बांदाः रेप और छेड़खानी के फर्जी मुकदमे दर्ज कराती है मां बेटी, सीओ सिटी और प्रधान को भी फंसाया
जिले के चिल्ली गांव में कचहरी में मुंशीगिरी करने वाले एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी और बेटी के जरिए पूरे गांव को परेशान कर रखा है। पत्नी और पुत्री फर्जी छेड़खानी और बलात्कार के मामले...
पत्नी और बेटी को ढाल बनाकर एक मुंशी ने पूरे गांव को कर रखा है परेशान
जिले के चिल्ली गांव में कचहरी में मुंशीगिरी करने वाले एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी और बेटी के जरिए पूरे गांव को परेशान कर रखा है। पत्नी और पुत्री फर्जी छेड़खानी और बलात्कार के मामले 156 (3) के तहत कोर्ट के जरिए दर्ज कराते हैं और फिर लोगों को ब्लैकमेल करते हैं। इन्होंने पूर्व प्रधान और वर्तमान प्रधान को रेप के मामले में फंसा दिया है। इतना ही नहीं पुलिस अगर उनके मन माफिक रिपोर्ट नहीं लगाती तो दरोगा और पुलिस कर्मी भी इनका शिकार बन जाते हैं। इन्होंने सीओ सिटी को भी नहीं बख्शा, उनके खिलाफ भी झूठी शिकायत कर जांच करवा डाली। इनसे परेशान ग्राम प्रधान और गांव के दर्जनों लोगों ने सोमवार को पुलिस अधीक्षक से शिकायत की है।
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इस गांव के प्रधान अशोक प्रजापति ने आरोप लगाया कि गांव का निवासी उक्त व्यक्ति आए दिन किसी न किसी के खिलाफ फर्जी व मनगढ़ंत घटना बनाकर स्वयं व अपनी पुत्री पत्नी के जरिए लोगों के खिलाफ फर्जी शिकायत करता रहता है। उसने बताया कि 15 जून 2023 को मेरे खिलाफ भी एक बलात्कार का मुकदमा किया है। जबकि गांव के लोगों ने इस घटना को पूरी तरह फर्जी बताया है। प्रधान ने बताया कि वह झूठी शिकायत दर्ज करा कर लोगों को ब्लैकमेल करता है, यह उसका धंधा बन चुका है। अगर कोई पुलिस जांच अधिकारी उसके मुताबिक जांच रिपोर्ट नहीं लगता तो उसके विरुद्ध भी 156 (3 )के अंतर्गत न्यायालय के जरिए मुकदमा दर्ज कराता है। इसके पूर्व भी इसने 22 दिसंबर 2022 को मेरे खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज कराई थी जो बाद में फर्जी पाई गई थी।
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ग्राम प्रधान के मुताबिक उक्त मुंशी द्वारा अब तक दर्जनों लोगों को झूठे मुकदमे में फंसाया जा चुका है। इनमें पूर्व ग्राम प्रधान राममिलन कुशवाहा, मुन्नालाल बलदेव और सीओ सिटी कलुआ प्रजापति शामिल है। इसी तरह इंस्पेक्टर दुर्विजय सिंह, उपनिरीक्षक कीरत कुमार कांस्टेबल रुद्धपाल आदि भी इनके शिकार बन चुके हैं। इस व्यक्ति द्वारा न्यायालय से मुकदमे का आदेश पारित कराकर पुलिस के अधिकारियों के अलावा ग्रामीणों को भी ब्लैकमेल किया जाता है। आए दिन लोगों के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज होने से लोग परेशान हैं। गांव में लोग काम करने से ही कतराते हैं। इस मामले में ग्रामीणों ने निष्पक्ष जांच कर कर कार्रवाई की मांग की है।
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