राम मंदिर निर्माण में दद्दू और रावण का अड़ंगा

Ram Mandir Nirman

May 26, 2020 - 21:36
May 27, 2020 - 13:13
 0  3
राम मंदिर निर्माण में दद्दू और रावण का अड़ंगा

हिंदू आस्था का केंद्र और मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या का विवाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला देकर समाप्त कर दिया था। राम जन्मभूमि को हिन्दुओं के पक्ष में देकर सुप्रीम कोर्ट ने भारतवर्ष में विगत साढ़े पांच सौ वर्षों से चला आ रहा विवाद समाप्त कर दिया था। उधर मंदिर निर्माण भी शुरू हो चुका है परन्तु कोई न कोई इस कार्य में बाधा डालकर इसे फिर से विवादित बनाना चाहता है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री दद्दू प्रसाद का संगठन सामाजिक परिवर्तन मिशन ने इसी बात को लेकर आज कई जिलों में रामजन्मभूमि स्थान को पुरातात्विक स्थल घोषित करने की मांग कर डाली।

इस संगठन के राष्ट्रीय संयोजक दद्दू प्रसाद पूर्व में मायावती सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। दद्दू के निर्देश पर संगठन के पदाधिकारियों ने आज बांदा सहित कई जिलों में जिलाधिकारी के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति भेजे गए ज्ञापन में मांग की है कि अयोध्या में खुदाई के दौरान 2000 वर्ष पुरानी बौद्ध प्रतिमाएं, शिलालेख, धम्मचक्र आदि बौद्धकालीन प्रतीक व अवशेष प्राप्त हो रहे हैं। जो पुरातात्विक व ऐतिहासिक महत्व के दृष्टिकोण से मूल्यवान हैं। ऐतिहासिक स्थलों के साथ छेड़खानी करना और उनकी रचना व बनावट में बदलाव करना इतिहास को मिटाने के समान है और यह एक अक्षम्य अपराध है। इसलिए इस स्थान को पुरातात्विक स्थल घोषित किया जाये।

बुन्देलखण्ड न्यूज से फोन पर पूर्व मंत्री दद्दू प्रसाद ने बताया कि उनके निर्देश पर पूरे प्रदेश में सभी जिला मुख्यालयों में ज्ञापन दिये जा रहे हैं।
ये रहा ज्ञापन-

इस ज्ञापन में कहा गया है कि अयोध्या में समतलीकरण व खुदाई के दौरान तथागत बुद्ध की प्रतिमा व बौद्ध प्रतिमाएं अवशेष मिलने से उनके ऐतिहासिक पुरातात्विक महत्व से इंकार नहीं किया जा सकता। संपूर्ण भारतवर्ष में अनेकों बौद्ध स्थलों का रखरखाव व नियंत्रण भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पास है। इसलिए इस स्थान की खुदाई तत्काल प्रभाव से रोकी जानी चाहिए। और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की निगरानी में विधिवत उत्खनन कार्य कराया जाए। उत्खनन स्थल को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के क्षेत्र में देकर राष्ट्रीय स्मारक के रूप में संरक्षित कर दिया जाए। इन सभी स्थलों का ऐतिहासिक महत्व है। साथ ही मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का मंदिर अयोध्या में ही किसी अन्य स्थल पर निर्मित कराया जाए।

ऐसा ही एक अड़ंगा भीम आर्मी के चीफ चन्द्रशेखर रावण ने भी लगाया है। रावण ने 23 मई को ट्वीट कर कहा था, "अयोध्या में खुदाई के बाद मिल रहे अवशेष चीखकर बोल रहे हैं कि ये बुद्ध से जुड़े हैं। अतः /@UNESCO व पुरातत्व विभाग के स्पष्टीकरण तक किसी भी तरह का निर्माण कार्य तत्काल रोका जाए। वहाँ पर बौद्ध स्थल बनाने के लिए हम जल्द ही आंदोलन का आगाज करेंगे।"
ये रहा रावण का 23 मई का ट्वीट -

आपको बता दें कि चन्द्रशेखर रावण नवम्बर 2018 में अयोध्या जाकर अयोध्या का नाम बदलकर साकेत करने का राग अलाप चुके हैं। यही नहीं उस समय भी चन्द्रशेखर रावण ने अयोध्या को बुद्ध संस्कृति का केन्द्र बताते हुए वहां बौद्ध विहार बनाने की मांग उठाई थी।

प्रदेश के मंत्री और धर्म नगरी चित्रकूट निवासी चन्द्रिका प्रसाद उपाध्याय ने बुन्देलखण्ड न्यूज से बताया,

"सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब इस प्रकरण का कोई अर्थ नहीं है। इस बात का न तो कोई कानूनी, न तो सामाजिक और न ही धार्मिक अर्थ है। कुछ लोगों को अखबारों में छपने की चाह होती है इसीलिए ऐसा करते रहते हैं।"

दरअसल देश में जब लाॅकडाउन था तो राम मन्दिर का निर्माण शुरू नहीं हो पा रहा था, पर चौथे लाॅकडाउन में जब निर्माण के लिए छूट मिली तो राम मन्दिर का भी निर्माण शुरू हो सका। 11 मई से शुरू हुए इस निर्माण में जब समतलीकरण का कार्य किया जा रहा था तो यहां पर देवी-देवताओं की खंडित मूतियां, पुष्प कलश व नक्काशीदार खम्भे मिले। यहां रेड सैंड स्टोन और ब्लैक सैंड स्टोन के नक्काशीदार खम्भे मिले हैं। इसके अलावा 5 फीट का एक नक्काशीदार शिवलिंग भी मिला है। श्रीरामजन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय बताते हैं कि अब तक जहां भी खुदाई हुई है, वहां बड़ी संख्या में प्राचीन अवशेष मिले हैं।

गाहे-बगाहे इस देश के आराध्य भगवान श्रीराम के अस्तित्व पर सवाल उठाने वाले भी कहीं न कहीं इसी देश के कानून का सहारा लेकर बचते रहे हैं। बहुसंख्यकों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने की तो जैसे इन्हें छूट ही मिली हुई है। लेकिन पिछले वर्ष नवम्बर में ही सैकड़ों वर्षों से रूके भगवान राम का भव्य मंदिर बनने की योजना को जैसे ही गति मिली और इसी वर्ष रामनवमी के दिन यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जब इस कार्य का प्रारम्भ किया तो लगा जैसे हिन्दुओं की आस्था का यह केन्द्र एक बार फिर से निर्विवादित होकर सम्पूर्ण विश्व को मर्यादित रहने के ज्ञान का प्रसार कर सकेगा। पर ऐसी बाधाओं से एक बार फिर से इस देश का बहुसंख्यक समुदाय दुखी हुआ है।

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 1
admin As a passionate news reporter, I am fueled by an insatiable curiosity and an unwavering commitment to truth. With a keen eye for detail and a relentless pursuit of stories, I strive to deliver timely and accurate information that empowers and engages readers.