बाँदा : तिरंगे के अपमान का विरोध पड़ा महंगा, समाज सेविका गई जेल, अब आंदोलन शुरू
देश इस समय आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर अमृत महोत्सव मना रहा है, वहीं दूसरी ओर तिरंगे का अपमान करने वालों के खिलाफ आवाज..
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देश इस समय आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर अमृत महोत्सव मना रहा है, वहीं दूसरी ओर तिरंगे का अपमान करने वालों के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाली समाज सेविका को जेल भेज दिया गया।समाज सेविका की रिहाई को लेकर महिलाओं ने ऐतिहासिक अशोक की लाट पर अनशन शुरू कर दिया।
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बताते चलें कि स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को शहर के अटल सरोवर पार्क 151 फिट ऊंचे पोल पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया गया था।उस समय राष्ट्रगान के दौरान लोग सावधान की मुद्रा से हटकर इधर उधर जाने लगे थे।अगले दिन इससे संबंधित एक वीडियो वायरल हुआ जिसे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा और राष्ट्रगान का अपमान माना गया।
इसी मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर समाज सेविका शालिनी सिंह पटेल तीन दिन पहले जिला अधिकारी को ज्ञापन देने जा रही थी जिसे पुलिस ने गिरफ्तार करके धारा 151 शांति भंग की आशंका में चालान कर दिया था लेकिन एसडीएम कोर्ट ने उक्त समाज सेविका को जमानत नहीं दी जबकि जमानतदार के रूप में वहां पर अधिवक्ता भूपेंद्र शुक्ला मौजूद थे।
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जमानत न मिलने पर समाज सेविका को जेल जाना पड़ा और आज तीसरे दिन भी उसकी जमानत नहीं हुई। इधर इस घटना से आहत महिलाओं और पत्रकारों ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए ऐतिहासिक अशोक की लाट के नीचे अनशन शुरू कर दिया है।अनशन कारियों का कहना है कि प्रशासन ने सुनियोजित षड्यंत्र के तहत समाज सेविका को जेल भेजा है और अब और भी फर्जी मुकदमे दर्ज कराने की कोशिश की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रगान के कथित अपमान के मामले में भाजपा के नेताओं ने सफाई देते हुए कहा था कि ध्वजारोहण के दौरान साउंड वाले ने दोबारा राष्ट्रीय गान बजा दिया था जिससे लोग भ्रमित हुए फिर भी सावधान की मुद्रा में खड़े हो गए थे जबकि वीडियो में राष्ट्रगान के दौरान माननीयों व प्रशासनिक अधिकारियों को चहल कदमी करते हुए दिखाया गया है।
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