अनुसूचित जाति के लोगों के लिए आरक्षित श्मशान घाट में प्रधान ने बनवाया गौशाला, पीड़ित सीएम को सुनाएंगे व्यथा
अनुसूचित जाति के व्यक्तियों के लिए आरक्षित श्मशान घाट की भूमि पर ग्राम प्रधान द्वारा गौशाला का निर्माण कराया जा...
अनुसूचित जाति के व्यक्तियों के लिए आरक्षित श्मशान घाट की भूमि पर ग्राम प्रधान द्वारा गौशाला का निर्माण कराया जा रहा है। जिससे अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को अंतिम संस्कार के लिए कोई जमीन नहीं रह गई है। इसी बात से नाराज पीड़ितों ने मंगलवार को चिंगारी संगठन के बैनर तले कमिश्नर चित्रकूट मंडल से मुलाकात की और चेतावनी देते हुए कहा कि 20 दिसंबर तक अगर हमारी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो, 21 दिसंबर को हम सभी लोग लखनऊ के लिए पैदल मार्च करेंगे और मुख्यमंत्री को अपनी व्यथा सुनाएंगे।
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तहसील नरैनी के अंतर्गत ग्राम पंचायत पिपरहरी के निवासी ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत पिपरहरी में गाटा संख्या 409, 410 व 414 श्रेणी 6-3 अनुसूचित जाति मरघट के लिए आरक्षित भूमि है। इसी भूमि में कई पीढ़ियों से अनुसूचित जाति के मृतकों की अंत्येष्टि की जाती है। जिसमें अंतिम संस्कार किए गए हमारे पूर्वजों की चिंताएं हैं, लेकिन इस गांव की प्रधान चंदा देवी व प्रधान पति चंद्रपाल ने हमारे पूर्वजों की चिताओं को खुदवा कर वहां गौशाला का निर्माण शुरू करा दिया है। जब हमने ऐसा करने से ग्राम प्रधान व उनके पति को रोका तो उन्होंने कहा कि अगर नेतागिरी करोगे तो सरकारी कार्य में बाधा डालने का आरोप लगाकर जेल भिजवा दिया जाएगा।
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तब बाध्य होकर हम सब ने 15 सितंबर 2022 को चित्रकूट मंडल के आयुक्त को ज्ञापन देकर मरघट के लिए आरक्षित भूमि पर ग्राम प्रधान द्वारा अवैध तरीके से बनाए जा रहे गौशाला निर्माण को रोकने का अनुरोध किया था। इस पर कमिश्नर ने खंड विकास अधिकारी को निर्देशित किया था कि उक्त भूमि मरघट के लिए आरक्षित है। अगर उसमें कोई निर्माण हो रहा है तो उसे रोक दिया जाए। कमिश्नर के इस आदेश पर भी कार्य नहीं रोका दिया गया। इसके बाद गांव के भरत लाल, रामदास, रविंद्र, मदन व विजय बहादुर आदि ने एसडीएम नरैनी से मिलकर पूर्वजों की चिताओं में बनाए जा रहे गौशाला को रुकवाने की मांग की लेकिन उन्होंने भी प्रधान का पक्ष लिया। साथ ही ग्रामीणों को ऑफिस से धक्के देकर बाहर निकलवा दिया।
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ग्रामीणों का कहना है कि अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित मरघट पर प्रधान व एसडीएम की सांठगांठ से गौशाला का निर्माण कराया जा रहा है। इस पर कार्रवाई की जाए, अन्यथा हम सब उग्र आंदोलन करने के लिए कमर कसकर तैयार हैं। ग्रामीणों ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर 20 दिसंबर तक हमारी समस्या का निस्तारण नहीं किया गया तो 21दिसंबर को हम सब लखनऊ के लिए पैदल मार्च शुरू करेंगे। ज्ञापन देने वालों में गांव के राममिलन, माया, शारदा, बुद्ध विलास, मुन्ना, रामदास, अजय, लल्लू, दिनेश, भरत लाल, रामस्वरूप, रामाश्रय, विमला देवी, राममिलन संतोष व नवल किशोर आदि शामिल रहे ।