यूपी रोडवेज ने जारी की 1 जून से बस संचालन की गाइडलाइन
कोरोना के कहर से लोगों को बचाना भी है और देश को चलाना भी है, और ये तभी होगा जब कामकाज सुचारू रूप से चल सके। लोग भी एक स्थान से दूसरे स्थान को आ जा सकें। रेल सेवा भी फिलहाल बंद है और जो चल रही है वह केवल प्रवासी मजदूरों को वापस लाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों के सहयोग से चलाई जा रही है। ऐसे में बस सेवा पर ही लोगों का विश्वास जमता जा रहा है। चूंकि यूपी रोडवेज भी 1 जून से बसों का संचालन प्रारम्भ करने का ऐलान कर चुका है।
लाॅकडाउन 4 में सरकार ने बाजार से लेकर परिवहन सेवा में भी धीरे-धीरे छूट देने का मन बनाया है। इसी के तहत अब उत्तर प्रदेश में शर्तों के साथ बस सेवा भी 1 जून से शुरू की जा रही है। यात्रा के दौरान चालक-परिचालक और सफर करने वाले यात्री संक्रमित न होने पाएं, इस बात को ध्यान मे रखते हुए कड़े नियम बनाए गए हैं। इन नियमों का पालन करने के बाद ही बस सड़कों पर दौड़ पाएंगी।
बसों के संचालन के लिए बकायदा प्रोटोकाॅल जारी किया जा रहा है। साथ ही मार्गदर्शिका व नियमावली बनाई गई है। बसों के संचालन हेतु विभिन्न स्तरों पर उनको संचालित करने के लिए एसओपी जारी किया गया है।
बसें होंगी सैनिटाइज
बसों को वर्कशाॅप से बाहर निकालने से पहले ही सैनिटाइज किया जाएगा, इसके लिए सैनिटाइजिंग मशीन की हर डिपो में व्यवस्था की गई है। सैनिटाइज करने वाले कार्मिकों को मुख्यालय स्तर से निर्धारित लाइट ग्रीन कलर का जर्मसूट व थर्मल गन के माध्यम से प्रशिक्षण के बाद जर्मसूट दिया जाएगा।
चालकों की थर्मल स्क्रीनिंग होगी
कार्यशाला के कार्मिकों एवं चालकों को ड्यूटी पर लेने से पूर्व द्वार पर ही थर्मल गन से तापमान लेने के उपरांत पंजिका में उसको अंकित करते हुए रिकाॅर्ड संकलित कर रखा जाएगा। जिसकी सूचना दैनिक रूप से क्षेत्रीय प्रबंधक द्वारा अपने समस्त डिपो से संकलित कर मुख्यालय द्वारा निर्धारित प्रारूप में प्रेषित किया जाएगा।
कर्मचारियों को फेस मास्क अनिवार्य
कार्यालय एवं कार्यशाला के कार्मिकों को अपने पैसे से फेसमास्क लगाकर कार्य पर उपस्थित होना होगा। बिना मास्क के किसी भी कार्मिक एवं अधिकारी को ड्यूटी पर नहीं लिया जाएगा। प्रत्येक कार्यशाला के गेट के पास हैंड सैनिटाइजर हेतु मशीन की व्यवस्था क्षेत्रीय स्तर पर की जाएगी तथा गेट पर सीसीटीवी कैमरा रिकाॅर्डिंग सुविधा के साथ लगवाया जाएगा।
बस स्टेशनों में व्यवस्था
प्रत्येक बस स्टेशन पर पूछताछ कक्ष, बुकिंग एवं एमएसटी काउंटर डीडीपीएम एवं डीवीआर अनुभाग में भी हैंड सैनिटाइजर रखना अनिवार्य होगा। ड्यूटी पर जाने वाले प्रत्येक परिचालक को फेसमास्क, हैंड ग्लव्स तथा 500 मिलीलीटर की हैंड सैनिटाइजर की बोतल, एटीएम मशीन के साथ अभिलेखों पर अंकित करते हुए उपलब्ध कराई जाएगी। परिचालक की जिम्मेदारी होगी कि बिना फेसमास्क के एवं हैंड सेनीटाइजर के प्रयोग के बिना बस में किसी भी यात्री को अनुमति न दी जाए। बस स्टेशन स्थित प्रसाधन एवं शौचालय तथा शुद्ध पेयजल स्थल तथा प्लेटफार्म में लगी हुई पैसेंजर सीटों पर प्रत्येक 6 घंटों में सफाई व सैनिटाइजिंग की व्यवस्था होनी चाहिए।
प्रवर्तन दल करेंगे निरीक्षण
क्षेत्रीय मुख्यालय स्तर पर गठित प्रवर्तन दल द्वारा बसों के दैनिक मार्ग का निरीक्षण किया जाएगा। जिसमें चालक, परिचालक, यात्रियों द्वारा फेसमास्क पहना हुआ नहीं पाया जाता तो प्रवर्तन दल द्वारा कार्रवाई की जाएगी।
कोविड-19 के नियमों का पालन
बस स्टेशन के लिए मुख्यालय स्तर से निर्धारित कोविड-19 से संबंधित दिशा-निर्देशों का यात्रियों एवं जन सम्मान के लिए बनाए गए पोस्टरों को बस स्टेशन पर उचित स्थान पर प्रदर्शित किया जाएगा।
बस स्टेशनों का वर्गीकरण
प्रदेश के सभी बस स्टेशनों को यात्रियों के आगमन की संख्या के अनुसार वर्गीकृत किया गया है। बस स्टेशनों पर आने वाले प्रतिदिन यात्रियों की संख्या के आधार पर बस स्टेशनों को चार श्रेणियों में बांटा गया है। इसमें,
- 10000 से अधिक वाले कुल बस स्टेशन 28
- 5000 से अधिक तथा 10000 से कम वाले कुल बस स्टेशन 44
- 1000 से अधिक तथा 5000 से कम वाले कुल बस स्टेशन 90
- 1000 से कम वाले कुल बस स्टेशन 64
1000 से अधिक तथा 5000 से कम वाले बस स्टेशनों पर हैंड हेल्ड थर्मल स्कैनर के माध्यम से आने वाले यात्रियों को शिफ्ट वार कार्मिक लगाकर प्रत्येक यात्री को स्कैन कराने के पश्चात ही बस स्टेशन में बसों पर प्रवेश दिया जाएगा।इसमें स्कैन किए गए यात्रियों की सूचना को कंप्यूटर के माध्यम से संकलित कर बैकअप की सुविधा उपलब्ध रहेगी।
1000 से कम वाले बस स्टेशनों पर हैंडहेल्ड थर्मल स्कैनर के माध्यम से स्कैनिंग की जाएगी तथा प्रत्येक व्यक्ति की सूचना संकलित की जाएगी। हेल्थ स्कीम स्कैनर की कार्रवाई पर निगरानी रखने के लिए सीसीटीवी कैमरा रिकाॅर्डिंग सुविधा के साथ उक्त स्थल पर व यात्रियों की सूचना रिकाॅर्ड रहेगी।