MP Chunav :- बीजेपी के इस विधायक ने हद कर दीः चुनाव जीतने को तीन बार बदली जाति

चुनाव जीतने के लिए प्रत्याशी तरह-तरह के हथकंडे अपनाते हैं लेकिन मध्य प्रदेश के एक विधानसभा में ऐसे भी एक भाजपा विधायक हैं। जिन्होंने चुनाव लड़ने और जीतने के लिए एक नहीं

MP Chunav :- बीजेपी के इस विधायक ने हद कर दीः चुनाव जीतने को तीन बार बदली जाति

चुनाव जीतने के लिए प्रत्याशी तरह-तरह के हथकंडे अपनाते हैं लेकिन मध्य प्रदेश के एक विधानसभा में ऐसे भी एक भाजपा विधायक हैं। जिन्होंने चुनाव लड़ने और जीतने के लिए एक नहीं तीन-तीन बार जातियां बदल दी। जाति बदलकर चुनाव भी जीत लिया अब मामला कोर्ट में विचाराधीन है। विधायक जजपाल सिंह जज्जी द्वारा बदली गई जातियों की कहानी बड़ी दिलचस्प है। 

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उन्होने वर्ष 1994 में अशोकनगर जनपद पंचायत का चुनाव सामान्य जाति वर्ग से लड़ कर जीता और जनपद सदस्य बने। पांच साल बाद अशोकनगर नगरपालिका अध्यक्ष का पद अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षित हो गया। तब वर्ष 1999 में जज्जी ने ओबीसी की कीर जाति का प्रमाण पत्र बनवाया और आरक्षित सीट से नगरपालिका अध्यक्ष का चुनाव लड़ कर अध्यक्ष बने। जाति बदलने की उनकी यात्रा यहीं खत्म नहीं हुई बल्कि 2008 में हुए परिसीमन के बाद जैसे ही अशोक नगर विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हुई तो जज्जी ने वर्ष 2013 में कांग्रेस से अजा वर्ग (नट जाति) से चुनाई लड़ा और हार गए। फिर वर्ष 2018 में कांग्रेस पार्टी से अनुसूचित जाति वर्ग से चुनाव लड़ा और जीत गए।

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वर्ष 2020 में जब कमल नाथ सरकार गिरी तो कांग्रेस छोड़ने वालों में जज्जी भी शामिल थे। भाजपा सरकार में वर्ष 2013 में एससी छानबीन समिति में जजपाल सिंह का एससी जाति प्रमाण पत्र निरस्त किया था, तथा वर्ष 2019 में कमल नाथ सरकार में एससी प्रमाण पत्र को वैध मान लिया गया था। फिलहाल वे भाजपा से विधायक हैं और टिकट की दौड़ में हैं हालांकि अशोकनगर आरक्षित विधानसभा सीट का टिकट भाजपा द्वारा होल्ड पर रखा गया है।

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फर्जी जाति प्रमाण पत्र का ऐसा अनोखा मामला शायद ही कहीं हुआ होगा या किसी ने सुना होगा। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने अशोकनगर से भाजपा विधायक जजपाल सिंह जज्जी के जाति प्रमाण पत्र के खिलाफ पुलिस को यह आदेश दिया कि जज्जी के फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाने के मामले में केस दर्ज किया जाए। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने विधानसभा को भी आदेश दिया है कि इनकी सदस्यता समाप्त की जाए। 

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विधायक जजपाल सिंह जज्जी के खिलाफ हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। 2018 के विधानसभा चुनाव में जजपाल सिंह जज्जी ने कांग्रेस के टिकट से अशोकनगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था और उन्होंने इस सीट पर जीत भी दर्ज की थी। जज्जी ने भाजपा के लड्डू राम कोरी को हराया था। कोरी ने ही जज्जी के जाति प्रमाण पत्र का चुनौती दी थी। जज्जी ने इस मामले को डबल बेंच में चुनौती दी और राहत पा ली। अब कोरी एक बार फिर न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट की शरण में हैं, जहां जजपाल सिंह के फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आगामी 16 अक्टूबर को है। 

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