जालौन में प्रशासन ने ढहाया राधा कृष्ण का मंदिर तो मच गया बवाल
जिला पंचायत की जगह पर बने सार्वजनिक राधाकृष्ण मंदिर को अपर मुख्य अधिकारी व एसडीएम जिला पंचायत की..
जिला पंचायत की जगह पर बने सार्वजनिक राधाकृष्ण मंदिर को अपर मुख्य अधिकारी व एसडीएम जिला पंचायत की उपस्थिति में ढहा दिया गया। नगर के धार्मिक गुरूओं और संभ्रांत नागरिकों को विश्वास में लिए बिना मंदिर तोड़े जाने से लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं।
मौके पर पहुंचे विश्व हिंदू परिषद एवं बजरंग दल के सदस्यों ने हंगामा काटा। इस बीच देवनगर चौराहे पर भी कुछ देर के लिए लोगों ने जाम लगा दिया। मौके पर आसपास के थानों की फोर्स के अलावा एडीएम व एएसपी भी पहुंचे। हालांकि अभी तक वार्ता का कोई नतीजा नहीं निकला है। लोग पुनः मंदिर बनाए जाने की मांग पर अड़े हैं।
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नगर का पुराना अस्पताल मैदान जिला पंचायत की जगह में बना है। लगभग 20 वर्ष पूर्व अस्पताल देवनगर चौराहे पर स्थानांतरित कर दिया गया। वर्तमान में उक्त स्थान पर दो परिषदीय विद्यालय पूर्व माध्यमिक विद्यालय नगर क्षेत्र एवं प्राथमिक विद्यालय उर्दू माध्यम संचालित हो रहे हैं। इसी परिसर में अस्पताल के हटने के बाद एक कोने में राधा कृष्ण का सार्वजनिक मंदिर स्थापित हुआ था। जिसमें प्रतिदिन पूजा अर्चना होती थी।
मंगलवार को जिला पंचायत के एएमए विजय प्रकाश, एसडीएम अंकुर कौशिक स्थानीय पुलिस के साथ जेसीबी मशीन लेकर उक्त स्थान पर आ गए और उन्होंने जेसीबी से उक्त राधा कृष्ण मंदिर को गिरवा दिया। उक्त मंदिर की देखरेख मधु पांडेय पत्नी नरेंद्र शंकर पांडेय करती थी। मंदिर गिरने से पूर्व जब उन्होंने इसका विरोध किया तो प्रशासन द्वारा उनकी एक नहीं सुनी गई। मंदिर को गिराए जाने की जानकारी जब धार्मिक समुदाय के लोगों के साथ भाजपा नेताओं, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद को हुई तो दोनों दलों के कार्यकर्ता वहां पहुंच गए। जहां उन्होंने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
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जिसके बाद सीओ संतोष कुमार और सीओ राहुल पांडेय ने लोगों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन बात नहीं बनी। जिसके बाद उच्चाधिकारियों को सूचना दी गई। सूचना मिलते ही एडीएम पूनम निगम व एएसपी असीम चौधरी नगर में आ गए। इससे पूर्व विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल के कार्यकर्ता देवनगर चौराहे पर पहुंच गए। जहां उन्होंने जाम लगा दिया। दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारे लग गई। एडीएम व एएसपी के पहुंचने पर वहां जाम खुल सका।
इस दौरान लगभग आधा घंटे तक जाम लगा रहा। इसके बाद सभी अधिकारी व कार्यकर्ता पुनः पुराना अस्पताल मैदान पहुंचे। जहां बीएचपी के जिलाध्यक्ष जयदीप त्रिपाठी, मंत्री ज्ञानेंद्र त्रिपाठी, दीपक शर्मा, आशीष द्विवेदी, मानवेंद्र, भाजपा नेता राजीव मिश्रा, गौरव गुर्जर, सतीश सिंह सेंगर, डॉ. बृजेंद्र सिंह, राजा सिंह सेंगर गधेला आदि से प्रशासन की वार्ता हुई। सभी लोग इस मांग पर अड़े थे कि प्रशासन मंदिर को पुनः बनवाए। जबकि प्रशासन इस संबंध में बात करने का आश्वासन दे रहा था। जिसके चलते दोनों पक्षों के बीच कोई सहमति नहीं बन सकी।
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