यूपी सरकार चाहे तो उपभोक्ताओं को मिल सकती है निःशुल्क बिजली
दिल्ली राज्य सरकार की भांति उत्तर प्रदेश राज्य सरकार भी बिना कोई अतिरिक्त व्यय भार उठाए ऊर्जा क्षेत्र के वर्तमान में दिये जाने वाले अनुदान से ही घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को मासिक 200 यूनिट बिजली निःशुल्क दे सकती है...
इस दावे के साथ मांग की है बाँदा के एक व्यवसायी ने जिन्होंने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस बावत एक पत्र भी भेजा है, दरअसल यूपी में बिजली की बढ़ती दरों से बिजली उपभोक्ता परेशान हैं। कोरोना काल में जब हर कोई आमदनी न होने से परेशान था, तब यूपी की बिजली कम्पनियों ने बिल स्लैब में परिवर्तन कर उपभोक्ताओं की कमर तोड़ दी। ऐसे में जब आसपास के राज्य अपेक्षाकृत सस्ती और निःशुल्क बिजली उपलब्ध करा रहे हैं तो यूपी के उपभोक्ता अपने आप को छला हुआ महसूस कर रहे हैं।
ऐसे ही मुद्दों को लेकर जब बुन्देलखण्ड न्यूज ने सोलर पैनल लगाने वाले व्यवसायी राम जी श्रीवास्तव से बात की, तो उन्होंने बताया कि वो कई वर्षों से बाँदा और आसपास के जिलों में सोलर पैनल लगाने का काम कर रहे हैं जिससे उपभोक्ताओं को बिजली के बिलों से काफी हद तक राहत मिली है। पर अभी भी सरकार की यह योजना अपने शैशव अवस्था में है। यूपी सरकार द्वारा उन्हें सौर ऊर्जा के क्षेत्र में कार्य करने की अनुमति दी गयी थी।
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इस दौरान सरकार द्वारा ऊर्जा के क्षेत्र में घरेलू उपभोक्ताओं को दिये जाने वाले अनुदान की प्रक्रिया व व्यवस्था का बारीकी से अवलोकन किया तो पाया कि यदि यूपी सरकार उपभोक्ताओं को दिये जा रहे अनुदान मद का प्रयोजन व योजना की कार्यशैली में बदलाव करे तो वह प्रत्येक माह अपने घरेलू उपभोक्ताओं को 200 यूनिट तक निःशुल्क बिजली दे सकती है। इससे यूपी सरकार को तो क्रेडिट मिलेगा ही पर सबसे ज्यादा फायदा उन उपभोक्ताओं को मिलेगा जो 200 यूनिट से नीचे बिजली में अपना गुजारा करते हैं। गरीब व मजदूर वर्ग की एक बड़ी आबादी इस योजना से राहत पा सकती है। इसके अलावा भी 200 यूनिट निःशुल्क बिजली आम मध्यम वर्गीय उपभोक्ताओं के लिए भी एक बड़ी राहत की बात हो सकती है।
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शहर में साईं इंटरप्राइजेज के नाम से अपना व्यवसाय करने वाले राम जी श्रीवास्तव आश्वस्त होकर कहते हैं कि उन्होंने जो पत्र मुख्यमंत्री को भेजा है उस योजना पर यदि अमल करने का मन यूपी सरकार बनाती है तो वो इस सम्बन्ध में पूरा मसौदा उनके सामने प्रस्तुत कर सकते हैं।
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दूसरी ओर यदि देखा जाये तो राम जी की बातों में काफी हद तक उनकी बतायी योजना साकार होती दिखाई देती है। यदि ऐसा हो जाता है तो आम जनमानस प्रकृति प्रदत्त इस अक्षय ऊर्जा भण्डार का उपभोग कर सकेगा और सरकार को भी अन्य राज्यों से बिजली कम खरीदनी पडे़गी।