बुंदेलखंड क्रांति दल ने ठोंकी ताल, चुनाव मैदान उतारे 10 प्रत्याशी
बुंदेलखंड को अलग राज्य बनाने की मंशा पाले बुंदेलखंड क्रांति दल ने सभी दलों को पीछे छोड़ते हुए बुंदेलखंड की विधानसभा सीटों..
हमीरपुर,
- विधानसभा की दो सीटों पर क्रांति दल से महिलाएं भी चुनावी दंगल में भरेगी हुंकार
बुंदेलखंड को अलग राज्य बनाने की मंशा पाले बुंदेलखंड क्रांति दल ने सभी दलों को पीछे छोड़ते हुए बुंदेलखंड की विधानसभा सीटों में अपने प्रत्याशियों को उतारकर सभी दलों की धड़कनें बढ़ा दी है। अलग राज्य के नाम पर बुंदेली मतदाताओं को सर्वाधिक भाजपा ने छला है।
गत विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव में अलग राज्य का झांसा देकर भाजपा ने बुंदेलखंड की सभी सीटों पर कब्जा जमा लिया था। लेकिन सत्ता में आने के बाद उन्होंने अलग राज्य के बारे में कभी मुखर होकर बात नहीं की। इससे बुंदेले काफी आहत हुए और अलग राज्य की अलख जगाने वाले संगठनों ने समय-समय पर भाजपा पर वादाखिलाफी का आरोप भी लगाया है।
यह भी पढ़ें - गंभीर अपराध में आरोपी नेताओं को कोई पार्टी प्रत्याशी न बनाएं
इस बार के चुनाव में राजनीतिक दलों के एजेंडे से अलग राज्य का मुद्दा नदारद है। सभी दल इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं। राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय दलों की इस चुप्पी से अलग राज्य की पैरवी करने वाले संगठन बेहद खफा हैं। बुंदेलखंड क्रांति दल भी दशकों से अलग राज्य की मांग को लेकर संघर्षरत है। अपनी मांग को विधानसभा में उठाने की गरज से इस दल ने विधानसभा चुनाव में आकर ताल ठोक दी है।
बुंदेलखंड क्रांति दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्येंद्र पाल सिंह ने रविवार को अपने प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी। उन्होंने बताया कि हमीरपुर सदर से धर्मेंद्र पांडेय, राठ से श्यामबिहारी मित्रा को मैदान में उतारा है। महोबा सदर से अनुपमा सिंह मैदान में होंगी।
चित्रकूट सदर से साधना मिश्रा, बांदा से आनंद मिश्रा, बबेरू से बृजेंद्र कुमार, तिंदवारी से प्रदीप सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है। उरई सदर से समीक्षा चौधरी, ललितपुर से अमितेन्द्र सिंह तथा झांसी सदर से नईम मंसूरी को मैदान में उतारकर राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों की धड़कन बढ़ा दी हैं।
यह भी पढ़ें - यूपी में सात चरणों में होंगेे चुनाव, 10 फरवरी को पहले दौर का मतदान, 10 मार्च को मतगणना
बुंदेलखंड क्रांति दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्येंद्र पाल सिंह ने बताया कि वह बुंदेलखंड की सभी 19 सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी और गत लोकसभा एवं विधानसभा में भाजपा द्वारा किए गए वादे के बाद मुकर जाने के मामले को प्रमुखता के साथ बुंदेलखंड की जनता के समक्ष रखेंगे।
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद अलग बुंदेलखंड राज्य का गठन किया गया था। लेकिन चार वर्षों बाद इसको उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के मध्य विभाजित करके खत्म कर दिया गया। तब से ही अलग राज्य की मांग चल रही है। अस्सी के दशक में इस मांग पर तेजी आई और तमाम आंदोलन हुए। अलग राज्य के नाम पर कांग्रेस, भाजपा, सपा, बसपा सबने बुंदेली मतदाताओं को छला है। लेकिन वादा किसी ने नहीं निभाया। हम चुनाव में अलग राज्य के नाम पर इन दलों को भी सबक सिखाने का कार्य करेंगे।
यह भी पढ़ें - जनता का मिल रहा जबरदस्त आर्शीवाद, फिर बनेंगी भाजपा सरकार : केशव प्रसाद मौर्य
हि.स