कामदगिरि पीठम में हुआ तुलसी जयंती का आयोजन
संत महाकवि गोस्वामी तुलसीदास युगदृष्टा लोक मार्गदर्शक हैं। उन्होंने रामचरितमानस रचकर मानव के विकारों...
लोक मार्गदर्शक हैं गोस्वामी तुलसीदास : रामस्वरूपाचार्य महाराज
चित्रकूट(संवाददाता)। संत महाकवि गोस्वामी तुलसीदास युगदृष्टा लोक मार्गदर्शक हैं। उन्होंने रामचरितमानस रचकर मानव के विकारों का उपचार और मानवता पर उपकार किया है।
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यह उद्गार रामकथा वाचक कामदगिरि पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी रामस्वरूपाचार्य महाराज ने कामदगिरि पीठम में आयोजित तुलसी जयंती समारोह के अवसर पर व्याख्यान देते हुए व्यक्त किया। इस अवसर पर कामतानाथ मंदिर प्रमुख द्वार के संत मदनगोपाल दास महाराज ने कहा कि विश्व में मानव मिल जाएंगे लेकिन मानवता भारत की भूमि में ही मिलेगी, क्योंकि गोस्वामी तुलसीदास दास जी जैसे संत ने मानवता अक्षुण्ण रहे इसके लिए समूचे लोक को रामचरितमानस पथ प्रदर्शक ग्रंथ सौंपा है जो स्वयं में भगवद स्वरूप है।
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विरक्त संत मण्डल के अध्यक्ष नागा सनकादिक ब्रम्हचारी महाराज ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास का जन्म चित्रकूट के राजापुर में हुआ। इसलिए दुनिया के लोग चित्रकूटधाम को मानवता की प्रेरक भूमि मानते हैं, लेकिन विडंबना है कि कालांतर में इस पुण्य धरा का स्वरूप बदलता जा रहा है। यहां के आध्यात्मिक, धार्मिक और सांस्कृतिक वैभव को बचाए रखने के लिए संतों को आगे आना होगा। तुलसी दास के दिखाए राह पर ही चलकर राम और राष्ट्र के मूल्यों को बचा पाएंगे। समारोह में निर्मोही अखाड़े के महंत ओंकार दास, महंत माधवदास, संत नरसिंदास, मोहनदास, नंदकिशोर दास, मणिराम दास, बालकदास समेत बड़ी संख्या में साधू संत मौजूद रहे। इसके पूर्व गोस्वामी तुलसीदास के विग्रह का कामतानाथ मंदिर के अधिकारी संत मदनगोपाल दास ने पूजन अर्चन किया। तत्पश्चात् संतों की अगुवाई में कामदगिरि परिक्रमा पथ पर श्रीरामचरितमानस की चौपाइयों का अनवरत गायन करते हुए भव्य शोभायात्रा निकाली गई।