इन महिला पत्रकारों की मुट्ठी में बांदा पुलिस ?

यह हम नहीं कह रहे हैं यह डायलॉग उन तथाकथित महिला पत्रकारों का है। जो लॉकडाउन के दौरान दुकान खोलने वाले..

इन महिला पत्रकारों की मुट्ठी में बांदा पुलिस ?
नेहा धुरिया वायरल ऑडियो

यह हम नहीं कह रहे हैं यह डायलॉग उन तथाकथित महिला पत्रकारों का है।जो लॉकडाउन के दौरान दुकान खोलने वाले दुकानदारों को धमकी देती हैं कि अगर उन्होंने दुकान खोला तो पुलिस से छापा डलवा कर उनके खिलाफ कार्रवाई कराएंगी। अगर दुकान खोलना ही है तो पहले हमें प्रति दुकान एक 1 -1हजार रुपए कमीशन दिया जाए ,पुलिस हमारी मुट्ठी में है पुलिस हमारी सूचना पर तत्काल कार्रवाई करती है।

जी हां ऐसा वाकया शहर के दो दुकानदारों इरफान और रफीक के साथ हुआ। दुकान खोलने के बदले इन दोनों से कमीशन के रूप में नेहा धूरिया और पिंकी निषाद में एक 1000 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से कमीशन मांगा।कमीशन मांगने का ऑडियो वायरल हो जाने पर पत्रकारों में भी खलबली मच गई।

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पिंकी निषाद अपने आप को प्राइम न्यूज़ क्राइम ब्रांच का रिपोर्टर बताती है और दुकानदार रफीक से कहती है कि मैंने अभी 1 दिन पहले माल के सामने एक चूड़ी की दुकान पर छापा डलवाया है अगर तुम लोगों ने दुकान खोली तो तुम्हारे साथ भी ऐसा होगा।

इसलिए अगर दुकान खोलना चाहते हो तो प्रतिदिन के हिसाब से एक 1000 रुपये हमें कमीशन दिया जाए।इस पर इरफान ने पत्रकार से गिडगिडाते हुए कहा कि हमारे दुकान में काम करने वाले कई कर्मचारी हैं उनको वेतन देना पड़ता है और अगर दुकान बंद हुई तो हमारा नुकसान होगा।

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हमारा रोजगार बंद होगा, इसलिए कुछ पैसा कम कर लो।इस पर दूसरी ओर से महिला पत्रकार कहती है कि हम लोग दो लोग हैं नेहा धुरिया और मैं इसलिए हमें 1000 से कम नही चाहिए। इस पर दुकानदार ने कहा कि हम दोनों दुकानों से ढाई ढाई सौ रुपए दिलवा देंगे।इस पर पत्रकार अपनी सहेली से बात करने की बात कह कर फोन डिस्कनेक्ट कर देती है।

ठीक इसी तरह से नेहा धूरिया भी इरफान से दुकान खोलने के बदले में 1000 रुपये की मांग करती है। इसी ऑडियो के वायरल होने पर तथाकथित महिला पत्रकारों ने पुलिस को  लिखित माफीनामा देकर भविष्य में ऐसी गलती न करने की दांव भी खेला।

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लेकिन यह कृत्य क्षमा योग्य नहीं है, यह दोनों महिलाएं पत्रकारिता को कलंकित कर रही हैं। इनके कृत्य से समूचे पत्रकारिता बदनाम हुई है इसलिए जरूरी है कि पुलिस इनके खिलाफ कार्रवाई करें।  ऐसा करके पुलिस अपने ऊपर लगाए गए आरोप से मुक्त होगी और पत्रकारिता की आड़ में इस तरह की वसूली करके पत्रकारिता को बदनाम करने वाली इन महिलाओं को सबक मिलेगा। महिलाओं के  इस ऑडियो के वायरल होने पर वरिष्ठ पत्रकारों ने दोनों महिलाओं की निंदा करते हुए अतिशीघ्र इन्हें नाजायज़ वसूली के मामले में जेल भेजने की मांग की है।

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