था। इस दौरान रामजीत के सिर में अचानक दर्द होने लगा और वह सीट से गिर गया। साढ़ू गोवर्धन और अन्य यात्रियों ने रामजीत को उठाया, तो देखा कि वह दम तोड़ चुका है। इसके बाद कोच में सवार यात्रियों में हड़कंप मच गया। 

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गोवर्धन ने ट्रेन को रुकवाने और साढ़ू को इलाज दिलाने की आस में रेलवे के हेल्पलाइन नंबर 139 पर फोन लगाया, लेकिन फोन नहीं लगा। इसके बाद यात्रियों ने रामजीत की लाश को एक सीट पर रख दिया। पूरी रात यात्री कोच में लाश होने की दहशत में रहे। कोच में सवार महिलाएं सीट से उठकर बाहर निकल आईं। अन्य यात्रियों ने बच्चों को दूर कर लिया। कई यात्री तो लाश की दहशत में पूरी रात सो नहीं सके। ट्रेन 400 किमी का सफर तय करके सुबह 8.30 बजे भोपाल पहुंची। यहां यात्रियों ने ट्रेन के स्टाफ और प्लेटफार्म पर मौजूद स्टाफ से लाश उतारने की गुहार लगाई, लेकिन किसी ने सुनवाई नहीं की। ट्रेन पांच मिनट बाद भोपाल से चल दी।

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भोपाल पर भी लाश नहीं उतरी तो यात्रियों ने हंगामा शुरू कर दिया। ट्रेन के स्टाफ ने झांसी कंट्रोल को सूचना दी। ट्रेन सोमवार दोपहर 12.30 बजे झांसी पहुंची, तो यहां डिप्टी एसएस एसके नरवरिया, जीआरपी और आरपीएफ ने लाश को उतारा। इसके बाद जीआरपी ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। यात्री के साढ़ू गोवर्धन ने बताया कि वह अपने साढ़ू के साथ चेन्नई में टाइल्स लगाने का काम करने गया था। वहां से लौटते समय अचानक साढ़ू रामजीत की ट्रेन में मौत हो गई। भोपाल पर शव उतारने के लिए कहा, लेकिन कोई सुनवाई नहीं की गई। झांसी में शव को उतारा गया। 

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