बांदा शहर के प्राचीन मंदिर महेश्वरी देवी से न्यायालय के आदेश पर अतिक्रमण हटाया गया
बांदा की घनी आबादी के बीच स्थित सैकड़ों वर्ष पुराने महेश्वरी देवी मंदिर के बाहर कई दुकानदारों ने अवैध कब्जा कर रखा था..
बांदा की घनी आबादी के बीच स्थित सैकड़ों वर्ष पुराने महेश्वरी देवी मंदिर के बाहर कई दुकानदारों ने अवैध कब्जा कर रखा था, जिन्हें कमेटी द्वारा हटाने का प्रयास किया गया लेकिन वह नहीं हटे,जिससे न्यायालय का सहारा लेना पड़ा और न्यायालय का आदेश मिलते ही सीओ सिटी और नगर मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में अतिक्रमण हटाने का काम शुरू हो गया।
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जिले के प्रसिद्ध आस्था के केंद्र महेश्वरी देवी मंदिर सैकडों वर्ष पुराना है।इस मंदिर के बाहर मुख्य दरवाजे के आसपास कई दुकानदारों ने अवैध कब्जा करके अपनी दुकानें बना रखी है।इन्हें हटाने के लिए बरसों से प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन इन्होंने अपना अतिक्रमण नहीं हटाया। जिससे मामला न्यायालय अपर जिला जज चतुर्थ की की कोर्ट में पहुंचा।कोर्ट में स्पष्ट रूप से आदेश दिए हैं कि मंदिर से जुड़े कुछ हिस्सों पर अतिक्रमण किया गया है।
यह महेश्वरी देवी मंदिर ट्रस्ट की संपत्ति है,ट्रस्ट को सार्वजनिक ट्रस्ट माना गया है। इसमें किसी भी व्यक्ति का व्यक्तिगत हित निहित नही है। इसलिए अमीन, सीओ सिटी व सिटी मजिस्ट्रेट जो ट्रस्ट के पदाधिकारी हैं को आदेशित किया जाता है कि वह मौके पर पहुंचकर मंदिर को सभी प्रकार के अतिक्रमण से मुक्त कराएं ताकि जनमानस को मंदिर के प्रवेश में किसी प्रकार की असुविधा का सामना ना करना पड़े।
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न्यायालय के आदेश के आधार पर पुलिस व प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने का काम शुरू कर दिया। मंदिर के बाहर कुल 8 दुकानदारों ने कब्जा कर रखा है। इनमें पंकज गुप्ता और डॉ. भुवनेद्र चौरसिया का नाम भी शामिल है।जिन्होंने अवैध कब्जा करके अपनी दुकानें बना ली है।
इतना ही नहीं मंदिर के बगल में एक शंकर जी का मंदिर है उस पर भी अतिक्रमण किया गया है। इन्हें हटाने के लिए गुरुवार की रात प्रशासन द्वारा चेतावनी दी गई थी और इसके बाद अतिक्रमण हटाने का काम शुरू हो गया। अभी भी दो दुकानदार दुकानों में ताला जड़कर फरार हो गए हैं जिन्हें हटाने के लिए प्रशासन द्वारा प्रयास जारी हैं।
बताते चले कि शहर में घनी आबादी के बीच स्थित महेश्वरी देवी मंदिर में ट्रस्ट न होने पर अदालत से रिसीवर नियुक्त होते रहे हैं। लेकिन वर्ष 2020 में महेश्वरी देवी मंदिर को 33 साल के बाद ट्रस्ट मिल गया। अपर जिला सत्र न्यायाधीश ने अपने आदेश में 20 सदस्यीय ट्रस्ट को मंजूरी दी थी इसके बाद सर्वसम्मति से अध्यक्ष व मंत्री आदि चुने गए। ट्रस्ट में सिटी मजिस्ट्रेट, नगर क्षेत्राधिकारी भी पदेन सदस्य हैं। ट्रस्ट में प्रधानाचार्य बाबूलाल गुप्ता अध्यक्ष/प्रबंधक, बद्री प्रसाद धुरिया मंत्री, मयंक श्रीवास्तव कोषाध्यक्ष और श्रीप्रकाश विधिक सलाहकार है।
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