हाईस्कूल का पेपर देकर घर लौटी रुचि को, ऐसा कौन सा तनाव था, जिसने इतना बडा कदम उठाया
खरेला (महोबा) थाना क्षेत्र के बारी गांव में 16 वर्षीय छात्रा ने हाईस्कूल का पेपर देकर लौटने के बाद घर पर फंदा लगा कर जान दे दी..
खरेला (महोबा) थाना क्षेत्र के बारी गांव में 16 वर्षीय छात्रा ने हाईस्कूल का पेपर देकर लौटने के बाद घर पर फंदा लगा कर जान दे दी। छात्रा के चचेरे भाई ने बताया कि पेपर देकर लौटने के बाद वह तनाव में थी। जिस समय घटना हुई उस वक्त घर के लोग खेत पर थे। दोपहर बाद स्वजन के घर लौटने पर घटना की जानकारी हो सकी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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क्षेत्र के गांव निवासी पुट्टन सेन के एक पुत्र व चार पुत्रियों में 16 वर्षीय रुचि कस्बा के ही बाबू रामेश्वर सिंह इंटर कालेज में कक्षा दस की छात्रा थी। गुरुवार को उसका हाईस्कूल बोर्ड परीक्षा में पहला पेपर था। पिता ने बताया कि रुचि का सेंटर कस्बा के ही गोकुल प्रसाद कन्या माध्यमिक स्कूल में था। वह सुबह सात बजे ही पेपर देने के लिए निकल गई थी। इधर परिवार के अन्य लोग खेत चले गए थे।
वहीं घर पर छह साल की बेटी सृष्टि थी। बतायाकि जब रुचि पेपर देकर लौटी तो वह सीधे अपने कमरे में चली गई और दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। इस पर सृष्टि बाहर बैठ कर रोने लगी। पड़ोसियों ने खेत पर आकर बताया कि उनकी बेटी घर पर रो रही है। वह लोग घर आए तो कमरा अंदर से बंद था। आवाज देने पर न खुला तो उसे तोड़ दिया। अंदर देखा तो रुचि फंदे से लटकी हुई थी। उसे नीचे उतारा गया लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
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वहीं दिवंगत छात्रा के चचेरे भाई कुंवर बहादुर ने बताया कि रुचि जब पेपर देकर लौटी थी तो काफी परेशान लग रही थी, इससे लग रहा था कि उसका पेपर ठीक नहीं हुआ है। घटना से मां रानी सेन व रुचि के बहनों में 12 वर्षीय खुशी, आठ वर्षीय प्राची, छह वर्षीय सृष्टि, 10 वर्षीय भाई आदर्श का रो-रोकर बुरा हाल है। खरेला थाना प्रभारी दिनेश तिवारी ने बताया कि छात्रा के चचेरे भाई के अनुसार जब छात्रा पेपर देकर लौटी थी तो काफी तनाव में थी इससे लगता है कि पेपर खराब होने से ही उसने आत्महत्या जैसा कदम उठाया।
बताया कि पहले परिवार के लोग पोस्टमार्टम कराने से मना कर रहे थे, लेकिन बाद में समझाने पर मान गए, शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया था। अन्य कार्रवाई पूरी की जा रही है। इंसेट- अभिभावक बच्चों को प्रेरित करें - बच्चों को परीक्षा से घबराने की जरूरत नहीं है, माता-पिता को भी चाहिए कि वह बच्चों कौ हौसला बढ़ाएं, उन्हें प्रेरित करें। एक पेपर में नंबर कम भी मिलें तो चिता नहीं आगे और मेहनत कर सकते हैं, कोरोना काल में कक्षाएं नियमित न चलने के कारण बच्चों को जरूर परेशानी हुई है लेकिन फिर भी उन्हें हिम्मत नहीं हारनी चाहिए, एक पेपर खराब होने से जिदगी नहीं ठहर जाती, आगे और भी बहुत मौके आते हैं। छात्र-छात्राओं को अपनी मेहनत पर भरोसा होना चाहिए। लाल सिंह, सहायक अध्यापक, काशी प्रसाद इंटर कालेज खरेला।
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