दिल्ली (एम्स) के समूचे सिस्टम एवं डाटा को हैकर्स ने किया हैक, 200 करोड क्रिप्टोकरेंसी की मांगी फिरौती
भारत का सबसे प्रतिष्ठित अस्पताल यानी दिल्ली (एम्स) के समूचे सिस्टम एवं डाटा को पिछले छः दिनों से हैकर्स ने हैक कर...
भारत का सबसे प्रतिष्ठित अस्पताल यानी दिल्ली (एम्स) के समूचे सिस्टम एवं डाटा को पिछले छः दिनों से हैकर्स ने हैक कर लिया है। पिछले छः दिनों से इस विशाल एवं महत्त्वपूर्ण अस्पताल का कम्प्युटर सिस्टम हैक पड़ा हुआ है। कई आपातकालीन सेवाएं तथा पैथोलॉजी जैसे सिस्टम मैनुअली चलाए जा रहे हैं। हैकरों ने इसे छोड़ने के लिए फिरौती के रूप में 200 करोड़ की क्रिप्टोकरेंसी की मांग रखी है।
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एम्स में इलाज कराने वाले प्रत्येक व्यक्ति के आधार कार्ड की डीटेल्स, उसकी बीमारी, उसके इलाज, उसके मेडिकल इंश्योरेंस, उसका मोबाईल नंबर जैसी तमाम महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ हैकर्स के पास पहुँच चुकी हैं। इसका वे लोग क्या करेंगे, कहना मुश्किल है। कई जांच एजेंसियां इस मामले में तहकीकात में जुट गई हैं, हालांकि इस केस में अभी तक किसी को कुछ सफलता हाथ नहीं लगी है। सभी जांच एजेंसियां विदेश से सर्वर हैक होने का संदेश जता रही थी।
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वहीं अब हैकरों के द्वारा 200 करोड़ की क्रिप्टोकरेंसी की मांग से यह साफ हो गया है कि हैकरों ने पैसे के लिए अस्पताल के सर्वर को हैक किया था। उल्लेखनीय है कि एम्स की सर्वर पर 23 नवंबर को रैनसमवेयर अटैक हुआ था। इस वजह से एम्स के ई-हास्पिटल का सर्वर व एलआइएस (लेबोरेटरी इंफार्मेशन सिस्टम) का सर्वर खराब हो गया था। इसके अलावा इन दोनों के बैकअप सर्वर में भी सेंध लगा था। इस वजह से 23 नवंबर से ही एम्स की डिजिटल सेवाएं ठप है।
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सर्वर ठीक करने का प्रयास जारी
एनआइसी (नेशनल इंफार्मेटिक सेंटर), इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी-आइएन) व सीडैक (सेंटर फार डेवलपमेंट आफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग) की टीम एम्स की सर्वर को ठीक करने में जुटी हैं। एम्स में मौजूद सभी पांच हजार कंप्यूटर को स्कैन किया जाना है। इस कार्य में कई दिनों का समय लगेगा। इस वजह से अस्थायी सर्वर से चरणबद्ध तरीके से डिजिटल सेवाओं को शुरू करने की योजना थी। बताया जा रहा है कि अभी डिजिटल सेवाओं को शुरू करने में एक-दो दिन समय लग सकता है।