बाँदा को मिलने जा रहा अटल सरोवर पार्क देखने में कैसा होगा, यहां देखिये
बाँदा की पहचान है नवाब टैंक, जो लोग यहां बाहर से आते हैं वो जल्द ही जान जाते हैं कि यहां पर एक बेहद खूबसूरत तालाब है क्योंकि..
बाँदा की पहचान है नवाब टैंक, जो लोग यहां बाहर से आते हैं वो जल्द ही जान जाते हैं कि यहां पर एक बेहद खूबसूरत तालाब है। क्योंकि बाँदा शहर में कुछेक स्थानों को छोड़ दिया जाये तो मनोरंजन या पर्यटन के नाम पर यहां ज्यादा कुछ नहीं है।
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ले-देकर शहर के एक छोर पर भूरागढ़ का ऐतिहासिक दुर्ग, तो दूसरे छोर पर नवाब टैंक स्थित है। इसके अलावा शहर के दक्षिणी भाग में वामदेव ऋषि की तपोस्थली के रूप में विख्यात ऐतिहासिक वामदेवेश्वर पर्वत जिसे शहरवासी बाम्बेश्वर पर्वत कहते हैं, वो भी अध्यात्म और पर्यटन का प्राचीन केन्द्र है। पार्क के नाम पर भी यहां केवल एक अवस्थी पार्क है, जो नगर पालिका परिषद के सामने स्थित है, पर रख-रखाव के अभाव के बावजूद यह भी बांदा वासियों के लिए मॉर्निंग वॉक तक ही सीमित रह गया है।
लेकिन यहां हम बात करेंगे नवाब टैंक की, जिसे किसी समय शंकर सरोवर के नाम से जाना जाता था, वह नवाबों के समय में नवाब टैंक में परिवर्तित हो गया। बाँदा नवाब ने इस ऐतिहासिक सरोवर का जीर्णोद्धार कराया तभी से लोगों ने इसे नवाब टैंक कहना शुरू कर दिया। लेकिन इसी नवाब टैंक तथा इसके एक ओर बने वन चेतना पार्क व दूसरी ओर पड़ी खाली जमीन का उपयोग करके इसे अटल सरोवर पार्क के रूप में बाँदा की जनता के सामने लाया जा रहा है। यानि एक बार फिर से मॉडर्न रूप में इस पूरे स्थान को सुसज्जित किया जा रहा है। ताकि बांदा वासियों को मनोरंजन व टूरिज्म का एक नया स्थान मिल सके।
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बाँदा के जिलाधिकारी आनन्द कुमार सिंह और बाँदा सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी के संयुक्त प्रयासों का नतीजा है कि बाँदा की जनता को पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी बाजपेयी की स्मृति में अटल सरोवर पार्क के रूप में एक खूबसूरत पार्क 2-3 माह के अन्दर मिलने वाला है। इस पर काम काफी तेजी से चल रहा है। जिलाधिकारी आनन्द कुमार सिंह की मानें तो ये पूरा प्रोजेक्ट इतना खूबसूरत है कि जब ये बन कर तैयार होगा तो बांदा वासियों की कल्पना से भी ज्यादा होगा।
जिलाधिकारी आनन्द कुमार सिंह कहते हैं, "अटल सरोवर पार्क के लिए हम काफी समय से प्रयासरत हैं, सबसे पहले इस पूरे प्रोजेक्ट को विकास प्राधिकरण से बनवा कर कुशल आर्किटेक्ट से इसका डिजाइन तैयार कराया गया और उसी डिजाइन पर काम चल रहा है, शीघ्र ही यह पार्क बनकर तैयार होगा, इसके लिए निर्देश दे दिये हैं।"
हम आपको अटल सरोवर पार्क के दूसरी ओर जो जमीन खाली पड़ी थी, उसका एक ले-आउट दिखा रहे हैं। इसी जमीन पर गत 15 अगस्त को स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर 151 फिट ऊंचा भारतीय ध्वज लगाकर फहराया गया था।
इस ले-आउट को देखने से ही पता चलता है कि जब ये पार्क बनकर तैयार होगा तो कितना खूबसूरत बनेगा। इसी पार्क में पाथ वे और ओपन जिम बनेगा, साथ ही जगह-जगह पर बैठने के लिए बेंच के साथ हरियाली और पेड़-पौधे बरबस ही मन मोह लेंगे। तालाब के बीचों-बीच एक म्यूजिकल फाउन्टेन भी लगेगा जो रात के समय लाइट और साउंड के साथ इस पूरे माहौल को और भी खूबसूरत बना देगा। ये तब और भी भव्य लगेगा जब म्यूजिकल फाउन्टेन के साथ बगल में लगा 151 फिट ऊंचा तिरंगा झंडा दूधिया प्रकाश में फहरा रहा होगा। ये पूरा सीन वाकई कितना खूबसूरत होगा, ये अभी केवल कल्पना ही की जा सकती है। पर जल्द ही ये कल्पना साकार होने वाली है।
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तालाब में बोटिंग की भी व्यवस्था होगा, पैडल बोट और स्टीमर से लोग तालाब में जल विहार कर पायेंगे। इसी तालाब के एक ओर वन चेतना पार्क को भी नये सिरे से डेवलप किया जा रहा है, जहां बच्चों के लिए नये-नये झूले लगाये जायेंगे।
बांदा विकास प्राधिकरण इस पूरे प्रोजेक्ट पर जिलाधिकारी के निर्देशों के तहत काम कर रहा है। जिलाधिकारी ने भी इस पूरे प्रोजेक्ट को जल्द ही पूरा करने के निर्देश दे दिये हैं, ताकि बांदा वासियों को एक खूबसूरत पार्क का जल्द दीदार हो सके।
बाँदा के सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी कहते हैं, "बाँदा का सर्वांगीण विकास उनकी प्राथमिकता है। इसके लिए सड़क, बिजली, पानी जैसी मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करते हुए अब शहर को सुन्दर बनाने की आवश्यकता है। उसी कड़ी में ये एक प्रयास है, जो निश्चित ही बाँदा की जनता को पसन्द आयेगा। इसके अलावा भी अनेक परियोजनायें चल रही हैं, जो बाँदा का सर्वांगीण विकास करने में सहायक होंगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का भी विशेष ध्यान बुन्देलखण्ड की ओर है, हरेक कार्य का वो सूक्ष्मता से अध्ययन करते हैं। मेरे द्वारा भी उन्हें समय-समय पर बाँदा के विकास के सम्बन्ध में अवगत कराया गया है।"