सांस्कृतिक संध्या में गूँजी शास्त्रीय संगीत की मधुर लहरियाँ, खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड का भव्य आयोजन रहा आकर्षण का केंद्र
उत्तर प्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा रायफल क्लब मैदान में आयोजित मंडल स्तरीय सांस्कृतिक संध्या शास्त्रीय संगीत और नृत्य की मनभावन...
बांदा। उत्तर प्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा रायफल क्लब मैदान में आयोजित मंडल स्तरीय सांस्कृतिक संध्या शास्त्रीय संगीत और नृत्य की मनभावन प्रस्तुतियों के साथ सफलतापूर्वक संपन्न हुई। कार्यक्रम में स्थानीय प्रतिभाओं को मंच प्रदान किया गया, जहाँ गुरुकुलम् कथक साधना केंद्र के कलाकारों ने अपनी उत्कृष्ट प्रस्तुतियों से पूरे वातावरण को सांस्कृतिक रंगों से भर दिया।
गुरुकुलम् कथक साधना केंद्र की प्रबंधक सुश्री अनुपमा त्रिपाठी के कुशल निर्देशन में छात्राओं ने शास्त्रीय संगीत, कथक नृत्य, गायन और वादन की अनूठी झलक दिखाई। दर्शकों ने इन प्रस्तुतियों का भरपूर आनंद लिया और कलाकारों की सराहना की।
मुख्य प्रस्तुतियों ने बाँधा समां
भक्तिमय शुरुआत:
कार्यक्रम का शुभारंभ छात्राओं द्वारा श्री कृष्ण स्तुति एवं शिव स्तुति के भावपूर्ण गायन और नृत्य से हुआ, जिसने वातावरण को भक्तिमय बना दिया।
कथात्मक कथक प्रस्तुति:
कथक नृत्य के माध्यम से श्री राम लघु कथा का सुंदर मंचन किया गया।
वे छात्राएँ जिन्होंने अपनी अभिव्यक्तियों और मुद्राओं से दर्शकों को मोहित किया—
वेदांशी बाजपेई, अग्रिमा साहू, अन्वी साहू, आराध्या श्रीवास्तव, सभ्यता खन्ना और वीरता सिंह।
इन छात्राओं ने कथक की लय, भाव और ताल का अद्भुत संयोजन प्रस्तुत किया।
तबला वादन का आकर्षण:
कार्यक्रम का विशेष आकर्षण युवा कलाकार अनमोल द्विवेदी का तबला सोलो वादन रहा।
उन्होंने तीन ताल में पारंपरिक बंदिशें, शिव स्तुति, गणेश स्तुति तथा बुंदेलखंड महिमा पर आधारित रचनाएँ प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
भक्ति गीत—वैष्णव जन तो:
श्लोक राज ओमर ने नरसिंह मेहता द्वारा रचित प्रसिद्ध भजन “वैष्णव जन तो” की मधुर प्रस्तुति दी।
हारमोनियम संगत लोकेश सिंह ने की।
पूरे कार्यक्रम का संयोजित संचालन आयुषी त्रिपाठी ने किया।
सम्मान और प्रोत्साहन
कार्यक्रम में उपस्थित ग्रामोद्योग परिक्षेत्रीय अधिकारी योगेंद्र कुमार, क्षेत्र के गणमान्यजन तथा अनेक कला प्रेमियों ने कलाकारों की प्रतिभा की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड ने इस आयोजन को भारतीय संस्कृति और शास्त्रीय कला के संवर्धन की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बताया।
विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उपस्थित रहे—
महान विभूति पंडित अवधेश कुमार द्विवेदी (मृदंगाचार्य), साधना त्रिपाठी, प्रगति खन्ना, लक्ष्मी द्विवेदी, प्रियंका वाजपेई, सुरेश द्विवेदी, चंद्रावती सिंह, डॉ. बी.एल. कुशवाहा, दीनदयाल सोनी आदि।
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