बाँदा : दुर्लभ प्रजाति के काले हिरण का शिकार कर रहे चार शिकारियों को पुलिस ने दबोचा

उत्तर प्रदेश के जनपद बांदा में दुर्लभ प्रजाति के काले हिरण को शिकारियों ने जाल में फंसा कर कुल्हाड़ी व डंडों से मार डाला। पुलिस ने सूचना मिलने..

बाँदा : दुर्लभ प्रजाति के काले हिरण का शिकार कर रहे चार शिकारियों को पुलिस ने दबोचा

बांदा, 

उत्तर प्रदेश के जनपद बांदा में दुर्लभ प्रजाति के काले हिरण को शिकारियों ने जाल में फंसा कर कुल्हाड़ी व डंडों से मार डाला। पुलिस ने सूचना मिलने पर शिकारियों में से चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया जबकि सात शिकारी मौके से फरार हो गए। इन सभी शिकारियों के खिलाफ थाने में मुकदमा पंजीकृत किया गया है। पुलिस ने मौके से हिरण का शव व हिरण के शिकार करने के दौरान प्रयुक्त जाल व कुल्हाड़ी व डंडे आदि बरामद किया है। 

पैलानी थाना क्षेत्र के गजनी गांव में गुरुवार सुबह करीब 10 बजे जाल बिछाकर कुछ शिकारी हिरण का शिकार कर रहे थे। जाल में फंसे एक हिरण को कुल्हाड़ी और डंडे से पीट पीट कर हत्या कर दी। ग्रामीणों की सूचना पर पहुँची पुलिस व वन विभाग टीम को देख शिकारी भागने लगे, तभी पुलिस ने दौड़ा कर 4 शिकारियों को गिरफ्तार कर लिया। हिरण के शिकार में प्रयुक्त जाल, कुल्हाड़ी और डण्डे आदि भी को बरामद कर लिया। वन विभाग के रेंजर श्यामलाल की तहरीर पर शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम तिंदवारी में करवाया गया। 

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इस बारे में इंस्पेक्टर अर्जुन सिंह ने बताया कि काला हिरण का शिकार कर रहे कमल पुत्र शिवसहाय केवट, रामरतन केवट पुत्र रामबहोरी केवट, बलबीर पुत्र देवशरण केवट, रामकेश केवट पुत्र चंद्रपाल केवट निवासी बेंदा मजरा लाहा केवटरा को गिरफ्तार किया गया है। सभी पर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9/39/51 पर दर्ज किया गया है। सभी 11 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। चार को जेल भेजा जाएगा। जो शिकारी मौके से फरार हो गए हैं, उनको भी जल्द गिरफ्तार कर जेल भेजा जायेगा।

बताते चले कि एक दशक पहले यहां काले हिरनों की संख्या करीब 1368 थी, जो वर्ष 2019 की वन्य जीव गणना में 259 रह गई। वैसे हिरन की प्रजाति के अन्य हिरनों को मिलाकर कुल संख्या 977 हो गई है। वन विभाग ने इनकी निगरानी के लिए कई टीमें बना दी हैं। ग्रामीण बताते है कि एक दशक पहले तक गांवों के आसपास काले हिरनों का झुंड नजर आता था, जो अब कम ही दिखता है। जिले में दुलर्भ प्रजाति के काले हिरन तिन्दवारी, पैलानी , नौगवां, करतल, बहादुरपुर, स्योढा , रामपुर ,कालिंजर आदि इलाकों में पाए जाते हैं।

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