World No Tobacco Day: धूम्रपान से मरने वाले हरसाल बढ रहा ग्राफ
तंबाकू उत्पादों का अवैध व्यापार स्वास्थ्य, कानूनी और आर्थिक, शासन और भ्रष्टाचार सहित प्रमुख वैश्विक चिंता का विषय है। डब्ल्यूएचओ ने तंबाकू के सेवन से होने वाले रोगों की वजह से मृत्युदर में वृद्धि को देखते हुए इसे एक महामारी माना। इसके बाद पहली बार 07 अप्रैल 1988 को डब्ल्यूएचओ की वर्षगांठ पर मनाया गया और जिसके बाद प्रत्येक साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
तंबाकू से कैंसर का खतरा
तंबाकू से करीब 25 तरह की शारीरिक बीमारियां और करीब 40 तरह के कैंसर हो सकते हैं। इनमें मुंह का कैंसर, गले का कैंसर, फेफड़े का कैंसर, प्रोस्टेट ग्रंथि का कैंसर, पेट का कैंसर और ब्रेन ट्यूमर आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं।
हर साल 50 लाख मौते
डब्ल्यूएचओ की घोषणा के आधार पर इस समय समूचे विश्व में प्रत्येक साल 50 लाख से अधिक व्यक्ति धूम्रपान के सेवन के कारण अपनी जान से हाथ धो रहे हैं। अगर इस समस्या को नियंत्रित करने की दिशा में कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया तो साल 2030 में धूम्रपान के सेवन से मरने वाले व्यक्तियों की संख्या प्रतिवर्ष 80 लाख से अधिक हो जायेगी। तंबाकू के सेवन से प्रत्येक साल 10 में कम से कम एक व्यक्ति की मौत जरुर हो जाती है जबकि पूरे विश्व भर में 1.3 बिलियन लोग तंबाकू का इस्तेमाल करते हैं। साल 2020 तक 20 प्रतिशत से 25 प्रतिशत तंबाकू के इस्तेमाल को घटाने के द्वारा हम लगभग 100 मिलीयन लोगों की असामयिक मृत्यु को नियंत्रित कर सकते हैं।
दुकानदार बांट रहे हैं मौत
छोटी-छोटी पान की दुकान में बैठे हुए दुकानदारों की रोजी-रोटी की विवशता कही जा सकती है पर क्या हम आंखें फेर सकते हैं व्यापार की उन बड़ी दुकानों से भी जो पूरे विश्व की युवा पीढ़ी को बहका कर इन मौत के उत्पादों का शिकार बना रहे हैं? तम्बाकू इसके सेवन करने वालों के पचास प्रतिशत को बड़े आराम से मार डालता है। तम्बाकू हर साल अस्सी लाख लोगों को खत्म कर देता है, जिसमें सत्तर लाख लोग सीधे तम्बाकू का प्रयोग करते हैं जबकि लगभग बारह लाख लोग धूम्रपान करने वालों के आस-पास रहते हैं और धुएं के प्रभाव के शिकार हो जाते हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी बाँदा संतोष कुमार बतातें है कि तंबाकू में अत्यधिक नशे की आदत वाला निकोटीन नामक पदार्थ होता है। निकोटीन आपको कुछ समय के लिए अच्छा महसूस कराता हैं, लेकिन इसका लंबे समय तक उपयोग, आपके हृदय, फेफड़े और पेट के साथ-साथ आपके तंत्रिका तंत्र को भी प्रभावित करता हैं। इसका लंबे समय तक प्रयोग करने से खाँसी और गले में परेशानी होना, धब्बेदार त्वचा, दांतों का रंग खराब (दांतों का पीलापन) होना आदि है।