दीक्षांत समारोह में विद्वानों ने जीवन आदर्श का पाठ पढ़ाया

महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के 11वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर विद्वानों ने जीवन आदर्श...

दीक्षांत समारोह में विद्वानों ने जीवन आदर्श का पाठ पढ़ाया

चित्रकूट। महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के 11वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर विद्वानों ने जीवन आदर्श, विद्या, राष्ट्र प्रेम, सनातन संस्कृति और भारतीय परम्परा का व्यावहारिक पाठ पढ़ाया।

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सद्गुरु रितेश्वर जी महाराज पीठाधीश्वर आनंदम धाम पीठ श्रीधाम वृंदावन ने कहा कि नानाजी देशमुख द्वारा परिकल्पित देश के पहले ग्रामोदय विश्वविद्यालय से उपाधि लेकर जाने वाली विद्यार्थी को भारत के विकास और मानवता के विकास के लिए काम करना चाहिए। इससे तनाव रहित जीवन और बसुधैव कुटुंबकम के नारे को यथार्थ का धरातल मिल सकेगा। कुशा भाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय रायपुर छत्तीसगढ़ के कुलपति प्रो बलदेव भाई शर्मा ने कहा कि भारत के स्वाधीन होने पर राष्ट्र के विकास की संकल्पना रखी गई थी। सरकारी स्तर ने इसे ठीक से क्रियान्वित नहीं किया गया था। नानाजी देशमुख ने गोंडा और चित्रकूट में इसे ग्रामोदय के रूप में साकार कर दिखाया। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति विश्वविद्यालय अमरकंटक के कुलपति प्रो. प्रकाशमणि त्रिपाठी ने कहा कि विश्वविद्यालय अपने लक्षण के अनुरूप देश के मानक विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा मनुष्य के विकास की अति महत्वपूर्ण कुंजी है। ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो भरत मिश्रा ने विकसित भारत के लक्ष्य की दिशा में विद्यार्थियों को सजगता के साथ काम करने की सलाह दी।

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इस अवसर पर विधायक सुरेंद्र सिंह गहरवार, दीनदयाल शोध संस्थान के राष्ट्रीय महासचिव अभय महाजन, विनोद तिवारी सतना, साधना तिवारी सतना, विवेक विनायक, राव धोगडी नागपुर, डॉ आरसी अग्रवाल दिल्ली, डॉ राजेंद्र प्रसाद नेगी मझगवा, डॉ यादवेंद्र प्रताप सिंह ग्वालियर, डॉ पूर्णिमा दांते भोपाल आदि मौजूद रहे।

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